सासंजन: Difference between revisions
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सासंजन पादप शरीर क्रिया विज्ञान में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो पौधे के माध्यम से जल के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह गुण जड़ों से पत्तियों तक जल की आवाजाही के लिए आवश्यक है और [[जाइलम]] में जल के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। सासंजन गुण, [[आसंजन]] और अन्य बलों के साथ, रस के आरोहण में योगदान देता है और इसे सासंजन-तनाव सिद्धांत द्वारा समझाया गया है। | |||
== पौधों में जल परिवहन में सासंजन == | |||
'''''सासंजन समान अणुओं के बीच आकर्षण का बल है। पौधों में जल परिवहन के संदर्भ में, सासंजन जल अणुओं के बीच आकर्षण को संदर्भित करता है, जो मुख्य रूप से हाइड्रोजन बंध के कारण होता है।''''' | |||
=== सासंजन की भूमिका === | |||
* सासंजन जल अणुओं को एक साथ चिपकाने में मदद करता है, जिससे जाइलम वाहिकाओं में जल का एक निरंतर स्तंभ बनता है, जो जड़ों से पत्तियों तक फैला होता है। | |||
* यह सासंजन बल सुनिश्चित करता है कि जल स्तंभ टूट न जाए, भले ही [[वाष्पोत्सर्जन]] द्वारा बनाए गए खिंचाव के अधीन हो। | |||
== सासंजन-तनाव सिद्धांत == | |||
* हेनरी डिक्सन और जॉन जोली द्वारा प्रस्तावित, सासंजन-तनाव सिद्धांत बताता है कि जड़ों से पत्तियों तक गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध पानी को कैसे ऊपर की ओर खींचा जाता है। | |||
* यह प्रक्रिया पत्तियों से वाष्पोत्सर्जन (पानी का [[वाष्पीकरण]]) से शुरू होती है, जिससे पत्ती की मेसोफिल कोशिकाओं में एक नकारात्मक दबाव (तनाव) पैदा होता है। | |||
* यह तनाव जाइलम में पानी के स्तंभ तक संचारित होता है, जो जड़ों से पानी को ऊपर खींचता है। | |||
* पानी के अणुओं के बीच सासंजन इस जल स्तंभ की अखंडता को बनाए रखता है क्योंकि यह जाइलम वाहिकाओं में ऊपर की ओर बढ़ता है। | |||
== आसंजन और इसकी भूमिका == | |||
आसंजन जल अणुओं और जाइलम वाहिकाओं की दीवारों के बीच आकर्षण है। यह बल जल अणुओं को वाहिका की दीवारों पर चढ़ने में मदद करता है, सासंजन बल का समर्थन करता है और जल स्तंभ को वापस नीचे गिरने से रोकता है। | |||
=== केशिका क्रिया === | |||
* सासंजन और आसंजन का संयुक्त प्रभाव केशिका क्रिया में भी योगदान देता है, जहां इन बलों के कारण पानी संकीर्ण नलियों (जाइलम वाहिकाओं) में ऊपर उठता है। | |||
* जाइलम वाहिकाओं का संकीर्ण व्यास केशिका क्रिया को बढ़ाता है, जिससे पानी की ऊपर की ओर गति में सहायता मिलती है। | |||
== पौधों में सासंजन का महत्व == | |||
'''जल परिवहन:''' सासंजन जड़ों से पत्तियों तक पानी की निरंतर गति सुनिश्चित करता है, जिससे पौधे के विभिन्न भागों में पानी और पोषक तत्व की आपूर्ति होती है। | |||
'''जल तनाव के दौरान सहायता:''' सासंजन उच्च तनाव (जैसे, शुष्क परिस्थितियों या उच्च वाष्पोत्सर्जन दर के दौरान) के तहत जल स्तंभ को टूटने से रोकता है, इस प्रकार पौधे को मुरझाने से रोकता है। | |||
'''स्फीति दाब बनाए रखता है:''' निरंतर जल आंदोलन कोशिका स्फीति दाब को बनाए रखने में मदद करता है, जो पौधे की संरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। | |||
== सासंजन को प्रभावित करने वाले कारक == | |||
'''तापमान:''' उच्च तापमान पानी के अणुओं के बीच [[हाइड्रोजन बंधित आणविक|हाइड्रोजन बंध]] को तोड़कर सासंजन की ताकत को कम कर सकता है। | |||
'''जाइलम संरचना:''' लिग्निन की उपस्थिति और जाइलम वाहिकाओं का संकीर्ण व्यास सासंजन बलों को बनाए रखने में मदद करता है। | |||
'''हवा के बुलबुले की उपस्थिति:''' हवा के बुलबुले (गुहिकायन) निरंतर जल स्तंभ को तोड़ सकते हैं, जिससे सासंजन बल और जल प्रवाह बाधित हो सकता है। | |||
== पौधों के परिवहन में संसजन से संबंधित प्रश्न == | |||
* संसजन को परिभाषित करें और पौधों में जल परिवहन में इसकी भूमिका की व्याख्या करें। | |||
* संसजन-तनाव सिद्धांत पौधों में जल की गति को कैसे समझाता है? | |||
* संसजन और आसंजन में क्या अंतर है? दोनों जल परिवहन में कैसे मदद करते हैं? | |||
* पौधों में वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया और संसजन के साथ इसके संबंध की व्याख्या करें। | |||
