वर्गीकरण: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
 
(20 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
=== वर्गीकरण की परिभाषा :- ===
सभी जीवधारी को उनके शारीरक संरचना और कार्य के आधार पर पहचाना जा सकता है और उनका वर्गीकरण किया जा सकता है। शारीरिक बनावट में कुछ लक्षण अन्य लक्षणों की तुलना में ज्यादा परिवर्तन लाते हैं। अतः जब कोई शारीरिक बनावट अस्तित्व में आती है तो यह शरीर में होने वाले कई परिवर्तनों को प्रभावित भी करती है।
[[Category:आनुवंशिकता एवं जैव विकास]]
 
[[File:Tigridia pavonia stamen and styles - 2018-07-23 focus stack.jpg|center|thumb|stamen]]
अर्न्स्ट हेकेल, रोबर्ट व्हिटेकर और कार्ल वोस नामक जैव वैज्ञानिकों ने सारे सजीवों को जगत नामक बड़े वर्गों में विभाजित करने का प्रयास किया। व्हिटेकर द्वारा प्रस्तावित वर्गीकरण में पांच जगत हैं:
वर्गीकरण पद्धति ( classification system ) जीवों को उनके लक्षणों की समानता और असमानता के आधार पर समूह तथा उपसमूहों में व्यवस्थित करने की प्रक्रिया है . प्रारंभिक पद्धतियां कृत्रिम थी . उसके पश्चात् प्राकृतिक तथा जातिवृत्तीय वर्गीकरण पद्धतियों का विकास हुआ I <ref>https://www.advanceeducationpoint.com/home/</ref>
 
