एस्टरीकरण: Difference between revisions
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एल्कोहलों की सांद्र [[सल्फ्यूरिक अम्ल]] की उपस्थिति में कार्बनिक अम्लों के साथ अभि क्रिया से एस्टर के निर्माण को '''''एस्टरीकरण''''' कहते हैं। | |||
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एक परखनली में एथाइल [[एल्कोहल]] को एसिटिक अम्ल में मिला कर इसमें कुछ बूंदें सांद्र [[सल्फ्यूरिक अम्ल]] की डाली और परखनली को हल्के गर्म जल के टब में रख देते हैं जिससे एस्टर प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को एस्टरीकरण कहते हैं। एस्टरीकरण वैसी रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें सांद्र H<sub>2</sub>SO<sub>4</sub> की उपस्थिति में ऐल्कोहॉल कार्बनिक अम्ल से अभिक्रिया करके '''''[[एस्टर]]''''' का निर्माण करते हैं। | |||
<chem>CH3COOH + C2H5OH -> CH3COOC2H5 + H2O</chem> | |||
=== एस्टर का जल अपघटन === | |||
एस्टर का जल अपघटन करने पर एसिटिक अम्ल और एथाइल [[एल्कोहल]] प्राप्त होता है। | |||
<chem>CH3COOC2H5 + H2O -> CH3COOH + C2H5OH</chem> | |||
== एस्टरों का उपयोग == | |||
* आइसक्रीम बनाने में | |||
* ठंडे पेय बनाने में | |||
* दवाइयां बनाने में | |||
* सौंदर्य प्रसाधन बनाने में |
Latest revision as of 13:27, 31 May 2024
एल्कोहलों की सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में कार्बनिक अम्लों के साथ अभि क्रिया से एस्टर के निर्माण को एस्टरीकरण कहते हैं।
विधि:
एक परखनली में एथाइल एल्कोहल को एसिटिक अम्ल में मिला कर इसमें कुछ बूंदें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की डाली और परखनली को हल्के गर्म जल के टब में रख देते हैं जिससे एस्टर प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया को एस्टरीकरण कहते हैं। एस्टरीकरण वैसी रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें सांद्र H2SO4 की उपस्थिति में ऐल्कोहॉल कार्बनिक अम्ल से अभिक्रिया करके एस्टर का निर्माण करते हैं।
एस्टर का जल अपघटन
एस्टर का जल अपघटन करने पर एसिटिक अम्ल और एथाइल एल्कोहल प्राप्त होता है।
एस्टरों का उपयोग
- आइसक्रीम बनाने में
- ठंडे पेय बनाने में
- दवाइयां बनाने में
- सौंदर्य प्रसाधन बनाने में