केशिकीय तरंगे: Difference between revisions

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केशिका तरंगों की कई विशेषताएं होती हैं:
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   छोटे आयाम: केशिका तरंगों की ऊँचाई या आयाम अपेक्षाकृत कम होते हैं। इसका मतलब यह है कि लहरों के शिखर और गर्त बहुत ऊंचे या गहरे नहीं होते हैं।
   '''छोटे आयाम:''' केशिका तरंगों की ऊँचाई या आयाम अपेक्षाकृत कम होते हैं। इसका मतलब यह है कि लहरों के शिखर और गर्त बहुत ऊंचे या गहरे नहीं होते हैं।


   लघु तरंग दैर्ध्य: केशिका तरंगों की क्रमिक शिखरों या गर्तों के बीच कम दूरी होती है। दूसरे शब्दों में, लहरों की चोटियों के बीच की दूरी अपेक्षाकृत कम होती है।
   '''लघु तरंग दैर्ध्य:''' केशिका तरंगों की क्रमिक शिखरों या गर्तों के बीच कम दूरी होती है। दूसरे शब्दों में, लहरों की चोटियों के बीच की दूरी अपेक्षाकृत कम होती है।


   तेजी से प्रसार: केशिका तरंगें तरल सतह पर तेजी से यात्रा करती हैं। केशिका तरंगों की गति तरल के गुणों पर निर्भर करती है, जैसे उसका घनत्व और सतह तनाव।
   '''तेजी से प्रसार:''' केशिका तरंगें तरल सतह पर तेजी से यात्रा करती हैं। केशिका तरंगों की गति तरल के गुणों पर निर्भर करती है, जैसे उसका घनत्व और सतह तनाव।


   हस्तक्षेप पैटर्न: जब केशिका तरंगें एक-दूसरे के साथ बातचीत करती हैं, तो वे हस्तक्षेप पैटर्न बनाते हुए एक-दूसरे को जोड़ या रद्द कर सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप उच्च और निम्न तरंग आयाम वाले क्षेत्र बनते हैं, जिससे सुंदर पैटर्न बनते हैं।
   '''हस्तक्षेप पैटर्न:''' जब केशिका तरंगें एक-दूसरे के साथ बातचीत करती हैं, तो वे हस्तक्षेप पैटर्न बनाते हुए एक-दूसरे को जोड़ या रद्द कर सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप उच्च और निम्न तरंग आयाम वाले क्षेत्र बनते हैं, जिससे सुंदर पैटर्न बनते हैं।


केशिका तरंगें आम तौर पर रोजमर्रा की स्थितियों में देखी जाती हैं, जैसे जब आप गर्म पेय की सतह पर फूंक मारते हैं, जिससे छोटी-छोटी तरंगें बनती हैं। हल्की हवा चलने पर इन्हें तालाब या पूल की सतह पर भी देखा जा सकता है।
केशिका तरंगें आम तौर पर रोजमर्रा की स्थितियों में देखी जाती हैं, जैसे जब आप गर्म पेय की सतह पर फूंक मारते हैं, जिससे छोटी-छोटी तरंगें बनती हैं। हल्की हवा चलने पर इन्हें तालाब या पूल की सतह पर भी देखा जा सकता है।

Latest revision as of 12:26, 11 September 2024

Capillary waves

केशिका तरंगें एक प्रकार की तरंगें हैं जो सतह के तनाव के कारण पानी जैसे तरल पदार्थ की सतह पर बनती हैं। सतह तनाव किसी तरल पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण वह अपनी सतह पर तनी हुई लोचदार शीट की तरह व्यवहार करता है। जब कोई विक्षोभ या बल तरल की सतह पर कार्य करता है, जैसे हवा का झोंका या सतह को छूने वाली कोई वस्तु, तो इससे लहरें या लहरें बनती हैं।

एक तालाब में एक छोटा कंकड़ गिराने की कल्पना करें। कंकड़ के प्रभाव से गोलाकार तरंगें बनती हैं जो प्रभाव के बिंदु से बाहर की ओर फैलती हैं। ये तरंगें केशिका तरंगें हैं। उन्हें अपना नाम केशिका क्रिया से मिला है, जो एक पतली ट्यूब की तरह संकीर्ण स्थानों में गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध तरल पदार्थ के प्रवाह की क्षमता है।

केशिका तरंगों की कई विशेषताएं होती हैं:

   छोटे आयाम: केशिका तरंगों की ऊँचाई या आयाम अपेक्षाकृत कम होते हैं। इसका मतलब यह है कि लहरों के शिखर और गर्त बहुत ऊंचे या गहरे नहीं होते हैं।

   लघु तरंग दैर्ध्य: केशिका तरंगों की क्रमिक शिखरों या गर्तों के बीच कम दूरी होती है। दूसरे शब्दों में, लहरों की चोटियों के बीच की दूरी अपेक्षाकृत कम होती है।

   तेजी से प्रसार: केशिका तरंगें तरल सतह पर तेजी से यात्रा करती हैं। केशिका तरंगों की गति तरल के गुणों पर निर्भर करती है, जैसे उसका घनत्व और सतह तनाव।

   हस्तक्षेप पैटर्न: जब केशिका तरंगें एक-दूसरे के साथ बातचीत करती हैं, तो वे हस्तक्षेप पैटर्न बनाते हुए एक-दूसरे को जोड़ या रद्द कर सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप उच्च और निम्न तरंग आयाम वाले क्षेत्र बनते हैं, जिससे सुंदर पैटर्न बनते हैं।

केशिका तरंगें आम तौर पर रोजमर्रा की स्थितियों में देखी जाती हैं, जैसे जब आप गर्म पेय की सतह पर फूंक मारते हैं, जिससे छोटी-छोटी तरंगें बनती हैं। हल्की हवा चलने पर इन्हें तालाब या पूल की सतह पर भी देखा जा सकता है।

संक्षेप में, केशिका तरंगें वे तरंगें हैं जो सतह के तनाव के कारण तरल की सतह पर बनती हैं। उनके पास छोटे आयाम, छोटी तरंग दैर्ध्य हैं, और तेजी से फैलते हैं। जब वे एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं तो वे पैटर्न बनाते हैं। केशिका तरंगों को रोजमर्रा की स्थितियों में देखा जा सकता है और अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों में इसका वैज्ञानिक महत्व है।