दिगंशी क्वांटम संख्या: Difference between revisions
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एक [[परमाणु]] में एक [[इलेक्ट्रॉन]] को पूरी तरह से परिभाषित करने के लिए आवश्यक चार पूर्णांकों के सेट को क्वांटम संख्या कहा जाता है, जिसमे से पहले तीन श्रोडिंगर्स तरंग समीकरण से प्राप्त किए गए हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि इस दुनिया में किसी व्यक्ति विशेष को खोजने के लिए चार चीजों की जरूरत होती है। | |||
# देश का नाम जिसमे वह व्यक्ति रहता है। | |||
# शहर का नाम जिसमे वह व्यक्ति रहता है। | |||
# सड़क जो उस शहर में है। | |||
# मकान संख्या जिसमे वह व्यक्ति रहता है। | |||
इसी प्रकार, एक परमाणु में एक विशेष इलेक्ट्रॉन का पता लगाने के लिए चार संख्या की आवश्यकता होती है। इन्हे क्वांटम संख्या कहते हैं। यहां पर चार प्रकार की क्वांटम संख्या की आवश्यकता होती है। | |||
# [[मुख्य क्वांटम संख्या]] | |||
# द्विगांशी क्वांटम संख्या | |||
# [[चुंबकीय क्वांटम संख्या]] | |||
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== द्विगंशी क्वांटम संख्या == | |||
द्विगंशी क्वांटम संख्या को हम '''<nowiki/>'l'''<nowiki/>' से प्रदर्शित करते हैं। यह कक्षक के त्रिविमीय आकार को बताती है। द्विगंशी क्वांटम संख्या बताती है की इलेक्ट्रान किस कोश में हैं। | |||
किसी भी मुख्य क्वांटम संख्या <nowiki>''</nowiki>n<nowiki>''</nowiki> के लिए l के मान (n-1) तक होते है। | |||
यदि n मान 1 है तो l का मान = 0 होगा। | |||
यदि n मान 2 है तो l का मान = 0, 1 होगा। | |||
यदि n मान 3 है तो l का मान = 0, 1,2 होगा। | |||
यदि n मान 4 है तो l का मान = 0,1,2,3 होगा। | |||
यदि n मान 5 है तो l का मान = 0, 1, 2, 3 होगा। | |||
प्रत्येक कोश में एक या अधिक उपकोश या उपस्तर होते हैं किसी मुख्य कोश में उपकोशों की संख्या n के बराबर होती है। उदाहरण पहले कोश (n=1) में केवल एक उपकोश होता है जो l = 0 के संगत होता है इसी प्रकार (n = 2) कोश में दो उपकोश l = 0,1 (n = 3) में तीन उपकोश l = 0,1,2 होते हैं। n के अन्य मानों के लिए भी ऐसा लिखा जा सकता है किसी कोश के उपकोशों को द्विगांशी क्वांटम संख्या (l) द्वारा प्रदर्शित करते हैं l के विभिन्न मानों के संगत उपकोशो को निम्नलिखित चिन्हों द्वारा दर्शाया जाता है- | |||
<big>l के मान : 0 1 2 3 4 5......</big> | |||
<big>l = 0</big> के लिए उपकोश संकेतन <big>s</big> होगा। | |||
<big>l = 1</big> के लिए उपकोश संकेतन p होगा। | |||
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<big>l = 3</big> के लिए उपकोश संकेतन f होगा। | |||
किसी उपकोश में उपस्थित अधिकतम इलेक्ट्रॉन = 2(2l+1) | |||
एक उपकोश में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या = 2(2l+1) | |||
s उपकोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 2 [[इलेक्ट्रॉन]] | |||
p उपकोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 6 इलेक्ट्रॉन | |||
d उपकोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 10 इलेक्ट्रॉन | |||
f उपकोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 14 इलेक्ट्रॉन<blockquote></blockquote> | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* कक्षक और क्वांटम संख्या से क्या तात्पर्य है ? | |||
