ऑक्सीडोरिडक्टेज: Difference between revisions
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ऑक्सीडोरडक्टेस एंजाइमों का एक वर्ग है जो ऑक्सीकरण-अपचयन (रेडॉक्स) अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करता है, जहां अणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है। ये [[एंजाइम]] सेलुलर श्वसन, [[प्रकाश संश्लेषण]] और विषहरण सहित विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण हैं। | |||
'''''"ऑक्सीडोरडक्टेस एंजाइम होते हैं जो एक अणु (रिडक्टेंट या इलेक्ट्रॉन दाता) से दूसरे अणु (ऑक्सीडेंट या इलेक्ट्रॉन स्वीकर्ता) में इलेक्ट्रॉनों को स्थानांतरित करके रेडॉक्स प्रतिक्रियाओं को सुविधाजनक बनाते हैं।"''''' | |||
=== उदाहरण === | |||
'''डिहाइड्रोजनेज:''' ये एंजाइम एक सब्सट्रेट से [[हाइड्रोजन]] परमाणुओं को हटाते हैं। उदाहरण: लैक्टेट डिहाइड्रोजनेज, जो लैक्टेट को पाइरूवेट में परिवर्तित करता है। | |||
<chem>Lactate + NAD+ -> Pyruvate + NADH + H+</chem> | |||
'''ऑक्सीडेस:''' ये एंजाइम सब्सट्रेट से इलेक्ट्रॉनों को ऑक्सीजन में स्थानांतरित करते हैं, जिससे जल या हाइड्रोजन परॉक्साइड बनता है। उदाहरण: इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला में साइटोक्रोम सी ऑक्सीडेज। | |||
<chem>4Cytochrome c (reduced) + 4H+ + O2 -> 4Cytochrome c (oxidized) + 2H2O</chem> | |||
'''रिडक्टेस:''' ये एंजाइम [[अपचयन]] अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं। उदाहरण: नाइट्रोजनेज, जो नाइट्रोजन (N<sub>2</sub>) को अमोनिया (NH<sub>3</sub>) में अपचयित कर देता है। | |||
<chem>N2 + 8H+ + 8e + 16ATP -> 2NH3 + H2 + 16ADP + 16Pi</chem> | |||
'''परॉक्सीडेस:''' ये एंजाइम विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉन दाताओं का उपयोग करके परॉक्साइड (जैसे हाइड्रोजन परॉक्साइड) को अपचयित करते हैं। उदाहरण: कैटालेज़, जो हाइड्रोजन परॉक्साइड को जल और ऑक्सीजन में विघटित हो जाता है। | |||
<chem>2H2O2 -> 2H2O + O2</chem> | |||
'''ऑक्सीजनेज़:''' ये एंजाइम ऑक्सीजन को अपने सब्सट्रेट में सम्मिलित करते हैं। उदाहरण: टायरोसिनेज़, जो फिनॉल (जैसे टायरोसिन) के ऑक्सीकरण को उत्प्रेरित करता है। | |||
<chem>Tyrosine + O2 -> Dopaquinone + H2O</chem> | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* ऑक्सीडोरिडक्टेज से आप क्या समझते हैं ? | |||
* ऑक्सीडोरिडक्टेज के कार्य बताइये। |
Latest revision as of 20:02, 30 May 2024
ऑक्सीडोरडक्टेस एंजाइमों का एक वर्ग है जो ऑक्सीकरण-अपचयन (रेडॉक्स) अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करता है, जहां अणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है। ये एंजाइम सेलुलर श्वसन, प्रकाश संश्लेषण और विषहरण सहित विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण हैं।
"ऑक्सीडोरडक्टेस एंजाइम होते हैं जो एक अणु (रिडक्टेंट या इलेक्ट्रॉन दाता) से दूसरे अणु (ऑक्सीडेंट या इलेक्ट्रॉन स्वीकर्ता) में इलेक्ट्रॉनों को स्थानांतरित करके रेडॉक्स प्रतिक्रियाओं को सुविधाजनक बनाते हैं।"
उदाहरण
डिहाइड्रोजनेज: ये एंजाइम एक सब्सट्रेट से हाइड्रोजन परमाणुओं को हटाते हैं। उदाहरण: लैक्टेट डिहाइड्रोजनेज, जो लैक्टेट को पाइरूवेट में परिवर्तित करता है।
ऑक्सीडेस: ये एंजाइम सब्सट्रेट से इलेक्ट्रॉनों को ऑक्सीजन में स्थानांतरित करते हैं, जिससे जल या हाइड्रोजन परॉक्साइड बनता है। उदाहरण: इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला में साइटोक्रोम सी ऑक्सीडेज।
रिडक्टेस: ये एंजाइम अपचयन अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं। उदाहरण: नाइट्रोजनेज, जो नाइट्रोजन (N2) को अमोनिया (NH3) में अपचयित कर देता है।
परॉक्सीडेस: ये एंजाइम विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉन दाताओं का उपयोग करके परॉक्साइड (जैसे हाइड्रोजन परॉक्साइड) को अपचयित करते हैं। उदाहरण: कैटालेज़, जो हाइड्रोजन परॉक्साइड को जल और ऑक्सीजन में विघटित हो जाता है।
ऑक्सीजनेज़: ये एंजाइम ऑक्सीजन को अपने सब्सट्रेट में सम्मिलित करते हैं। उदाहरण: टायरोसिनेज़, जो फिनॉल (जैसे टायरोसिन) के ऑक्सीकरण को उत्प्रेरित करता है।
अभ्यास प्रश्न
- ऑक्सीडोरिडक्टेज से आप क्या समझते हैं ?
- ऑक्सीडोरिडक्टेज के कार्य बताइये।