अपघटन या वियोजन अभिक्रिया: Difference between revisions

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[[Category:रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण]]
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ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें कोई पदार्थ अभिक्रिया के बाद दो या दो से अधिक उत्पाद बनाता है, अर्थात् इसमें दो या दो से अधिक सरल यौगिकों का निर्माण होता है जिनके गुण मूल यौगिक के गुणों से बिल्कुल भिन्न होते हैं। उस अभिक्रिया को अपघटन अभिक्रिया कहते हैं।
ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें कोई [[पदार्थ]] अभिक्रिया के बाद दो या दो से अधिक [[उत्पाद]] बनाता है, अर्थात् इसमें दो या दो से अधिक सरल यौगिकों का निर्माण होता है जिनके गुण मूल यौगिक के गुणों से बिल्कुल भिन्न होते हैं। उस अभिक्रिया को [[अपघटन अभिक्रियाएँ|अपघटन अभिक्रिया]] कहते हैं।


=== सामान्य प्रतिक्रिया प्रारूप ===
=== सामान्य अभिक्रिया प्रारूप ===
अपघटन प्रतिक्रिया का सामान्य प्रारूप नीचे दिया गया है।
अपघटन अभिक्रिया का सामान्य प्रारूप नीचे दिया गया है।


<chem>A + B -> AB</chem>
<chem>A + B -> AB</chem>
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जब फेरस सल्फेट को एक परखनली में गर्म किया जाता है, तो फेरस सल्फेट अलग हो जाता है और फेरिक ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और सल्फर ट्राइऑक्साइड प्राप्त होता है जोकि एक वियोजन अभिक्रिया का उदाहरण है।
जब फेरस सल्फेट को एक परखनली में गर्म किया जाता है, तो फेरस सल्फेट अलग हो जाता है और फेरिक ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और सल्फर ट्राइऑक्साइड प्राप्त होता है जोकि एक वियोजन अभिक्रिया का उदाहरण है।
  <chem>2FeSO4 (s) ->Fe2O3(s) + SO2 (g) + SO3 (g)  </chem>
  <chem>2FeSO4 (s) ->Fe2O3(s) + SO2 (g) + SO3 (g)  </chem>
इस अभिक्रिया में अभिकारक वियोजित होकर छोटे छोटे उत्पाद प्रदान करते हैं। यह एक वियोजन अभिक्रिया है। इसमें गर्म करने पर फेरस सलफेट अपना क्रिस्टल जल अलग कर देता है और क्रिस्टल का रंग बदल जाता है। इसके उपरांत यह फेरिक ऑक्साइड(Fe<sub>2</sub>O<sub>3</sub>) , सल्फर डाइ ऑक्साइड(SO<sub>2</sub>) तथा सल्फर ट्राईऑक्साइड (SO<sub>3</sub>) में वियोजित हो जाता है।
इस अभिक्रिया में अभिकारक वियोजित होकर छोटे छोटे उत्पाद प्रदान करते हैं। यह एक वियोजन अभिक्रिया है। इसमें गर्म करने पर फेरस सलफेट अपना [[क्रिस्टलीय ठोस|क्रिस्टल]] जल अलग कर देता है और क्रिस्टल का रंग बदल जाता है। इसके उपरांत यह फेरिक ऑक्साइड(Fe<sub>2</sub>O<sub>3</sub>) , सल्फर डाइ ऑक्साइड(SO<sub>2</sub>) तथा सल्फर ट्राईऑक्साइड (SO<sub>3</sub>) में वियोजित हो जाता है।


=== उदाहरण- 2 ===
=== उदाहरण- 2 ===
जब कैल्सियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) को गर्म किया जाता है तो यह वियोजित होकर कैल्सियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण करता है।
जब कैल्सियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) को गर्म किया जाता है तो यह वियोजित होकर कैल्सियम ऑक्साइड और [[कार्बन डाइऑक्साइड]] का निर्माण करता है।
  <chem>CaCO3 (s)  ->  CaO (s) + CO2 (g) </chem>
  <chem>CaCO3 (s)  ->  CaO (s) + CO2 (g) </chem>
इन सभी अभिक्रियाओं में अभिक्रिया मिश्रण को ऊष्मा प्रदान की गई थी। इसका मतलब है कि इन अभिक्रियाओं में ऊष्मा का शोषण हुआ। जिस अभिक्रिया में ऊष्मा का शोषण होता है उसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।
इन सभी अभिक्रियाओं में अभिक्रिया मिश्रण को [[ऊष्मा]] प्रदान की गई थी। इसका मतलब है कि इन अभिक्रियाओं में ऊष्मा का शोषण हुआ। जिस अभिक्रिया में ऊष्मा का शोषण होता है उसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।