* द्विगंशी क्वांटम संख्या से आप क्या समझते हैं ? | |||
* मुख्य क्वांटम संख्या से आप क्या समझते हैं ? | |||
* चक्रण कोणीय संवेग का सूत्र लिखिए। | |||
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Latest revision as of 10:18, 12 May 2024
एक परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन को पूरी तरह से परिभाषित करने के लिए आवश्यक चार पूर्णांकों के सेट को क्वांटम संख्या कहा जाता है, जिसमे से पहले तीन श्रोडिंगर्स तरंग समीकरण से प्राप्त किए गए हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि इस दुनिया में किसी व्यक्ति विशेष को खोजने के लिए चार चीजों की जरूरत होती है।
- देश का नाम जिसमे वह व्यक्ति रहता है।
- शहर का नाम जिसमे वह व्यक्ति रहता है।
- सड़क जो उस शहर में है।
- मकान संख्या जिसमे वह व्यक्ति रहता है।
इसी प्रकार, एक परमाणु में एक विशेष इलेक्ट्रॉन का पता लगाने के लिए चार संख्या की आवश्यकता होती है। इन्हे क्वांटम संख्या कहते हैं। यहां पर चार प्रकार की क्वांटम संख्या की आवश्यकता होती है।
- मुख्य क्वांटम संख्या
- द्विगांशी क्वांटम संख्या
- चुंबकीय क्वांटम संख्या
- चक्रण क्वांटम संख्या
द्विगंशी क्वांटम संख्या
द्विगंशी क्वांटम संख्या को हम 'l' से प्रदर्शित करते हैं। यह कक्षक के त्रिविमीय आकार को बताती है। द्विगंशी क्वांटम संख्या बताती है की इलेक्ट्रान किस कोश में हैं।
किसी भी मुख्य क्वांटम संख्या ''n'' के लिए l के मान (n-1) तक होते है।
यदि n मान 1 है तो l का मान = 0 होगा।
यदि n मान 2 है तो l का मान = 0, 1 होगा।
यदि n मान 3 है तो l का मान = 0, 1,2 होगा।
यदि n मान 4 है तो l का मान = 0,1,2,3 होगा।
यदि n मान 5 है तो l का मान = 0, 1, 2, 3 होगा।
प्रत्येक कोश में एक या अधिक उपकोश या उपस्तर होते हैं किसी मुख्य कोश में उपकोशों की संख्या n के बराबर होती है। उदाहरण पहले कोश (n=1) में केवल एक उपकोश होता है जो l = 0 के संगत होता है इसी प्रकार (n = 2) कोश में दो उपकोश l = 0,1 (n = 3) में तीन उपकोश l = 0,1,2 होते हैं। n के अन्य मानों के लिए भी ऐसा लिखा जा सकता है किसी कोश के उपकोशों को द्विगांशी क्वांटम संख्या (l) द्वारा प्रदर्शित करते हैं l के विभिन्न मानों के संगत उपकोशो को निम्नलिखित चिन्हों द्वारा दर्शाया जाता है-
l के मान : 0 1 2 3 4 5......
l = 0 के लिए उपकोश संकेतन s होगा।
l = 1 के लिए उपकोश संकेतन p होगा।
l = 2 के लिए उपकोश संकेतन d होगा।
l = 3 के लिए उपकोश संकेतन f होगा।
किसी उपकोश में उपस्थित अधिकतम इलेक्ट्रॉन = 2(2l+1)
एक उपकोश में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या = 2(2l+1)
s उपकोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 2 इलेक्ट्रॉन
p उपकोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 6 इलेक्ट्रॉन
d उपकोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 10 इलेक्ट्रॉन
f उपकोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 14 इलेक्ट्रॉन
अभ्यास प्रश्न
- कक्षक और क्वांटम संख्या से क्या तात्पर्य है ?
- द्विगंशी क्वांटम संख्या से आप क्या समझते हैं ?
- मुख्य क्वांटम संख्या से आप क्या समझते हैं ?
- चक्रण कोणीय संवेग का सूत्र लिखिए।