अतिसंयुग्मन: Difference between revisions
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अतिसंयुग्मन एक सामान्य अन्योन्य क्रिया है। यह एक स्थाई प्रभाव है। यदि एक कार्बन जिस पर कम से कम एक [[हाइड्रोजन]] [[परमाणु]] उपस्थित होता है एक असंतृप्त परमाणु, अयुग्मित इलेक्ट्रान युग्म युक्त परमाणु या sp2 संकरित अयुग्मित कक्षक युक्त परमाणु से जुड़ा होता है। यह विस्थापन में भाग लेता है। इस प्रकार के [[अनुनाद]] को अतिसयुग्मन कहते हैं। | |||
अतिसयुग्मन परिकल्पना बेकर तथा नाथन ने विकसित की थी। इसलिए इसे बेकर तथा नाथन प्रभाव भी कहते हैं। | |||
C - H के सिग्मा बंध इलेक्ट्रॉन का द्विबंध के साथ संयुग्मन होने पर अनुनाद हो या पाई इलेक्ट्रान युग्म की ओर इलेक्ट्रॉन का विस्थापन हो तो इसे अतिसयुग्मन कहते हैं। इसमें C - H सिग्मा बंध टूट जाता है। अतः इसे बिना बंध का [[अनुनाद]] भी कहते हैं। जितना अधिक अनुनादी संरचना बनती है वह उतना ही अधिक स्थाई होता है। अनुनादी संरचनाओं की संख्या अल्फा हाइड्रोजन की संख्या पर निर्भर करती है। अनुनादी संरचनाओं के कारण इलेक्ट्रॉन दान करने की क्षमता का घटता क्रम निम्न लिखित है। | |||
<chem>CH3- > CH3-CH2- > CH(CH3)2- > C(CH3)3-</chem> | |||
लेकिन यह +I का बढ़ता क्रम दिखा रहा है। | |||
== अतिसयुग्मन की कक्षक परिकल्पना == | |||
प्रोपीन में द्विबंध के पाई इलेक्ट्रॉन युग्म के साथ सयुग्मन में H - C सिग्मा बंध के इलेक्ट्रान युग्म भाग लेते हैं, इसलिए अतिसयुग्मन में द्विबंध के P - कक्षकों के [[अतिव्यापन के प्रकार तथा सहसंयोजी आबंध की प्रकृति|अतिव्यापन]] द्वारा H - C बंध के सिग्मा इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है। | |||
== अतिसयुग्मन के लिए संरचनात्मक आवश्यकता == | |||
यौगिक में कम से कम एक SP<sup>2</sup> संकरित कार्बन उपस्थित होना चाहिए। | |||
=== उदाहरण === | |||
एल्कीन, एल्किल कार्बोनियम आयन या एल्किल [[मुक्त मूलक]]। | |||
SP<sup>2</sup> संकरित कार्बन के सापेक्ष कार्बन पर कम से कम एक हाइड्रोजन उपस्थित होना चाहिए। यदि ऊपर दी गई दोनों शर्तें पूरी होती हैं, तो अतिसयुग्मन पाया जाता है। | |||
== अतिसंयुग्मन के प्रकार == | |||
अतिसंयुग्मन तीन प्रकार का होता है: | |||
=== <chem>\sigma</chem> (C-H) - <chem>\pi</chem> संयुग्मन === | |||
एल्कीनों में इस प्रकार का संयुग्मन पाया जाता है। | |||
<chem>CH3-CH=CH2</chem> | |||
=== <chem>\sigma</chem> (C-H) एल्किल कार्बोनियम आयन संयुग्मन === | |||
एल्किल कार्बोनियम आयन में इस प्रकार का संयुग्मन पाया जाता है। | |||
<chem>CH3-CH2+ <-> CH=CH2 + H+</chem> | |||
=== <chem>\sigma</chem> (C-H) संयुग्मन विषम इलेक्ट्रॉन संयुग्मन === | |||