<references />
* मोनेरा
* प्रोटिस्टा
* फंजाई
* प्लांटी
* एनीमेंलिया। 
 
==एनीमेंलिया का वर्गीकरण==
जंतु जगत को 11 समूहों में वर्गीकृत किया गया है-
===पोरिफेरा===
फाइलम पोरिफेरा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*इस संघ के सदस्य सामान्यतः स्पंज के रूप में जाने जाते हैं और सामान्यतः समुद्री होते हैं।
*ये जीव अधिकतर असममित समरूपता का प्रदर्शन करते है।
*ये जीव बहुकोशिकीय होते हैं।
*शरीर संगठन कोशिकीय स्तर का होता है।
*स्पंज में जल परिवहन प्रणाली होती है। शरीर की दीवार में सूक्ष्म छिद्र (ऑस्टिया) होते हैं जिस से जल अंदर प्रवेश करता है।
*एक केंद्रीय गुहा, स्पंजोसील, उपस्थित होती है जहां से जल ऑस्कुलम के माध्यम से बाहर जाता है।
*जल परिवहन प्रणाली, भोजन एकत्रण, श्वसन में और उत्सर्जी अपशिष्ट का आदान-प्रदान और निष्कासन में सहायता करती है।
*कीनोसाइट्स या कॉलर [[कोशिका]]एं, स्पंजोसील और जल परिवहन प्रणाली की रेखा बनाती हैं।
*पाचन अंतःकोशिकीय होता है।
*कंकाल, स्पाइक्यूल्स या स्पंजिन रेशे द्वारा बने होते हैं।
*ये जीव उभयलिंगी होते हैं अर्थात लिंग अलग नहीं होते हैं। अंडे और शुक्राणु एक ही जीव द्वारा निर्मित होते हैं।
*स्पंज अलैंगिक रूप से विखंडन द्वारा प्रजनन करते हैं और लैंगिक [[प्रजनन]] [[युग्मक]] के गठन द्वारा होता है।
*[[निषेचन]] आंतरिक होता है।
*[[विकास]] अप्रत्यक्ष है। लार्वा चरण रूपात्मक रूप से वयस्क से भिन्न होता है।
===सीलेन्ट्रेटा===
फाइलम सीलेन्ट्रेटा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*ये जीव जलीय, अधिकतर समुद्री, अवृन्त या मुक्त-तैरने वाले होते हैं I
*जीवों में रेडियल समरूपता पायी जाती है I
*ये जीव [[ऊतक]] स्तर को प्रदर्शित करते हैं और डिप्लोब्लास्टिक (जिन जंतुओं में कोशिकाएँ दो भ्रूण परतों, बाहरी एक्टोडर्म और आंतरिक एंडोडर्म में व्यवस्थित होती हैं) होते हैं।
*जीवों में एक केंद्रीय जठरवाही गुहा (गुहा जो पाचन और संचार कार्य करती है) पायी जाती है। इस गुहा में एक ही छिद्र होता है जिसे हाइपोस्टोम कहते हैं। यह मुख की भाँति कार्य करता है।
*पाचन बाह्यकोशिकीय और अंतःकोशिकीय होता है।
*तंत्रिका तंत्र और संचार प्रणाली अनुपस्थित है।
*वे सरल विसरण के माध्यम से उत्सर्जन और श्वसन करते हैं।
*[[अलैंगिक जनन - उच्चतम स्तर|अलैंगिक जनन]], नवोदित के माध्यम से होती है।
*[[लैंगिक जनन - उच्चतम स्तर|लैंगिक जनन]] केवल कुछ सीलेन्ट्रेटा में ही देखा जाता है।
===टेनोफोरा===
फाइलम टेनोफोरा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*ये जीव डिप्लोब्लास्टिक होते हैं, अर्थात उनमें दो भ्रूणीय परतें होती हैं, एक्टोडर्म और एंडोडर्म।
*टेनोफोर्स रेडियल रूप से सममित होते हैं।
*इन जीवों में शारीरिक संगठन का ऊतक स्तर होता है।
*सिलिअटेड कंघी प्लेटें गतिमान अंग हैं। इसमें सिलिया का एक समूह होता है जो गति में मदद करता है। उनके पास कंघी प्लेटों की अधिकतर आठ पंक्तियाँ होती हैं।
*अधिकांश टेनोफोर्स में शिकार को पकड़ने के लिए कोलोब्लास्ट होते हैं। कोलोब्लास्ट, में निडोब्लास्ट की तरह होते हैं। वे टेंटेकल पर उपस्थित होते हैं और शिकार को पकड़ने के लिए छोड़े जाते हैं।
*आंतरिक गुहा, मुंह, ग्रसनी और आंतरिक नहरों द्वारा निर्मित होती है। आंतरिक गुहा में पोषक कोशिकाएं, रोगाणु कोशिकाएं और फोटोसाइट्स (प्रकाश उत्पन्न करने वाली कोशिकाएँ) होते हैं, जो भोजन का भंडारण करते हैं, अंडे या शुक्राणु का उत्पादन करते हैं और क्रमशः बायोल्यूमिनसेंस के लिए जिम्मेदार होते हैं।
*पाचन बाह्यकोशिकीय के साथ-साथ अंतःकोशिकीय रूप से भी होता है।
*इन जीवों में मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र नहीं है। उनके पास एक तंत्रिका जाल होता है, जो मुंह क्षेत्र के आसपास पाया जाता है और कंघी पंक्तियों और टेंटेकल्स में अधिक केंद्रित होता है।
*ये जीव उभयलिंगी हैं।
*टेनोफोर लैंगिक रूप से प्रजनन करते हैं।
*निषेचन शरीर के बाहर होता है।
*विकास अप्रत्यक्ष है। कुछ एक ही समय में शुक्राणु और अंडे का उत्पादन करते हैं और कुछ अलग-अलग समय पर।
===प्लैटिहेल्मिन्थेस===
फाइलम प्लैटिहेल्मिन्थेस की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*वे ट्रिप्लोब्लास्टिक, अगुहिक और द्विपक्षीय रूप से सममित होते हैं।
*वे स्वतंत्र जीवन जीने वाले या परजीवी हो सकते हैं।
*शरीर पर सिलिया सहित या उसके बिना एक कोमल आवरण होता है।
*उनका शरीर बिना किसी खंड के पृष्ठीय रूप से चपटा होता है और एक पत्ते की तरह दिखाई देता है।
*ये जीव मलद्वार और संचार प्रणाली से रहित हैं लेकिन उनके पास मुख होता है।
*वे शरीर की सतह के माध्यम से सरल विसरण द्वारा सांस लेते हैं।
*शरीर एक अंग स्तर का संगठन होता है।
*पाचन तंत्र अनुपस्थित होता है।
*शरीर की आंतरिक दीवार और अंगों के बीच का स्थान संयोजी ऊतक पैरेन्काइमा से भरा होता है जो भोजन सामग्री के परिवहन में सहायता करता है।