=== उदाहरण- 3 ===
=== उदाहरण- 3 ===
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* वियोजन अभिक्रिया क्या है?
* वियोजन अभिक्रिया क्या है?
* वियोजन एवं संयोजन अभिक्रिया में क्या अंतर है?
* वियोजन एवं [[संयोजन अभिक्रिया]] में क्या अंतर है?
* क्या सभी अपघटन प्रतिक्रिया ऊष्माशोषी हैं?
* क्या सभी अपघटन अभिक्रिया ऊष्माशोषी हैं?
* सिल्वर ब्रोमाइड एक हल्का पीला पाउडर है जो सूर्य के प्रकाश में ग्रे रंग का हो जाता है। ये किस प्रकार की अभिक्रिया का उदाहरण है ?
* सिल्वर ब्रोमाइड एक हल्का पीला पाउडर है जो सूर्य के प्रकाश में ग्रे रंग का हो जाता है। ये किस प्रकार की अभिक्रिया का उदाहरण है ?[[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-10]]

Latest revision as of 22:14, 7 May 2024

ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें कोई पदार्थ अभिक्रिया के बाद दो या दो से अधिक उत्पाद बनाता है, अर्थात् इसमें दो या दो से अधिक सरल यौगिकों का निर्माण होता है जिनके गुण मूल यौगिक के गुणों से बिल्कुल भिन्न होते हैं। उस अभिक्रिया को अपघटन अभिक्रिया कहते हैं।

सामान्य अभिक्रिया प्रारूप

अपघटन अभिक्रिया का सामान्य प्रारूप नीचे दिया गया है।

जहाँ AB मूल अणु (अभिकारक) है और A और B उत्पाद अणु हैं।

उदाहरण- 1

जब फेरस सल्फेट को एक परखनली में गर्म किया जाता है, तो फेरस सल्फेट अलग हो जाता है और फेरिक ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और सल्फर ट्राइऑक्साइड प्राप्त होता है जोकि एक वियोजन अभिक्रिया का उदाहरण है।


इस अभिक्रिया में अभिकारक वियोजित होकर छोटे छोटे उत्पाद प्रदान करते हैं। यह एक वियोजन अभिक्रिया है। इसमें गर्म करने पर फेरस सलफेट अपना क्रिस्टल जल अलग कर देता है और क्रिस्टल का रंग बदल जाता है। इसके उपरांत यह फेरिक ऑक्साइड(Fe2O3) , सल्फर डाइ ऑक्साइड(SO2) तथा सल्फर ट्राईऑक्साइड (SO3) में वियोजित हो जाता है।

उदाहरण- 2

जब कैल्सियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) को गर्म किया जाता है तो यह वियोजित होकर कैल्सियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण करता है।


इन सभी अभिक्रियाओं में अभिक्रिया मिश्रण को ऊष्मा प्रदान की गई थी। इसका मतलब है कि इन अभिक्रियाओं में ऊष्मा का शोषण हुआ। जिस अभिक्रिया में ऊष्मा का शोषण होता है उसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।

उदाहरण- 3

जब सिल्वर क्लोराइड को सूर्य के प्रकाश में रखा जाता है यह वियोजित होकर सिल्वर और क्लोरीन का निर्माण करता है। सिल्वर क्लोराइड एक सफेद पाउडर है जो सूर्य के  प्रकाश में ग्रे रंग का हो जाता है।


उदाहरण- 4

सिल्वर ब्रोमाइड एक हल्का पीला पाउडर है जो सूर्य के प्रकाश में ग्रे रंग का हो जाता है।


अभ्यास प्रश्न

  • वियोजन अभिक्रिया क्या है?
  • वियोजन एवं संयोजन अभिक्रिया में क्या अंतर है?
  • क्या सभी अपघटन अभिक्रिया ऊष्माशोषी हैं?
  • सिल्वर ब्रोमाइड एक हल्का पीला पाउडर है जो सूर्य के प्रकाश में ग्रे रंग का हो जाता है। ये किस प्रकार की अभिक्रिया का उदाहरण है ?