अंतरिक्ष में एक बिन्दु के निर्देशांक: Difference between revisions
(added content) |
(ad) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
अंतरिक्ष में किसी बिंदु की स्थिति को ज्ञात करने के लिए, हमें एक समकोण निर्देशांक प्रणाली की आवश्यकता होती है। | अंतरिक्ष में किसी बिंदु की स्थिति को ज्ञात करने के लिए, हमें एक समकोण निर्देशांक प्रणाली की आवश्यकता होती है। <math>3D</math> में एक निश्चित निर्देशांक प्रणाली चुनने के बाद, उस प्रणाली में किसी भी बिंदु <math>P</math> के निर्देशांक एक क्रमबद्ध <math>3</math>-टपल <math>(x, y, z)</math> द्वारा दिए जा सकते हैं। इसके अलावा, यदि निर्देशांक <math>(x, y, z)</math> पहले से ही ज्ञात हैं, तो हम आसानी से अंतरिक्ष में बिंदु <math>P</math> को ज्ञात कर सकते हैं।[[File:अंतरिक्ष में एक बिंदु के निर्देशांक.jpg|thumb|चित्र-1 ]] | ||
== अंतरिक्ष में एक बिंदु के निर्देशांक == | == अंतरिक्ष में एक बिंदु के निर्देशांक == | ||
अंतरिक्ष में निश्चित निर्देशांक्षों, निर्देशांक तलों और मूल बिंदु सहित निर्देशांक्ष निकाय के चयन के पश्चात् दिए बिंदु के तीन निर्देशांक <math>(x, y, z)</math> को ज्ञात करने की विधि तथा विलोमतः तीन संख्याओं के त्रिदिक (ट्रिपलेट) दिए जाने पर अंतरिक्ष में संगत बिंदु <math>(x. 1. 2)</math> के निर्धारण करने की विधि की अब हम विस्तार से व्याख्या करते हैं। | अंतरिक्ष में निश्चित निर्देशांक्षों, निर्देशांक तलों और मूल बिंदु सहित निर्देशांक्ष निकाय के चयन के पश्चात् दिए बिंदु के तीन निर्देशांक <math>(x, y, z)</math> को ज्ञात करने की विधि तथा विलोमतः तीन संख्याओं के त्रिदिक (ट्रिपलेट) दिए जाने पर अंतरिक्ष में संगत बिंदु <math>(x. 1. 2)</math> के निर्धारण करने की विधि की अब हम विस्तार से व्याख्या करते हैं। | ||
Line 5: | Line 5: | ||
अंतरिक्ष में दिए गए बिंदु <math>P</math> से <math>XY</math>- तल पर PM <math>PM</math> लंब खींचते हैं जिसका पाद <math>M</math> है ( चित्र-1 ) । तब <math>M</math> से x- अक्ष पर ML लंब खींचिए, जो उससे <math>L</math> पर मिलता है। मान लीजिए <math>OL=x</math>, <math>LM = y</math> और <math>PM = 2</math> तब <math>(x, y, z)</math> बिंदु <math>P</math> के निर्देशांक कहलाते हैं। इसमें <math>x, y, z</math> को क्रमश: बिंदु <math>P</math> के <math>x</math>- निर्देशांक, <math>y</math>- निर्देशांक, तथा <math>2</math>- निर्देशांक कहते हैं । चित्र-1 में हम देखते हैं कि बिंदु <math>P(x, y, z)</math> अष्टांश <math>XOYZ</math> में स्थित है, अत: <math>x</math>, <math>y</math>, और <math>z </math> सभी धनात्मक हैं। | अंतरिक्ष में दिए गए बिंदु <math>P</math> से <math>XY</math>- तल पर PM <math>PM</math> लंब खींचते हैं जिसका पाद <math>M</math> है ( चित्र-1 ) । तब <math>M</math> से x- अक्ष पर ML लंब खींचिए, जो उससे <math>L</math> पर मिलता है। मान लीजिए <math>OL=x</math>, <math>LM = y</math> और <math>PM = 2</math> तब <math>(x, y, z)</math> बिंदु <math>P</math> के निर्देशांक कहलाते हैं। इसमें <math>x, y, z</math> को क्रमश: बिंदु <math>P</math> के <math>x</math>- निर्देशांक, <math>y</math>- निर्देशांक, तथा <math>2</math>- निर्देशांक कहते हैं । चित्र-1 में हम देखते हैं कि बिंदु <math>P(x, y, z)</math> अष्टांश <math>XOYZ</math> में स्थित है, अत: <math>x</math>, <math>y</math>, और <math>z </math> सभी धनात्मक हैं। | ||
यदि <math>P</math> किसी अन्य अष्टांश में हो तो <math>x</math>, <math>y</math>, और <math>z </math> के चिह्न तदनुसार परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रकार अंतरिक्ष में स्थित किसी बिंदु <math>P</math> की संगतता वास्तविक संख्याओं के क्रमित त्रिदिक <math>(x, y, z)</math> से किया जाता है। | |||
विलोमतः किसी त्रिदिक <math>(x, y, z)</math> के दिए जाने पर हम <math>x</math> के संगत <math>x</math> - अक्ष पर बिंदु L निर्धारित करते हैं। पुन: XY - तल में बिंदु <math>M </math> निर्धारित करते हैं, जहाँ इसके निर्देशांक <math>(x, y) </math> हैं। ध्यान दीजिए कि <math>LM </math>या तो <math>x</math>- अक्ष पर लंब है अथवा <math>y</math>- अक्ष के समांतर है। बिंदु M पर पहुँचने के पश्चात् हम XY - तल पर MP लंब खींचते हैं, इसपर बिंदु <math>P</math> को <math>z </math> के संगत निर्धारण करते हैं। इस प्रकार निर्धारित बिंदु <math>P</math> के निर्देशांक <math>(x, y, z)</math> हैं। अतः अंतरिक्ष में स्थित बिंदुओं की वास्तविक संख्याओं के क्रमित त्रिदिक <math>(x, y, z)</math> से सदैव एकेक - संगतता रखते हैं। | |||
विकल्पत:, अंतरिक्ष में स्थित बिंदु <math>P</math> से हम निर्देशांक तलों के समांतर तीन तल खींचते हैं, जो <math>x</math>- अक्ष, <math>y</math> - अक्ष और <math>z </math>- अक्ष को क्रमश: A, B तथा C बिंदुओं पर प्रतिच्छेदित करते हैं (चित्र-2)। यदि OA=r, OB=y तथा OC = 2 हो तो बिंदु <math>P</math> के निर्देशांक <math>x</math>, <math>y</math>, और <math>z </math> होते हैं और इसे हम <math>P(x, y, z)</math> के रूप में लिखते हैं। विलोमत: <math>x</math>, <math>y</math>, और <math>z </math> के दिए जाने पर हम निर्देशांक्षों पर बिंदु A, B तथा C निर्धारित करते हैं। बिंदु A, B तथा C से हम क्रमश: YZ-तल, ZX-तल तथा XY - तल के समांतर तीन तल खींचते हैं। इन तीनों तलों को ADPF, BDPE तथा CEPF का प्रतिच्छेदन बिंदु स्पष्टतः <math>P</math> है, जो क्रमित - त्रिदिक <math>(x, y, z)</math> के संगत है। | |||
हम देखते हैं कि यदि अंतरिक्ष में कोई बिंदु <math>P(x, y, z)</math> है, तो YZ, ZX तथा XY तलों से लंबवत् दूरियाँ क्रमश: <math>x</math>, <math>y</math>, तथा <math>z </math> हैं। | |||
अतः एक बिंदु के निर्देशांकों के चिह्न उस अष्टांश को निर्धारित करते हैं जिसमें बिंदु स्थित होता है। | |||
[[Category:त्रिविमीय ज्यामिति का परिचय]][[Category:कक्षा-11]][[Category:गणित]] | [[Category:त्रिविमीय ज्यामिति का परिचय]][[Category:कक्षा-11]][[Category:गणित]] |