*ये जीव उभयलिंगी हैं, अर्थात, नर और मादा दोनों अंग एक ही शरीर में उपस्थित होते हैं।
*वे युग्मकों के संलयन द्वारा लैंगिक रूप से प्रजनन करते हैं और विखंडन और पुनर्जनन द्वारा अलैंगिक रूप से प्रजनन करते हैं।
*निषेचन आंतरिक है होता है।
*जीवन चक्र एक या अधिक लार्वा चरणों के साथ जटिल है।
*ज्वाला कोशिकाएं [[उत्सर्जन]] और [[परासरण]] नियमन में सहायता करती हैं।
*तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और सीढ़ी की तरह व्यवस्थित दो अनुदैर्ध्य तंत्रिका रज्जु सम्मिलित होते हैं।
[[File:Wuchereria bancrofti 1 DPDX.JPG|thumb|'''''वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टि''''']]
===नेमाटोडा===
फाइलम नेमाटोडा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*शरीर द्विपक्षीय रूप से सममित और त्रिकोशीय है।
*शरीर खंडित, लंबा और अंत में पतला होता है।
*शरीर में मेटामेरिक विभाजन नहीं पाया जाता है।
*वे द्विलिंगी होते हैं, नर सामान्यतः मादाओं की तुलना में छोटे होते हैं।
*इस संघ के जंतुओं में स्यूडोसीलोम (झूठा कोइलोम) होता है।
*इस संघ के जंतुओं के पास शरीर संगठन का एक अंग-प्रणाली स्तर है।
*पाचन तंत्र में पेशीय ग्रसनी के साथ एक संपूर्ण आहार नाल सम्मिलित होती है।
*श्वसन प्रणाली अनुपस्थित होती है और शरीर की सतह के माध्यम से गैसीय विसरण होता है।
*इस संघ के जंतुओं के पास कंकाल प्रणाली नहीं है।
*उत्सर्जन तंत्र में रेनेट कोशिकाएं उपस्थित होती हैं, जो उत्सर्जन और परासरण नियमन में सम्मिलित होती हैं। रेनेट कोशिकाएं अमोनिया और यूरिया उत्सर्जित करते हैं।
*तंत्रिका तंत्र में एक तंत्रिका वलय और उससे निकलने वाली तंत्रिका रज्जुएं सम्मिलित होती हैं।
*प्रजनन लैंगिक है।
*निषेचन आंतरिक है।
*विकास लार्वा चरण के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष होता है।
===एनेलिडा===
फाइलम एनेलिडा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*ये जीव जलीय या स्थलीय होते हैं। जल में रहने वाले जीव समुद्री जल या स्वच्छ जल में रहते हैं।
*ये जीव मुक्त-जीवी और कभी-कभी परजीवी होते हैं।
*वे शरीर संगठन में अंग-प्रणाली स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
*ये जीव द्विपक्षीय समरूपताप्रदर्शित करते हैं।
*ये जीव ट्रिपोब्लास्टिक होते हैं। इन जीवों में तीन भ्रूणीय परतों को एंडोडर्म, एक्टोडर्म और मेसोडर्म कहा जाता है।
*ये जीव मेटामेरिक विभाजन दिखाते हैं। एक जीव का शरीर समान खंडों में विभाजीत होता है। विशिष्ट रूप से खंडों में चिह्नित शरीर के कारण इनहे एनेलिडा फाइलम नाम दिया गया है जो छल्ले की तरह दिखता है।। एनेलिडा का लैटिन अर्थ छल्ले से है।
*शरीर की गुहा उपस्थित होने के कारण जीवो को सीलोमेट कहते हैं।
*इन जीवों में अनुदैर्ध्य और गोलाकार मांसपेशियां होती हैं, जो गति में सहायता करते हैं।
*जलीय एनेलिड्स जैसे ''नेरिस'' के पास पार्श्व उपांग, पैरापोडिया, होते हैं, जो तैरने में सहायता करते हैं।
*इन जीवों में एक बंद संचार प्रणाली उपस्थित होती है।
*[[नेफ्रिडिया]], एक उत्सर्जी अंग है जो परासरण नियमन और उत्सर्जन में में सहायता करते हैं।
*तंत्रिकीय प्रणाली में युग्मित नाड़ीग्रन्थि (गैन्ग्लिया) होती है जो पार्श्व तंत्रिकाओं द्वारा एक दोहरे, उदर भाग में स्थित, तंत्रिका कॉर्ड से जुड़ा हुआ होता है।
*नेरिस, एक जलीय एनेलिड, एकलिंगी है, लेकिन केंचुए और जोंक उभयलिंगी होते हैं।
*जनन लैंगिक होता है।
[[File:Bee Collecting Pollen 2004-08-14.jpg|thumb|'''''एपिस इंडिका''''']]
===आर्थ्रोपोडा===
फाइलम आर्थ्रोपोडा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*जीवो का शरीर ट्रिपोब्लास्टिक, खंडित और द्विपक्षीय रूप से सममित है।
*ये जीव शरीर संगठन में अंग प्रणाली स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
*जीवो का शरीर, सिर, वक्ष और पेट में विभाजित होता है।
*उनके शरीर में संयुक्त उपांग होते हैं जो गति में सहायता करते हैं।
*प्रगुहा, रक्त से भरी हुई होती है।
*इन जीवों में खुला परिसंचरण तंत्र होता है।
*इन जीवों के सिर में संयुक्त नेत्र की एक जोड़ी होती है।
*इन जीवों में काईटिनस बहिःकंकाल होता है। ''बॉम्बिक्स मोरी''
*स्थलीय आर्थ्रोपोड माल्पीघियन नलिकाओं के माध्यम से उत्सर्जन करते हैं जबकि जलीय हरे रंग की ग्रंथियों या कोक्सल ग्रंथियों के माध्यम से उत्सर्जन करते हैं।
*ये जीव एकलिंगी होते हैं।
*निषेचन या तो बाहरी या आंतरिक होता है।
*इन जीवों में विकसित पाचन तंत्र होता है।
*ये जीव सामान्य शरीर की सतह या श्वासनली के माध्यम से श्वसन करते हैं।
*उनमें बाल, एंटीना, सरल और संयुक्त नेत्र और श्रवण अंग जैसे संवेदी अंग होते हैं।
*श्वसन संबंधी अंग गिल्स (गलफड़े), बुक गिल्स, बुक लंग्स या श्वासनली प्रणालीहोते हैं।
===मोलस्का===
