बहुपद: Difference between revisions
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बहुपद चर, अचर और घातांक (केवल पूर्ण संख्याएँ) की संयुक्त अभिव्यक्ति है , जिसमें अंकगणितीय व्यंजक जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भाग सम्मिलित होते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, बीजगणित में धन और ऋण चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक को बहुपद कहते हैं ।
, , , आदि बहुपद के कुछ उदाहरण हैं ।
बहुपद का मानक रूप
जहाँ को का गुणांक कहा जाता है तथा बहुपद हैं ।
बहुपद की पहचान
यदि किसी व्यंजक के सभी पदों की घात एक धनात्मक पूर्णांक होती हो , तो वह बहुपद कहलाता हैं। यदि किसी व्यंजक की घात, भिन्न, ऋणात्मक पूर्णांक या अपरिमेय संख्या होती है , तो वह बहुपद नहीं कहलाता हैं।
उदाहरण
एक बहुपद है , क्योकि की घात धनात्मक हैं ।
एक बहुपद नहीं है , क्योकि की घात परिमेय संख्या हैं ।
एक बहुपद नही है , क्योंकि की घात ऋणात्मक हैं ।
बहुपद का निरूपण
बहुपद फलन को द्वारा निरूपित किया जाता है , जहाँ चर का प्रतिनिधित्व करता है। उदाहरण के लिए
यदि चर को द्वारा निरूपित किया जाता है , तो बहुपद का निरूपण द्वारा होगा ।
बहुपद की घात
यदि एक बहुपद है, तो चर की उच्चतम घात बहुपद की घात कहलाती है ।
उदाहरण
बहुपद की घात ज्ञात कीजिए ।
उपर्युक्त दिए गए बहुपद में चर की उच्चतम घात है , अतः बहुपद की घात 45 होगी ।
घात के आधार पर बहुपदों का विभाजन
घात के आधार पर बहुपदों को निम्न वर्गों में विभाजित किया गया है :
1) रैखिक बहुपद : ऐसे बहुपद जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात एक हो , उन्हें हम रैखिक बहुपद कहते हैं । हम रैखिक बहुपद को रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ वास्तविक संख्याएं है एवं हैं ।
उदाहरण : आदि ।
2) द्विघात बहुपद : ऐसे बहुपद जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात दो हो , उन्हें हम द्विघात बहुपद कहते हैं । हम द्विघात बहुपद को रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ वास्तविक संख्याएं है एवं हैं ।
उदाहरण : आदि ।
3) घन बहुपद : ऐसे बहुपद जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात तीन हो , उन्हें हम घन बहुपद कहते हैं । हम घन बहुपद को रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ वास्तविक संख्याएं है एवं हैं ।
उदाहरण : आदि ।
पदों के आधार पर बहुपदों का विभाजन
पदों के आधार पर बहुपदों का विभाजन निम्नलिखित है ,
1) एकलपद : ऐसे व्यंजक जिनमें एक ही पद होता है , उन्हें हम एकलपद कहते हैं । उदाहरण : आदि ।
2) द्विपद : ऐसे व्यंजक जिनमें दो पद होते हैं , उन्हें हम द्विपद कहते हैं । उदाहरण : आदि ।
3) त्रिपद : ऐसे व्यंजक जिनमें तीन पद होते हैं , उन्हें हम त्रिपद कहते हैं । उदाहरण : आदि ।
बहुत से ऐसे व्यंजक होते हैं , जिनमें तीन से अधिक पद होते हैं , उन्हें हम बहुपदों की श्रेणी में रखते हैं ।