आर्यभटीयम् में 'सांकेतिक स्थान': Difference between revisions
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Latest revision as of 18:08, 30 August 2023
यहां हम आर्यभटीयम् के अनुसार स्थानीय मान जानेंगे।
श्लोक
एकं च दश च शतं च सहस्रं त्वयुतनियुते तथा प्रयुतम् ।
कोट्यर्बुदं च वृन्दं स्थानात् स्थानं दशगुणं स्यात् ॥
अनुवाद
एकम् (इकाई स्थान), दश (दहाई स्थान), शतम् (सैकड़ों स्थान), सहस्रम् (हजार स्थान), अयुतम् (दस हजार स्थान), नियुतम् (लाख स्थान), प्रयुतम् (दस लाख स्थान), कोटिः (करोड़ स्थान), अर्बुदम् (दस करोड़ स्थान), वृन्दम् (सौ करोड़ स्थान) क्रमशः एक स्थान से दूसरे स्थान पर हैं, प्रत्येक पिछले से दस गुना।[1]
Position | Name | Value |
---|---|---|
1 | एकम् (ekam) | 1 |
2 | दश (daśa) | 10 |
3 | शतम् (śatam) | 100 |
4 | सहस्रम् (sahasram) | 1000 |
5 | अयुतम् (ayutam) | 10000 |
6 | नियुतम् (niyutam) | 100000 |
7 | प्रयुतम् (prayutam) | 1000000 |
8 | कोटिः (koṭiḥ) | 10000000 |
9 | अर्बुदम् (arbudam) | 100000000 |
10 | वृन्दम् (vṛndam) | 1000000000 |
109 | 108 | 107 | 106 | 105 | 104 | 103 | 102 | 101 | 100 |
0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
सौ करोड़ स्थान | दस करोड़ स्थान | करोड़ स्थान | दस लाख स्थान | लाख स्थान | दस हजार स्थान | हजार स्थान | सैकड़ों स्थान | दहाई स्थान | इकाई स्थान |
इस श्लोक में आर्यभट्ट 10 स्थानीय मूल्यों को परिभाषित करते हैं।। भारत में (109) से बड़ी संख्याएँ प्रयोग में रह चुकी हैं ।
उदाहरण -
- यजुर्वेद में - 1019 (लोकः)
- वाल्मीकीरामायण में - युद्धकांड 28वाँ सर्ग - 1060 (महौघः)
- भास्कराचार्य की लीलावती में - 1017 (परार्धम्)
- महावीराचार्य के गणितसारसंग्रह में - 1024 (महाक्षोभम्)
यह भी देखें
The Notational Places in Āryabhaṭīyam
संदर्भ
- ↑ (आर्यभटीयम् (गणितपादः) (संस्कृत में)। दिल्ली: संस्कृत प्रमोशन फाउंडेशन. 2023. पृ. 3-5.)"Āryabhaṭīyam (Gaṇitapādaḥ) (in Saṃskṛta). Delhi: Samskrit Promotion Foundation. 2023. pp. 3–5."