फाइलम मोलस्का की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*ये जीव ज्यादातर समुद्री और मीठे पानी में पाए जाते हैं। बहुत कम जीव स्थलीय हैं और नम मिट्टी में पाए जाते हैं।
*ये जीव शरीर संगठन में अंग प्रणाली स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
*जीव के शरीर में एक गुहा होती है।
*जीव के शरीर को सिर, आंत, पैर और मेंटल में विभाजित किया गया है।
*जीव के पास संयुक्त नेत्र  पाए जाते हैं।
*शरीर एक कैल्केरस शेल द्वारा आच्छादित होता है।
*जीव के पास पास विकसित पाचन तंत्र होता है, रेडुला खाने के लिए अंग है।
*[[मोलस्का]] में श्वसन सामान्य शरीर की सतह, गलफड़ों या फुफ्फुसीय थैली के माध्यम से होता है।
*रक्त खुले परिसंचरण तंत्र के माध्यम से फैलता है।
*जीव में  मेटानेफ्रिडिया की एक जोड़ी उत्सर्जन में सहायता करती है।
*मोलस्का में तंत्रिका तंत्र में युग्मित गैन्ग्लिया और तंत्रिकाओं की संख्या होती है।
*अधिकांश मोलस्क में लिंग अलग होते हैं लेकिन कुछ प्रजातियां उभयलिंगी होती हैं।
*निषेचन बाहरी या आंतरिक हो सकता है।
*वे अप्रत्यक्ष विकास करते हैं।
===इकिनोडर्मेटा===
फाइलम इकिनोडर्मेटा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*इन जीवो में कैल्केरस अंतःकंकाल होता है।
*शरीर संगठन में अंग-प्रणाली स्तर पाया जाता है।
*वयस्क इचिनोडर्म रेडियल रूप से सममित होते हैं लेकिन लार्वा द्विपक्षीय रूप से सममित होते हैं।
*ये जीव ट्रिपोब्लास्टिक और प्रगुही प्राणी होते हैं।
*पाचन तंत्र पूरा होता है- निचले (उदर) पक्ष पर मुंह और ऊपरी (पृष्ठीय) पर गुदा होता है।
*जल संवहनी प्रणाली की उपस्थिति, गति, भोजन पकड़ने और उसके परिवहन और श्वसन में मदद करती है।
*उत्सर्जन प्रणाली अनुपस्थित है।
*लिंग अलग-अलग हैं।
*जनन लैंगिक होता है।
*निषेचन सामान्यतः बाहरी होता है।
*लार्वा के साथ विकास अप्रत्यक्ष है।
*ये जीव समुद्री हैं।
*ये जीव पुनर्जनन दिखाते हैं।
===हेमीकोर्डेटा===
फाइलम हेमीकोर्डेटा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*हेमीकोर्डेट्स का शरीर कृमि जैसा होता है, इसलिए इन्हें सामान्यतः कृमि जन्तु कहा जाता है।
*इनका शरीर द्विपक्षीय रूप से सममित होता है।
*यह जीव त्रिप्लोब्लास्टिक होते हैं।
*यह जीव प्रगुहि होते है।
*शरीर बेलनाकार होता है।
*जीवो में शरीर के तीन मुख्य भाग हैं- तना/सूंड, कॉलर और धड़।
*गलफड़े उपस्थित होते हैं जो ग्रसनी को छिद्रित करते हैं। गलफड़ों के माध्यम से श्वसन क्रिया होती है।
*परिसंचरण तंत्र खुले प्रकार का होता है।
*उत्सर्जी अंग सूंड ग्रंथि है।
*यह जीव उभयलिंगी होते हैं।
*निषेचन बाह्य होता है।
*विकास अप्रत्यक्ष होता है।
[[File:Human.png|thumb|'''''होमो सेपियन सेपियन''''']]
===कॉर्डेटा===
फाइलम कॉर्डेटा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
*शरीर द्विपक्षीय रूप से सममित होता है।
*शरीर संगठन में अंग-प्रणाली स्तर पाया जाता है।
*यह जीव त्रिप्लोब्लास्टिक होते हैं।
*जीवो में एक नॉटोकॉर्ड उपस्थित होती है।
*जीवो में एक तंत्रिका कॉर्ड उपस्थित होती है।
*परिसंचरण तंत्र बंद होता है।
*केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पृष्ठीय, खोखला और एकल है।
*ग्रसनी गिल स्लिट द्वारा छिद्रित।
*हृदय अधर भाग में उपस्थित है।
*पश्च गुदीय पुच्छ उपस्थित होती है।
फ़ाइलम कॉर्डेटा को निम्नलिखित उप-फ़ाइला में विभाजित किया जाता है:
*यूरोकॉर्डेटा
*सेफलोकॉर्डेटा
*कशेरुकी
==विशेषताएं==
जंतु जगत की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-
*आर्थिक महत्व - पशु भोजन प्रदान करते हैं, जैसे मांस, अंडे और दूध। वे भेड़ और याक से ऊन जैसे उपयोगी उत्पाद भी प्रदान करते हैं।
*पोषण संबंधी महत्व - मांस प्रोटीन का एक स्रोत है, जो मानव विकास के लिए आवश्यक है।
*पारिस्थितिकी तंत्र स्थिरता - प्रकृति में खाद्य श्रृंखला और संतुलन बनाए रखने के लिए पशु विविधता आवश्यक है।
*जीवन भर के लिए सीख - बच्चे जानवरों के साम्राज्य से साहस, दृढ़ता और रचनात्मकता जैसे मूल्यवान जीवन सबक सीख सकते हैं।
==उदाहरण==
*पोरिफेरा के उदाहरण - '''''युस्पोंजिया'''''
*निडारिया के उदाहरण - '''''ओबेलिया'''''
*टेनोफोरा के उदाहरण - '''प्लुरोब्राकिया'''
*प्लैटिहेल्मिन्थेस के उदाहरण - '''''फ़ैसिओला हेपेटिक'''''
*नेमाटोडा के उदाहरण - '''''वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टि'''''
*एनेलिडा के उदाहरण - '''''हिरुडिनेरिया ग्रैनुलोसा'''''
*आर्थ्रोपोडा के उदाहरण - '''''एपिस इंडिका'''''
*मोलस्का के उदाहरण - '''''पिनक्टाडा'''''
*इकिनोडर्मेटा के उदाहरण - '''''एस्टेरियास'''''
*हेमीकोर्डेटा के उदाहरण - '''''बैलेनोग्लॉसस'''''
*कॉर्डेटा के उदाहरण - '''''होमो सेपियन सेपियन'''''
[[Category:कक्षा-9]]
[[Category:जीव विज्ञान]][[Category:जीव विज्ञान]] [[Category:जीव विज्ञान]]
[[Category:जीवों में विविधता]][[Category:जंतु विज्ञान]][[Category:जंतु विज्ञान]][[Category:वनस्पति विज्ञान]]

