असंतृप्त विलयन: Difference between revisions

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यदि किसी [[विलयन]] में विलेय की मात्रा संतृप्ति की मात्रा से कम हो तो उसे [[असंतृप्त विलयन]] कहते हैं। ऐसा घोल जिसमे किसी निश्चित ताप पर विलेय की मात्रा उस अधिकतम मात्रा से कम होती है तो उस ताप पर उसके द्वारा घोली जा सकती है, असंतृप्त विलयन कहलाता है।
 
विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का [[समांगी मिश्रण]] है। विलयन दो पदार्थों से मिलकर बना होता है एक है विलेय और दूसरा विलायक अर्थात विलेय और विलायक के समांगी मिश्रण को विलयन कहते हैं। एक विलयन में एक विलेय और एक विलायक होता है। इसे दो या दो से अधिक पदार्थों के समांगीय मिश्रण के रूप में परिभाषित किया गया है। किसी विलयन को दो भागों में बांटा जा सकता है विलेय और विलायक। विलयन का वह घटक जिनकी मात्रा दूसरे घटक से अधिक होती है और जो दुसरे घटक को विलयन में मिलाता है उसे विलायक कहते हैं। विलयन का वह घटक जो प्रायः कम मात्रा में होता है और जो विलायक में घुलता है उसे विलेय कहते हैं।
 
'''विलयन = विलायक + विलेय'''
====उदाहरण====
#चीनी और जल का विलयन एक तरल घोल है जिसमे चीनी विलेय और जल विलायक है यह द्रव घोल में ठोस का उदाहरण है।
#आयोडीन और अल्कोहल का विलयन जिसे टिंक्चर आयोडीन के नाम से जाना जाता है, इसमें आयोडीन विलेय है और अल्कोहल विलायक।
==विलयन के गुण==
*यह एक समांगी मिश्रण है।
*विलयन के कण व्यास में 1 nm से भी छोटे होते हैं। इसलिए वे साधारण आँख से नहीं देखे जा सकते उन्हें माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है।
 
*अपने छोटे आकर के कारण विलयन के कण, गुजर रही प्रकाश की किरण को फैलाते नहीं हैं। इसलिए विलयन में प्रकाश का मार्ग दिखाई नहीं देता।
*छानने की विधि द्वारा विलेय के कणों को विलयन में से पृथक् नहीं किया जा सकता है। विलयन को शांत छोड़ देने पर भी विलेय के कण नीचे नहीं बैठते हैं। अर्थात् विलयन स्थायी है।
 
==अभ्यास प्रश्न==
#तनु विलयन और सांद्र विलयन में क्या अंतर है ?
#विलायक और विलय से क्या तात्पर्य है ?
#असंतृप्त विलयन से आप क्या समझते है ? संक्षिप्त विवरण दीजिये।

Latest revision as of 12:59, 30 May 2024

यदि किसी विलयन में विलेय की मात्रा संतृप्ति की मात्रा से कम हो तो उसे असंतृप्त विलयन कहते हैं। ऐसा घोल जिसमे किसी निश्चित ताप पर विलेय की मात्रा उस अधिकतम मात्रा से कम होती है तो उस ताप पर उसके द्वारा घोली जा सकती है, असंतृप्त विलयन कहलाता है।

विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है। विलयन दो पदार्थों से मिलकर बना होता है एक है विलेय और दूसरा विलायक अर्थात विलेय और विलायक के समांगी मिश्रण को विलयन कहते हैं। एक विलयन में एक विलेय और एक विलायक होता है। इसे दो या दो से अधिक पदार्थों के समांगीय मिश्रण के रूप में परिभाषित किया गया है। किसी विलयन को दो भागों में बांटा जा सकता है विलेय और विलायक। विलयन का वह घटक जिनकी मात्रा दूसरे घटक से अधिक होती है और जो दुसरे घटक को विलयन में मिलाता है उसे विलायक कहते हैं। विलयन का वह घटक जो प्रायः कम मात्रा में होता है और जो विलायक में घुलता है उसे विलेय कहते हैं।

विलयन = विलायक + विलेय

उदाहरण

  1. चीनी और जल का विलयन एक तरल घोल है जिसमे चीनी विलेय और जल विलायक है यह द्रव घोल में ठोस का उदाहरण है।
  2. आयोडीन और अल्कोहल का विलयन जिसे टिंक्चर आयोडीन के नाम से जाना जाता है, इसमें आयोडीन विलेय है और अल्कोहल विलायक।

विलयन के गुण

  • यह एक समांगी मिश्रण है।
  • विलयन के कण व्यास में 1 nm से भी छोटे होते हैं। इसलिए वे साधारण आँख से नहीं देखे जा सकते उन्हें माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है।
  • अपने छोटे आकर के कारण विलयन के कण, गुजर रही प्रकाश की किरण को फैलाते नहीं हैं। इसलिए विलयन में प्रकाश का मार्ग दिखाई नहीं देता।
  • छानने की विधि द्वारा विलेय के कणों को विलयन में से पृथक् नहीं किया जा सकता है। विलयन को शांत छोड़ देने पर भी विलेय के कण नीचे नहीं बैठते हैं। अर्थात् विलयन स्थायी है।

अभ्यास प्रश्न

  1. तनु विलयन और सांद्र विलयन में क्या अंतर है ?
  2. विलायक और विलय से क्या तात्पर्य है ?
  3. असंतृप्त विलयन से आप क्या समझते है ? संक्षिप्त विवरण दीजिये।