Ka तथा Kb में सम्बन्ध: Difference between revisions
Listen
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 7: | Line 7: | ||
<chem>Ka = [H3O+] [NH3]/[NH4+]</chem> | <chem>Ka = [H3O+] [NH3]/[NH4+]</chem> | ||
<math>= 5.6\times 10 | <math>= 5.6\times 10</math><sup>-10</sup> | ||
<chem>NH3(aq) + H2O(l) <=> NH4+(aq) + OH-(aq)</chem> | <chem>NH3(aq) + H2O(l) <=> NH4+(aq) + OH-(aq)</chem> |
Latest revision as of 12:25, 3 June 2024
Ka तथा Kb क्रमशः अम्ल और क्षारक की सामर्थ्य को दर्शाते हैं। सयुग्मी अम्ल क्षार युग्म एक दूसरे के सरल रूप से सम्बंधित है यदि एक का मान ज्ञात है तो दूसरा आसानी से ज्ञात किया जा सकता है।
उदाहरण
-10
-5
-
-14
Ka NH4+ का अम्ल के रूप में तथा Kb ,NH3 की क्षार के रूप में सामर्थ्य दर्शाता है। नेट अभिक्रिया में ध्यान देने योग्य बात ये है कि जोड़ी गई अभिक्रिया में अभिक्रिया में साम्य स्थिरांक का मान Ka तथा Kb के गुणनफल के बराबर होता है।
= (-10) (-5 )
= 1.0 -14 M
अतः
जल का आयनन स्थिरांक
शुद्ध जल की विशिष्ट चालकता बहुत कम होती है क्योकी जल और आयनों में अति अल्प आयनित होता है। जल के अणुओं में जल का केवल एक अणु आयनित होता है साधारण ताप पर जल की मोललता मोल प्रति लीटर और जल की आयनन की मात्रा है। शुद्ध जल एवं जलीय विलयनों में जल के अनआयनित अणुओं और उसके आयनों के मध्य साम्य रहता है।
इस साम्य पर द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम लगाने पर निम्न साम्यस्थिरांक व्यंजक प्राप्त होता है,
जहाँ, K, जल का आयनन स्थिरांक है।
निश्चित ताप पर, शुद्ध जल एवं तनु जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयनों, H+, और हाइड्रॉक्साइड आयनों, OH-, की सांद्रताओं का गुणनफल निश्चित और स्थिर होता है। जिसे जल का आयनिक गुणनफल कहते हैं।
साधारण ताप (250C) पर,
शुद्ध जल में हाइड्रोजन आयनों और हाइड्रॉक्साइड आयनों, की सांद्रताएँ बराबर होती हैं। अतः
[H+] = [OH-] =
साधारण ताप (250C) पर, शुद्ध जल में,
[H+] = [OH-] =
= मोल / लीटर
जिस जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयनों और हाइड्रॉक्साइड आयनों की सांद्रताएं बराबर होती हैं उसे उदासीन विलयन कहते हैं। यदि [H+] > 1.0 तो विलयन अम्लीय और यदि [H+] < 1.0 तो विलयन क्षारीय होता है। यह क्षारीय विलयन में और अम्ल के विलयन में होता है।
अभ्यास प्रश्न
जल का आयनन स्थिरांक का मान ज्ञात कीजिये।
दुर्बल अम्लों के आयनन स्थिरांक का मान ज्ञात कीजिये।