Latest revision as of 10:54, 6 June 2024

सभी जीवधारी को उनके शारीरक संरचना और कार्य के आधार पर पहचाना जा सकता है और उनका वर्गीकरण किया जा सकता है। शारीरिक बनावट में कुछ लक्षण अन्य लक्षणों की तुलना में ज्यादा परिवर्तन लाते हैं। अतः जब कोई शारीरिक बनावट अस्तित्व में आती है तो यह शरीर में होने वाले कई परिवर्तनों को प्रभावित भी करती है।

अर्न्स्ट हेकेल, रोबर्ट व्हिटेकर और कार्ल वोस नामक जैव वैज्ञानिकों ने सारे सजीवों को जगत नामक बड़े वर्गों में विभाजित करने का प्रयास किया। व्हिटेकर द्वारा प्रस्तावित वर्गीकरण में पांच जगत हैं:

  • मोनेरा
  • प्रोटिस्टा
  • फंजाई
  • प्लांटी
  • एनीमेंलिया।

एनीमेंलिया का वर्गीकरण

जंतु जगत को 11 समूहों में वर्गीकृत किया गया है-

पोरिफेरा

फाइलम पोरिफेरा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • इस संघ के सदस्य सामान्यतः स्पंज के रूप में जाने जाते हैं और सामान्यतः समुद्री होते हैं।
  • ये जीव अधिकतर असममित समरूपता का प्रदर्शन करते है।
  • ये जीव बहुकोशिकीय होते हैं।
  • शरीर संगठन कोशिकीय स्तर का होता है।
  • स्पंज में जल परिवहन प्रणाली होती है। शरीर की दीवार में सूक्ष्म छिद्र (ऑस्टिया) होते हैं जिस से जल अंदर प्रवेश करता है।
  • एक केंद्रीय गुहा, स्पंजोसील, उपस्थित होती है जहां से जल ऑस्कुलम के माध्यम से बाहर जाता है।
  • जल परिवहन प्रणाली, भोजन एकत्रण, श्वसन में और उत्सर्जी अपशिष्ट का आदान-प्रदान और निष्कासन में सहायता करती है।
  • कीनोसाइट्स या कॉलर कोशिकाएं, स्पंजोसील और जल परिवहन प्रणाली की रेखा बनाती हैं।
  • पाचन अंतःकोशिकीय होता है।
  • कंकाल, स्पाइक्यूल्स या स्पंजिन रेशे द्वारा बने होते हैं।
  • ये जीव उभयलिंगी होते हैं अर्थात लिंग अलग नहीं होते हैं। अंडे और शुक्राणु एक ही जीव द्वारा निर्मित होते हैं।
  • स्पंज अलैंगिक रूप से विखंडन द्वारा प्रजनन करते हैं और लैंगिक प्रजनन युग्मक के गठन द्वारा होता है।
  • निषेचन आंतरिक होता है।
  • विकास अप्रत्यक्ष है। लार्वा चरण रूपात्मक रूप से वयस्क से भिन्न होता है।

सीलेन्ट्रेटा

फाइलम सीलेन्ट्रेटा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • ये जीव जलीय, अधिकतर समुद्री, अवृन्त या मुक्त-तैरने वाले होते हैं I
  • जीवों में रेडियल समरूपता पायी जाती है I
  • ये जीव ऊतक स्तर को प्रदर्शित करते हैं और डिप्लोब्लास्टिक (जिन जंतुओं में कोशिकाएँ दो भ्रूण परतों, बाहरी एक्टोडर्म और आंतरिक एंडोडर्म में व्यवस्थित होती हैं) होते हैं।
  • जीवों में एक केंद्रीय जठरवाही गुहा (गुहा जो पाचन और संचार कार्य करती है) पायी जाती है। इस गुहा में एक ही छिद्र होता है जिसे हाइपोस्टोम कहते हैं। यह मुख की भाँति कार्य करता है।
  • पाचन बाह्यकोशिकीय और अंतःकोशिकीय होता है।
  • तंत्रिका तंत्र और संचार प्रणाली अनुपस्थित है।
  • वे सरल विसरण के माध्यम से उत्सर्जन और श्वसन करते हैं।
  • अलैंगिक जनन, नवोदित के माध्यम से होती है।
  • लैंगिक जनन केवल कुछ सीलेन्ट्रेटा में ही देखा जाता है।