Revision as of 11:57, 24 October 2024
अंतरिक्ष में किसी बिंदु की स्थिति को ज्ञात करने के लिए, हमें एक समकोण निर्देशांक प्रणाली की आवश्यकता होती है। में एक निश्चित निर्देशांक प्रणाली चुनने के बाद, उस प्रणाली में किसी भी बिंदु के निर्देशांक एक क्रमबद्ध -टपल द्वारा दिए जा सकते हैं। इसके अलावा, यदि निर्देशांक पहले से ही ज्ञात हैं, तो हम आसानी से अंतरिक्ष में बिंदु को ज्ञात कर सकते हैं।
अंतरिक्ष में एक बिंदु के निर्देशांक
अंतरिक्ष में निश्चित निर्देशांक्षों, निर्देशांक तलों और मूल बिंदु सहित निर्देशांक्ष निकाय के चयन के पश्चात् दिए बिंदु के तीन निर्देशांक को ज्ञात करने की विधि तथा विलोमतः तीन संख्याओं के त्रिदिक (ट्रिपलेट) दिए जाने पर अंतरिक्ष में संगत बिंदु के निर्धारण करने की विधि की अब हम विस्तार से व्याख्या करते हैं।
अंतरिक्ष में दिए गए बिंदु से - तल पर PM लंब खींचते हैं जिसका पाद है ( चित्र-1 ) । तब से x- अक्ष पर ML लंब खींचिए, जो उससे पर मिलता है। मान लीजिए , और तब बिंदु के निर्देशांक कहलाते हैं। इसमें को क्रमश: बिंदु के - निर्देशांक, - निर्देशांक, तथा - निर्देशांक कहते हैं । चित्र-1 में हम देखते हैं कि बिंदु अष्टांश में स्थित है, अत: , , और सभी धनात्मक हैं।
यदि किसी अन्य अष्टांश में हो तो , , और के चिह्न तदनुसार परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रकार अंतरिक्ष में स्थित किसी बिंदु की संगतता वास्तविक संख्याओं के क्रमित त्रिदिक से किया जाता है।
विलोमतः किसी त्रिदिक के दिए जाने पर हम के संगत - अक्ष पर बिंदु L निर्धारित करते हैं। पुन: XY - तल में बिंदु निर्धारित करते हैं, जहाँ इसके निर्देशांक हैं। ध्यान दीजिए कि या तो - अक्ष पर लंब है अथवा - अक्ष के समांतर है। बिंदु M पर पहुँचने के पश्चात् हम XY - तल पर MP लंब खींचते हैं, इसपर बिंदु को के संगत निर्धारण करते हैं। इस प्रकार निर्धारित बिंदु के निर्देशांक हैं। अतः अंतरिक्ष में स्थित बिंदुओं की वास्तविक संख्याओं के क्रमित त्रिदिक से सदैव एकेक - संगतता रखते हैं।
विकल्पत:, अंतरिक्ष में स्थित बिंदु से हम निर्देशांक तलों के समांतर तीन तल खींचते हैं, जो - अक्ष, - अक्ष और - अक्ष को क्रमश: A, B तथा C बिंदुओं पर प्रतिच्छेदित करते हैं (चित्र-2)। यदि OA=r, OB=y तथा OC = 2 हो तो बिंदु के निर्देशांक , , और होते हैं और इसे हम के रूप में लिखते हैं। विलोमत: , , और के दिए जाने पर हम निर्देशांक्षों पर बिंदु A, B तथा C निर्धारित करते हैं। बिंदु A, B तथा C से हम क्रमश: YZ-तल, ZX-तल तथा XY - तल के समांतर तीन तल खींचते हैं। इन तीनों तलों को ADPF, BDPE तथा CEPF का प्रतिच्छेदन बिंदु स्पष्टतः है, जो क्रमित - त्रिदिक के संगत है।
हम देखते हैं कि यदि अंतरिक्ष में कोई बिंदु है, तो YZ, ZX तथा XY तलों से लंबवत् दूरियाँ क्रमश: , , तथा हैं।
अतः एक बिंदु के निर्देशांकों के चिह्न उस अष्टांश को निर्धारित करते हैं जिसमें बिंदु स्थित होता है।