बेरिलियम एवं एलुमिनियम में विकर्ण सम्बन्ध: Difference between revisions

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बेरिलियम s- ब्लॉक के वर्ग -2 का प्रथम सदस्य है। यह मैग्नीशियम के साथ असंगत व्यवहार प्रदर्शित करता है। बेरेलियम की [[परमाणु त्रिज्या]] अन्य क्षारीय मृदा धातुओं की अपेक्षा बहुत कम होती है। यही कारण है कि बेरिलियम अन्य क्षारीय मृदा धातुओं से असमानता प्रदर्शित करता है। बेरिलियम s- ब्लॉक के वर्ग -2 का प्रथम सदस्य है। यह मैग्नीशियम के साथ असंगत व्यवहार प्रदर्शित करता है। बेरेलियम की परमाणु त्रिज्या अन्य क्षारीय मृदा धातुओं की अपेक्षा बहुत कम होती है। यही कारण है कि बेरिलियम अन्य [[क्षारीय मृदा धातुएँ|क्षारीय मृदा धातु]]ओं से असमानता प्रदर्शित करता है।


== बेरिलियम का असंगत व्यवहार ==
*बेरिलियम जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातुयें जल के साथ अभिक्रिया करती हैं।
*बेरिलियम का आकार अपेक्षाकृत छोटा होता है।
*बेरिलियम के [[यौगिक]] सहसंयोजी यौगिक बनाते हैं।
*बेरिलियम की हाइड्रेशन ऊर्जा उच्च होने के कारण बेरिलियम फ्लोराइड जल में पूर्ण रूप से विलेय है।
*बेरिलियम की उपसहसंयोजन संख्या 4 से अधिक नहीं होती जबकि वर्ग के अन्य तत्वों की उपसहसंयोजन संख्या 6 तक होती है।
*बेरिलियम का ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड उभयधर्मी होता है।
*बेरिलियम का ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड उभयधर्मी होता है। जबकि वर्ग के अन्य सदस्यों के ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड प्रबल [[क्षार]] होते हैं।
*वर्ग के अन्य तत्वों की तुलना में बेरिलियम का [[गलनांक]] और [[क्वथनांक]] उच्च होता है।
*उच्च तापमान पर भी यह तत्व जल को विघटित नहीं करता है। जबकि वर्ग के अन्य तत्व जल को विघटित करता है।
*लौ परीक्षण के संपर्क में आने पर यह रंग नहीं दिखाता है।
== बेरिलियम एवं एलुमिनियम में विकर्ण सम्बन्ध ==
जैसा कि हम जानते हैं कि आवर्त सारणी के दूसरे [[आवर्त]] में बेरिलियम उपस्थित होता है और तीसरे आवर्त में एल्युमीनियम उपस्थित होता है और दोनों ही तत्व [[धातु]] हैं। इसलिए, एल्यूमीनियम और बेरिलियम दोनों में विकर्ण संबंध है।
एल्युमीनियम और बेरिलियम के बीच कुछ विकर्ण संबंध निम्नलिखित हैं:
* बेरिलियम और एल्यूमीनियम दोनों में सहसंयोजक यौगिक बनाने की प्रवृत्ति होती है, जो उनके बीच विकर्ण संबंधों में से एक है।
* फ़्रीडेल क्राफ्ट अभिक्रिया में उत्प्रेरक बेरिलियम क्लोराइड और एल्यूमीनियम क्लोराइड हैं। क्योंकि वे दोनों [[लुईस अम्ल]] हैं।
* क्षार की उपस्थिति में, Be और Al दोनों विलेय हो जाते हैं, जिससे बेरिलेट्स और एलुमिनेट्स जैसे कॉम्प्लेक्स बनते हैं।
* दोनों ऑक्साइड उच्च पिघलने वाले, अघुलनशील ठोस हैं जो बेहद कठोर हैं।
* दोनों धातुओं के हाइड्रॉक्साइड और ऑक्साइड उभयधर्मी प्रकृति के होते हैं।
* बेरिलियम और एल्यूमीनियम कार्बाइड जल के संपर्क में आकर, मीथेन गैस का निर्माण करते है।
== अभ्यास प्रश्न ==
* बेरिलियम का असंगत व्यवहार से क्या तात्पर्य है ?
* बेरिलियम एवं एलुमिनियम में विकर्ण सम्बन्ध क्या है ?
* क्षार धातुओं से हाइड्रोजन गैस का निर्माण कैसे होता है ?