टेनोफोरा

फाइलम टेनोफोरा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • ये जीव डिप्लोब्लास्टिक होते हैं, अर्थात उनमें दो भ्रूणीय परतें होती हैं, एक्टोडर्म और एंडोडर्म।
  • टेनोफोर्स रेडियल रूप से सममित होते हैं।
  • इन जीवों में शारीरिक संगठन का ऊतक स्तर होता है।
  • सिलिअटेड कंघी प्लेटें गतिमान अंग हैं। इसमें सिलिया का एक समूह होता है जो गति में मदद करता है। उनके पास कंघी प्लेटों की अधिकतर आठ पंक्तियाँ होती हैं।
  • अधिकांश टेनोफोर्स में शिकार को पकड़ने के लिए कोलोब्लास्ट होते हैं। कोलोब्लास्ट, में निडोब्लास्ट की तरह होते हैं। वे टेंटेकल पर उपस्थित होते हैं और शिकार को पकड़ने के लिए छोड़े जाते हैं।
  • आंतरिक गुहा, मुंह, ग्रसनी और आंतरिक नहरों द्वारा निर्मित होती है। आंतरिक गुहा में पोषक कोशिकाएं, रोगाणु कोशिकाएं और फोटोसाइट्स (प्रकाश उत्पन्न करने वाली कोशिकाएँ) होते हैं, जो भोजन का भंडारण करते हैं, अंडे या शुक्राणु का उत्पादन करते हैं और क्रमशः बायोल्यूमिनसेंस के लिए जिम्मेदार होते हैं।
  • पाचन बाह्यकोशिकीय के साथ-साथ अंतःकोशिकीय रूप से भी होता है।
  • इन जीवों में मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र नहीं है। उनके पास एक तंत्रिका जाल होता है, जो मुंह क्षेत्र के आसपास पाया जाता है और कंघी पंक्तियों और टेंटेकल्स में अधिक केंद्रित होता है।
  • ये जीव उभयलिंगी हैं।
  • टेनोफोर लैंगिक रूप से प्रजनन करते हैं।
  • निषेचन शरीर के बाहर होता है।
  • विकास अप्रत्यक्ष है। कुछ एक ही समय में शुक्राणु और अंडे का उत्पादन करते हैं और कुछ अलग-अलग समय पर।

प्लैटिहेल्मिन्थेस

फाइलम प्लैटिहेल्मिन्थेस की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • वे ट्रिप्लोब्लास्टिक, अगुहिक और द्विपक्षीय रूप से सममित होते हैं।
  • वे स्वतंत्र जीवन जीने वाले या परजीवी हो सकते हैं।
  • शरीर पर सिलिया सहित या उसके बिना एक कोमल आवरण होता है।
  • उनका शरीर बिना किसी खंड के पृष्ठीय रूप से चपटा होता है और एक पत्ते की तरह दिखाई देता है।
  • ये जीव मलद्वार और संचार प्रणाली से रहित हैं लेकिन उनके पास मुख होता है।
  • वे शरीर की सतह के माध्यम से सरल विसरण द्वारा सांस लेते हैं।
  • शरीर एक अंग स्तर का संगठन होता है।
  • पाचन तंत्र अनुपस्थित होता है।
  • शरीर की आंतरिक दीवार और अंगों के बीच का स्थान संयोजी ऊतक पैरेन्काइमा से भरा होता है जो भोजन सामग्री के परिवहन में सहायता करता है।
  • ये जीव उभयलिंगी हैं, अर्थात, नर और मादा दोनों अंग एक ही शरीर में उपस्थित होते हैं।
  • वे युग्मकों के संलयन द्वारा लैंगिक रूप से प्रजनन करते हैं और विखंडन और पुनर्जनन द्वारा अलैंगिक रूप से प्रजनन करते हैं।
  • निषेचन आंतरिक है होता है।
  • जीवन चक्र एक या अधिक लार्वा चरणों के साथ जटिल है।
  • ज्वाला कोशिकाएं उत्सर्जन और परासरण नियमन में सहायता करती हैं।
  • तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और सीढ़ी की तरह व्यवस्थित दो अनुदैर्ध्य तंत्रिका रज्जु सम्मिलित होते हैं।
वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टि

नेमाटोडा

फाइलम नेमाटोडा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • शरीर द्विपक्षीय रूप से सममित और त्रिकोशीय है।
  • शरीर खंडित, लंबा और अंत में पतला होता है।
  • शरीर में मेटामेरिक विभाजन नहीं पाया जाता है।
  • वे द्विलिंगी होते हैं, नर सामान्यतः मादाओं की तुलना में छोटे होते हैं।
  • इस संघ के जंतुओं में स्यूडोसीलोम (झूठा कोइलोम) होता है।
  • इस संघ के जंतुओं के पास शरीर संगठन का एक अंग-प्रणाली स्तर है।
  • पाचन तंत्र में पेशीय ग्रसनी के साथ एक संपूर्ण आहार नाल सम्मिलित होती है।
  • श्वसन प्रणाली अनुपस्थित होती है और शरीर की सतह के माध्यम से गैसीय विसरण होता है।
  • इस संघ के जंतुओं के पास कंकाल प्रणाली नहीं है।
  • उत्सर्जन तंत्र में रेनेट कोशिकाएं उपस्थित होती हैं, जो उत्सर्जन और परासरण नियमन में सम्मिलित होती हैं। रेनेट कोशिकाएं अमोनिया और यूरिया उत्सर्जित करते हैं।
  • तंत्रिका तंत्र में एक तंत्रिका वलय और उससे निकलने वाली तंत्रिका रज्जुएं सम्मिलित होती हैं।
  • प्रजनन लैंगिक है।
  • निषेचन आंतरिक है।
  • विकास लार्वा चरण के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष होता है।