* यदि जल अणुओं के बीच संसजन बल बाधित होता है तो क्या होता है? | |||
* संसजन और आसंजन जाइलम वाहिकाओं में केशिका क्रिया में कैसे योगदान करते हैं? | |||
* जल को बनाए रखने में संसजन की क्या भूमिका है? |
Latest revision as of 09:31, 30 September 2024
सासंजन पादप शरीर क्रिया विज्ञान में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो पौधे के माध्यम से जल के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह गुण जड़ों से पत्तियों तक जल की आवाजाही के लिए आवश्यक है और जाइलम में जल के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। सासंजन गुण, आसंजन और अन्य बलों के साथ, रस के आरोहण में योगदान देता है और इसे सासंजन-तनाव सिद्धांत द्वारा समझाया गया है।
पौधों में जल परिवहन में सासंजन
सासंजन समान अणुओं के बीच आकर्षण का बल है। पौधों में जल परिवहन के संदर्भ में, सासंजन जल अणुओं के बीच आकर्षण को संदर्भित करता है, जो मुख्य रूप से हाइड्रोजन बंध के कारण होता है।
सासंजन की भूमिका
- सासंजन जल अणुओं को एक साथ चिपकाने में मदद करता है, जिससे जाइलम वाहिकाओं में जल का एक निरंतर स्तंभ बनता है, जो जड़ों से पत्तियों तक फैला होता है।
- यह सासंजन बल सुनिश्चित करता है कि जल स्तंभ टूट न जाए, भले ही वाष्पोत्सर्जन द्वारा बनाए गए खिंचाव के अधीन हो।
सासंजन-तनाव सिद्धांत
- हेनरी डिक्सन और जॉन जोली द्वारा प्रस्तावित, सासंजन-तनाव सिद्धांत बताता है कि जड़ों से पत्तियों तक गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध पानी को कैसे ऊपर की ओर खींचा जाता है।
- यह प्रक्रिया पत्तियों से वाष्पोत्सर्जन (पानी का वाष्पीकरण) से शुरू होती है, जिससे पत्ती की मेसोफिल कोशिकाओं में एक नकारात्मक दबाव (तनाव) पैदा होता है।
- यह तनाव जाइलम में पानी के स्तंभ तक संचारित होता है, जो जड़ों से पानी को ऊपर खींचता है।
- पानी के अणुओं के बीच सासंजन इस जल स्तंभ की अखंडता को बनाए रखता है क्योंकि यह जाइलम वाहिकाओं में ऊपर की ओर बढ़ता है।
आसंजन और इसकी भूमिका
आसंजन जल अणुओं और जाइलम वाहिकाओं की दीवारों के बीच आकर्षण है। यह बल जल अणुओं को वाहिका की दीवारों पर चढ़ने में मदद करता है, सासंजन बल का समर्थन करता है और जल स्तंभ को वापस नीचे गिरने से रोकता है।
केशिका क्रिया
- सासंजन और आसंजन का संयुक्त प्रभाव केशिका क्रिया में भी योगदान देता है, जहां इन बलों के कारण पानी संकीर्ण नलियों (जाइलम वाहिकाओं) में ऊपर उठता है।
- जाइलम वाहिकाओं का संकीर्ण व्यास केशिका क्रिया को बढ़ाता है, जिससे पानी की ऊपर की ओर गति में सहायता मिलती है।
पौधों में सासंजन का महत्व
जल परिवहन: सासंजन जड़ों से पत्तियों तक पानी की निरंतर गति सुनिश्चित करता है, जिससे पौधे के विभिन्न भागों में पानी और पोषक तत्व की आपूर्ति होती है।
जल तनाव के दौरान सहायता: सासंजन उच्च तनाव (जैसे, शुष्क परिस्थितियों या उच्च वाष्पोत्सर्जन दर के दौरान) के तहत जल स्तंभ को टूटने से रोकता है, इस प्रकार पौधे को मुरझाने से रोकता है।
स्फीति दाब बनाए रखता है: निरंतर जल आंदोलन कोशिका स्फीति दाब को बनाए रखने में मदद करता है, जो पौधे की संरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
सासंजन को प्रभावित करने वाले कारक
तापमान: उच्च तापमान पानी के अणुओं के बीच हाइड्रोजन बंध को तोड़कर सासंजन की ताकत को कम कर सकता है।
जाइलम संरचना: लिग्निन की उपस्थिति और जाइलम वाहिकाओं का संकीर्ण व्यास सासंजन बलों को बनाए रखने में मदद करता है।
हवा के बुलबुले की उपस्थिति: हवा के बुलबुले (गुहिकायन) निरंतर जल स्तंभ को तोड़ सकते हैं, जिससे सासंजन बल और जल प्रवाह बाधित हो सकता है।
पौधों के परिवहन में संसजन से संबंधित प्रश्न
- संसजन को परिभाषित करें और पौधों में जल परिवहन में इसकी भूमिका की व्याख्या करें।
- संसजन-तनाव सिद्धांत पौधों में जल की गति को कैसे समझाता है?
- संसजन और आसंजन में क्या अंतर है? दोनों जल परिवहन में कैसे मदद करते हैं?
- पौधों में वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया और संसजन के साथ इसके संबंध की व्याख्या करें।
- यदि जल अणुओं के बीच संसजन बल बाधित होता है तो क्या होता है?
- संसजन और आसंजन जाइलम वाहिकाओं में केशिका क्रिया में कैसे योगदान करते हैं?
- जल को बनाए रखने में संसजन की क्या भूमिका है?