Latest revision as of 21:51, 27 May 2024

बेरिलियम s- ब्लॉक के वर्ग -2 का प्रथम सदस्य है। यह मैग्नीशियम के साथ असंगत व्यवहार प्रदर्शित करता है। बेरेलियम की परमाणु त्रिज्या अन्य क्षारीय मृदा धातुओं की अपेक्षा बहुत कम होती है। यही कारण है कि बेरिलियम अन्य क्षारीय मृदा धातुओं से असमानता प्रदर्शित करता है। बेरिलियम s- ब्लॉक के वर्ग -2 का प्रथम सदस्य है। यह मैग्नीशियम के साथ असंगत व्यवहार प्रदर्शित करता है। बेरेलियम की परमाणु त्रिज्या अन्य क्षारीय मृदा धातुओं की अपेक्षा बहुत कम होती है। यही कारण है कि बेरिलियम अन्य क्षारीय मृदा धातुओं से असमानता प्रदर्शित करता है।

बेरिलियम का असंगत व्यवहार

  • बेरिलियम जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातुयें जल के साथ अभिक्रिया करती हैं।
  • बेरिलियम का आकार अपेक्षाकृत छोटा होता है।
  • बेरिलियम के यौगिक सहसंयोजी यौगिक बनाते हैं।
  • बेरिलियम की हाइड्रेशन ऊर्जा उच्च होने के कारण बेरिलियम फ्लोराइड जल में पूर्ण रूप से विलेय है।
  • बेरिलियम की उपसहसंयोजन संख्या 4 से अधिक नहीं होती जबकि वर्ग के अन्य तत्वों की उपसहसंयोजन संख्या 6 तक होती है।
  • बेरिलियम का ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड उभयधर्मी होता है।
  • बेरिलियम का ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड उभयधर्मी होता है। जबकि वर्ग के अन्य सदस्यों के ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड प्रबल क्षार होते हैं।
  • वर्ग के अन्य तत्वों की तुलना में बेरिलियम का गलनांक और क्वथनांक उच्च होता है।
  • उच्च तापमान पर भी यह तत्व जल को विघटित नहीं करता है। जबकि वर्ग के अन्य तत्व जल को विघटित करता है।
  • लौ परीक्षण के संपर्क में आने पर यह रंग नहीं दिखाता है।

बेरिलियम एवं एलुमिनियम में विकर्ण सम्बन्ध

जैसा कि हम जानते हैं कि आवर्त सारणी के दूसरे आवर्त में बेरिलियम उपस्थित होता है और तीसरे आवर्त में एल्युमीनियम उपस्थित होता है और दोनों ही तत्व धातु हैं। इसलिए, एल्यूमीनियम और बेरिलियम दोनों में विकर्ण संबंध है।

एल्युमीनियम और बेरिलियम के बीच कुछ विकर्ण संबंध निम्नलिखित हैं:

  • बेरिलियम और एल्यूमीनियम दोनों में सहसंयोजक यौगिक बनाने की प्रवृत्ति होती है, जो उनके बीच विकर्ण संबंधों में से एक है।
  • फ़्रीडेल क्राफ्ट अभिक्रिया में उत्प्रेरक बेरिलियम क्लोराइड और एल्यूमीनियम क्लोराइड हैं। क्योंकि वे दोनों लुईस अम्ल हैं।
  • क्षार की उपस्थिति में, Be और Al दोनों विलेय हो जाते हैं, जिससे बेरिलेट्स और एलुमिनेट्स जैसे कॉम्प्लेक्स बनते हैं।
  • दोनों ऑक्साइड उच्च पिघलने वाले, अघुलनशील ठोस हैं जो बेहद कठोर हैं।
  • दोनों धातुओं के हाइड्रॉक्साइड और ऑक्साइड उभयधर्मी प्रकृति के होते हैं।
  • बेरिलियम और एल्यूमीनियम कार्बाइड जल के संपर्क में आकर, मीथेन गैस का निर्माण करते है।

अभ्यास प्रश्न

  • बेरिलियम का असंगत व्यवहार से क्या तात्पर्य है ?
  • बेरिलियम एवं एलुमिनियम में विकर्ण सम्बन्ध क्या है ?
  • क्षार धातुओं से हाइड्रोजन गैस का निर्माण कैसे होता है ?