एनेलिडा

फाइलम एनेलिडा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • ये जीव जलीय या स्थलीय होते हैं। जल में रहने वाले जीव समुद्री जल या स्वच्छ जल में रहते हैं।
  • ये जीव मुक्त-जीवी और कभी-कभी परजीवी होते हैं।
  • वे शरीर संगठन में अंग-प्रणाली स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
  • ये जीव द्विपक्षीय समरूपताप्रदर्शित करते हैं।
  • ये जीव ट्रिपोब्लास्टिक होते हैं। इन जीवों में तीन भ्रूणीय परतों को एंडोडर्म, एक्टोडर्म और मेसोडर्म कहा जाता है।
  • ये जीव मेटामेरिक विभाजन दिखाते हैं। एक जीव का शरीर समान खंडों में विभाजीत होता है। विशिष्ट रूप से खंडों में चिह्नित शरीर के कारण इनहे एनेलिडा फाइलम नाम दिया गया है जो छल्ले की तरह दिखता है।। एनेलिडा का लैटिन अर्थ छल्ले से है।
  • शरीर की गुहा उपस्थित होने के कारण जीवो को सीलोमेट कहते हैं।
  • इन जीवों में अनुदैर्ध्य और गोलाकार मांसपेशियां होती हैं, जो गति में सहायता करते हैं।
  • जलीय एनेलिड्स जैसे नेरिस के पास पार्श्व उपांग, पैरापोडिया, होते हैं, जो तैरने में सहायता करते हैं।
  • इन जीवों में एक बंद संचार प्रणाली उपस्थित होती है।
  • नेफ्रिडिया, एक उत्सर्जी अंग है जो परासरण नियमन और उत्सर्जन में में सहायता करते हैं।
  • तंत्रिकीय प्रणाली में युग्मित नाड़ीग्रन्थि (गैन्ग्लिया) होती है जो पार्श्व तंत्रिकाओं द्वारा एक दोहरे, उदर भाग में स्थित, तंत्रिका कॉर्ड से जुड़ा हुआ होता है।
  • नेरिस, एक जलीय एनेलिड, एकलिंगी है, लेकिन केंचुए और जोंक उभयलिंगी होते हैं।
  • जनन लैंगिक होता है।
एपिस इंडिका

आर्थ्रोपोडा

फाइलम आर्थ्रोपोडा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • जीवो का शरीर ट्रिपोब्लास्टिक, खंडित और द्विपक्षीय रूप से सममित है।
  • ये जीव शरीर संगठन में अंग प्रणाली स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
  • जीवो का शरीर, सिर, वक्ष और पेट में विभाजित होता है।
  • उनके शरीर में संयुक्त उपांग होते हैं जो गति में सहायता करते हैं।
  • प्रगुहा, रक्त से भरी हुई होती है।
  • इन जीवों में खुला परिसंचरण तंत्र होता है।
  • इन जीवों के सिर में संयुक्त नेत्र की एक जोड़ी होती है।
  • इन जीवों में काईटिनस बहिःकंकाल होता है। बॉम्बिक्स मोरी
  • स्थलीय आर्थ्रोपोड माल्पीघियन नलिकाओं के माध्यम से उत्सर्जन करते हैं जबकि जलीय हरे रंग की ग्रंथियों या कोक्सल ग्रंथियों के माध्यम से उत्सर्जन करते हैं।
  • ये जीव एकलिंगी होते हैं।
  • निषेचन या तो बाहरी या आंतरिक होता है।
  • इन जीवों में विकसित पाचन तंत्र होता है।
  • ये जीव सामान्य शरीर की सतह या श्वासनली के माध्यम से श्वसन करते हैं।
  • उनमें बाल, एंटीना, सरल और संयुक्त नेत्र और श्रवण अंग जैसे संवेदी अंग होते हैं।
  • श्वसन संबंधी अंग गिल्स (गलफड़े), बुक गिल्स, बुक लंग्स या श्वासनली प्रणालीहोते हैं।

मोलस्का

फाइलम मोलस्का की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • ये जीव ज्यादातर समुद्री और मीठे पानी में पाए जाते हैं। बहुत कम जीव स्थलीय हैं और नम मिट्टी में पाए जाते हैं।
  • ये जीव शरीर संगठन में अंग प्रणाली स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
  • जीव के शरीर में एक गुहा होती है।
  • जीव के शरीर को सिर, आंत, पैर और मेंटल में विभाजित किया गया है।
  • जीव के पास संयुक्त नेत्र पाए जाते हैं।
  • शरीर एक कैल्केरस शेल द्वारा आच्छादित होता है।
  • जीव के पास पास विकसित पाचन तंत्र होता है, रेडुला खाने के लिए अंग है।
  • मोलस्का में श्वसन सामान्य शरीर की सतह, गलफड़ों या फुफ्फुसीय थैली के माध्यम से होता है।
  • रक्त खुले परिसंचरण तंत्र के माध्यम से फैलता है।
  • जीव में मेटानेफ्रिडिया की एक जोड़ी उत्सर्जन में सहायता करती है।
  • मोलस्का में तंत्रिका तंत्र में युग्मित गैन्ग्लिया और तंत्रिकाओं की संख्या होती है।
  • अधिकांश मोलस्क में लिंग अलग होते हैं लेकिन कुछ प्रजातियां उभयलिंगी होती हैं।
  • निषेचन बाहरी या आंतरिक हो सकता है।
  • वे अप्रत्यक्ष विकास करते हैं।

