आवोगाद्रो नियम: Difference between revisions
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इस संबंध का तात्पर्य यह है कि यदि आप तापमान और दबाव को स्थिर रखते हुए किसी गैस के मोल की संख्या दोगुनी कर देते हैं, तो गैस का आयतन भी दोगुना हो जाएगा। इसी तरह, यदि आप मोल की संख्या घटाते हैं, तो घनफल (वॉल्यूम) आनुपातिक रूप से घट जाएगा। | इस संबंध का तात्पर्य यह है कि यदि आप तापमान और दबाव को स्थिर रखते हुए किसी गैस के मोल की संख्या दोगुनी कर देते हैं, तो गैस का आयतन भी दोगुना हो जाएगा। इसी तरह, यदि आप मोल की संख्या घटाते हैं, तो घनफल (वॉल्यूम) आनुपातिक रूप से घट जाएगा। | ||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* आवोगाद्रो का नियम क्या है ? | |||
* गणितीय रूप से अवोगाद्रो के नियम का रासायनिक सूत्र लिखिए। | |||
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Revision as of 15:28, 31 May 2024
अवोगाद्रो का नियम, इतालवी वैज्ञानिक एमेडियो अवोगाद्रो के नाम पर, रसायन विज्ञान और भौतिकी में एक मूलभूत सिद्धांत है जो गैस के आयतन को एक स्थिर तापमान और दबाव पर अणुओं या गैस के मोल की संख्या से संबंधित करता है। यह गैस नियमों में से एक है जो हमें गैसों के व्यवहार को समझने में मदद करता है।
अवोगाद्रो का नियम कहता है कि तापमान और दबाव की समान परिस्थितियों में गैसों के समान आयतन में समान संख्या में अणु होते हैं। दूसरे शब्दों में, स्थिर तापमान और दबाव पर गैस की एक निश्चित मात्रा के लिए, आयतन अणुओं या मोल की संख्या के सीधे आनुपातिक होता है।
गणितीय रूप से अवोगाद्रो के नियम को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है:
जहाँ:
गैस का आयतन है
गैस के मोल की संख्या है
इस संबंध का तात्पर्य यह है कि यदि आप तापमान और दबाव को स्थिर रखते हुए किसी गैस के मोल की संख्या दोगुनी कर देते हैं, तो गैस का आयतन भी दोगुना हो जाएगा। इसी तरह, यदि आप मोल की संख्या घटाते हैं, तो घनफल (वॉल्यूम) आनुपातिक रूप से घट जाएगा।
अभ्यास प्रश्न
- आवोगाद्रो का नियम क्या है ?
- गणितीय रूप से अवोगाद्रो के नियम का रासायनिक सूत्र लिखिए।