इस प्रकार का संयुग्मन एल्किल मुक्त मूलकों में पाया जकता जाता है। | |||
<chem>CH3 - CH2.</chem> | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* अतिसंयुग्मन से आप क्या समझते हैं ? | |||
* अतिसंयुग्मन कितने प्रकार के होते हैं ? | |||
* अतिसयुग्मन को किसी एक उदाहरण द्वारा समझाइये। |
Latest revision as of 19:34, 25 May 2024
अतिसंयुग्मन एक सामान्य अन्योन्य क्रिया है। यह एक स्थाई प्रभाव है। यदि एक कार्बन जिस पर कम से कम एक हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित होता है एक असंतृप्त परमाणु, अयुग्मित इलेक्ट्रान युग्म युक्त परमाणु या sp2 संकरित अयुग्मित कक्षक युक्त परमाणु से जुड़ा होता है। यह विस्थापन में भाग लेता है। इस प्रकार के अनुनाद को अतिसयुग्मन कहते हैं।
अतिसयुग्मन परिकल्पना बेकर तथा नाथन ने विकसित की थी। इसलिए इसे बेकर तथा नाथन प्रभाव भी कहते हैं।
C - H के सिग्मा बंध इलेक्ट्रॉन का द्विबंध के साथ संयुग्मन होने पर अनुनाद हो या पाई इलेक्ट्रान युग्म की ओर इलेक्ट्रॉन का विस्थापन हो तो इसे अतिसयुग्मन कहते हैं। इसमें C - H सिग्मा बंध टूट जाता है। अतः इसे बिना बंध का अनुनाद भी कहते हैं। जितना अधिक अनुनादी संरचना बनती है वह उतना ही अधिक स्थाई होता है। अनुनादी संरचनाओं की संख्या अल्फा हाइड्रोजन की संख्या पर निर्भर करती है। अनुनादी संरचनाओं के कारण इलेक्ट्रॉन दान करने की क्षमता का घटता क्रम निम्न लिखित है।
लेकिन यह +I का बढ़ता क्रम दिखा रहा है।
अतिसयुग्मन की कक्षक परिकल्पना
प्रोपीन में द्विबंध के पाई इलेक्ट्रॉन युग्म के साथ सयुग्मन में H - C सिग्मा बंध के इलेक्ट्रान युग्म भाग लेते हैं, इसलिए अतिसयुग्मन में द्विबंध के P - कक्षकों के अतिव्यापन द्वारा H - C बंध के सिग्मा इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है।
अतिसयुग्मन के लिए संरचनात्मक आवश्यकता
यौगिक में कम से कम एक SP2 संकरित कार्बन उपस्थित होना चाहिए।
उदाहरण
एल्कीन, एल्किल कार्बोनियम आयन या एल्किल मुक्त मूलक।
SP2 संकरित कार्बन के सापेक्ष कार्बन पर कम से कम एक हाइड्रोजन उपस्थित होना चाहिए। यदि ऊपर दी गई दोनों शर्तें पूरी होती हैं, तो अतिसयुग्मन पाया जाता है।
अतिसंयुग्मन के प्रकार
अतिसंयुग्मन तीन प्रकार का होता है:
(C-H) - संयुग्मन
एल्कीनों में इस प्रकार का संयुग्मन पाया जाता है।
(C-H) एल्किल कार्बोनियम आयन संयुग्मन
एल्किल कार्बोनियम आयन में इस प्रकार का संयुग्मन पाया जाता है।
(C-H) संयुग्मन विषम इलेक्ट्रॉन संयुग्मन
इस प्रकार का संयुग्मन एल्किल मुक्त मूलकों में पाया जकता जाता है।
अभ्यास प्रश्न
- अतिसंयुग्मन से आप क्या समझते हैं ?
- अतिसंयुग्मन कितने प्रकार के होते हैं ?
- अतिसयुग्मन को किसी एक उदाहरण द्वारा समझाइये।