इकिनोडर्मेटा

फाइलम इकिनोडर्मेटा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • इन जीवो में कैल्केरस अंतःकंकाल होता है।
  • शरीर संगठन में अंग-प्रणाली स्तर पाया जाता है।
  • वयस्क इचिनोडर्म रेडियल रूप से सममित होते हैं लेकिन लार्वा द्विपक्षीय रूप से सममित होते हैं।
  • ये जीव ट्रिपोब्लास्टिक और प्रगुही प्राणी होते हैं।
  • पाचन तंत्र पूरा होता है- निचले (उदर) पक्ष पर मुंह और ऊपरी (पृष्ठीय) पर गुदा होता है।
  • जल संवहनी प्रणाली की उपस्थिति, गति, भोजन पकड़ने और उसके परिवहन और श्वसन में मदद करती है।
  • उत्सर्जन प्रणाली अनुपस्थित है।
  • लिंग अलग-अलग हैं।
  • जनन लैंगिक होता है।
  • निषेचन सामान्यतः बाहरी होता है।
  • लार्वा के साथ विकास अप्रत्यक्ष है।
  • ये जीव समुद्री हैं।
  • ये जीव पुनर्जनन दिखाते हैं।

हेमीकोर्डेटा

फाइलम हेमीकोर्डेटा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • हेमीकोर्डेट्स का शरीर कृमि जैसा होता है, इसलिए इन्हें सामान्यतः कृमि जन्तु कहा जाता है।
  • इनका शरीर द्विपक्षीय रूप से सममित होता है।
  • यह जीव त्रिप्लोब्लास्टिक होते हैं।
  • यह जीव प्रगुहि होते है।
  • शरीर बेलनाकार होता है।
  • जीवो में शरीर के तीन मुख्य भाग हैं- तना/सूंड, कॉलर और धड़।
  • गलफड़े उपस्थित होते हैं जो ग्रसनी को छिद्रित करते हैं। गलफड़ों के माध्यम से श्वसन क्रिया होती है।
  • परिसंचरण तंत्र खुले प्रकार का होता है।
  • उत्सर्जी अंग सूंड ग्रंथि है।
  • यह जीव उभयलिंगी होते हैं।
  • निषेचन बाह्य होता है।
  • विकास अप्रत्यक्ष होता है।
होमो सेपियन सेपियन

कॉर्डेटा

फाइलम कॉर्डेटा की कुछ सामान्य और महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • शरीर द्विपक्षीय रूप से सममित होता है।
  • शरीर संगठन में अंग-प्रणाली स्तर पाया जाता है।
  • यह जीव त्रिप्लोब्लास्टिक होते हैं।
  • जीवो में एक नॉटोकॉर्ड उपस्थित होती है।
  • जीवो में एक तंत्रिका कॉर्ड उपस्थित होती है।
  • परिसंचरण तंत्र बंद होता है।
  • केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पृष्ठीय, खोखला और एकल है।
  • ग्रसनी गिल स्लिट द्वारा छिद्रित।
  • हृदय अधर भाग में उपस्थित है।
  • पश्च गुदीय पुच्छ उपस्थित होती है।

फ़ाइलम कॉर्डेटा को निम्नलिखित उप-फ़ाइला में विभाजित किया जाता है:

  • यूरोकॉर्डेटा
  • सेफलोकॉर्डेटा
  • कशेरुकी

विशेषताएं

जंतु जगत की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

  • आर्थिक महत्व - पशु भोजन प्रदान करते हैं, जैसे मांस, अंडे और दूध। वे भेड़ और याक से ऊन जैसे उपयोगी उत्पाद भी प्रदान करते हैं।
  • पोषण संबंधी महत्व - मांस प्रोटीन का एक स्रोत है, जो मानव विकास के लिए आवश्यक है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र स्थिरता - प्रकृति में खाद्य श्रृंखला और संतुलन बनाए रखने के लिए पशु विविधता आवश्यक है।
  • जीवन भर के लिए सीख - बच्चे जानवरों के साम्राज्य से साहस, दृढ़ता और रचनात्मकता जैसे मूल्यवान जीवन सबक सीख सकते हैं।

उदाहरण

  • पोरिफेरा के उदाहरण - युस्पोंजिया
  • निडारिया के उदाहरण - ओबेलिया
  • टेनोफोरा के उदाहरण - प्लुरोब्राकिया
  • प्लैटिहेल्मिन्थेस के उदाहरण - फ़ैसिओला हेपेटिक
  • नेमाटोडा के उदाहरण - वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टि
  • एनेलिडा के उदाहरण - हिरुडिनेरिया ग्रैनुलोसा
  • आर्थ्रोपोडा के उदाहरण - एपिस इंडिका
  • मोलस्का के उदाहरण - पिनक्टाडा
  • इकिनोडर्मेटा के उदाहरण - एस्टेरियास
  • हेमीकोर्डेटा के उदाहरण - बैलेनोग्लॉसस
  • कॉर्डेटा के उदाहरण - होमो सेपियन सेपियन