प्रतिलोहचुंबकत्व: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

No edit summary
 
(6 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
[[Category:ठोस अवस्था]]
[[Category:ठोस अवस्था]]
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:कक्षा-12]]
ऐसे [[पदार्थ]] जिनमे आधे इलेक्ट्रॉन चक्रण एक प्रकार से पंक्तिबद्ध तथा आधे इलेक्ट्रॉन चक्रण दूसरे प्रकार से (विपरीत) पंक्तिबद्ध होते है, प्रति लौह चुम्ब्कीय पदार्थ कहलाते है। इन पदार्थों में चुम्ब्कीय आघूर्ण नहीं होता तथा चुम्ब्कीय क्षेत्र में अनुचुम्ब्कीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करते। प्रतिलौहचुम्बकत्व प्रदर्शित करने वाले पदार्थ जैसे MnO में डोमेन संरचना लोहचुंबकीय पदार्थ के समान होती है, परन्तु उनके डोमेन एक दुसरे के विपरीत अभिविन्यासित होते हैं तथा एक दूसरे के चुंबकीय आघूर्ण को निरस्त कर देते हैं। जब चुंबकीय आघूर्ण इस प्रकार अभिविन्यासित होते हैं कि नेट चुंबकीय आघूर्ण शून्य हो जाता है, तब चुंबकत्व प्रतिलौहचुंबकत्व कहलता है।
=== उदाहरण ===
Cr<sub>2</sub>O<sub>3</sub>, MnO<sub>2</sub>, MnO आदि।
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र से ज्यादा प्रतिकर्षित नहीं होते हैं। अर्थात दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं। ये [[चुंबकीय क्षेत्र और क्षेत्र रेखाएं|चुंबकीय क्षेत्र]] की विपरीत दिशा में दुर्बल रूप से चुंबकित होते हैं। प्रतिचुंबकत्व उन पदार्थों द्वारा दर्शाया जाता है जिनमे सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं अर्थात अगर एक भी [[इलेक्ट्रॉन]] युग्मित होता है तो प्रतिचुंबकत्व का गुण नहीं होगा। इलेक्ट्रॉनों का युग्मित होना उनके चुंबकीय आघूर्ण को पूरी तरह से निरस्त कर देता है और ये चुंबकीय गुण नहीं दर्शाते हैं।
इन पदार्थो के [[परमाणु]], अणुओं या आयनों में सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते है।
=== उदाहरण ===
HCl, NaCl और C<sub>6</sub>H<sub>6</sub>
== अभ्यास प्रश्न ==
* प्रतिलोहचुंबकत्व एवं प्रतिचुंबकत्व में क्या अंतर है?
* प्रतिचुंबकीय पदार्थ से आप क्या समझते हैं?

Latest revision as of 12:34, 30 May 2024

ऐसे पदार्थ जिनमे आधे इलेक्ट्रॉन चक्रण एक प्रकार से पंक्तिबद्ध तथा आधे इलेक्ट्रॉन चक्रण दूसरे प्रकार से (विपरीत) पंक्तिबद्ध होते है, प्रति लौह चुम्ब्कीय पदार्थ कहलाते है। इन पदार्थों में चुम्ब्कीय आघूर्ण नहीं होता तथा चुम्ब्कीय क्षेत्र में अनुचुम्ब्कीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करते। प्रतिलौहचुम्बकत्व प्रदर्शित करने वाले पदार्थ जैसे MnO में डोमेन संरचना लोहचुंबकीय पदार्थ के समान होती है, परन्तु उनके डोमेन एक दुसरे के विपरीत अभिविन्यासित होते हैं तथा एक दूसरे के चुंबकीय आघूर्ण को निरस्त कर देते हैं। जब चुंबकीय आघूर्ण इस प्रकार अभिविन्यासित होते हैं कि नेट चुंबकीय आघूर्ण शून्य हो जाता है, तब चुंबकत्व प्रतिलौहचुंबकत्व कहलता है।

उदाहरण

Cr2O3, MnO2, MnO आदि।

प्रतिचुम्बकीय पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र से ज्यादा प्रतिकर्षित नहीं होते हैं। अर्थात दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं। ये चुंबकीय क्षेत्र की विपरीत दिशा में दुर्बल रूप से चुंबकित होते हैं। प्रतिचुंबकत्व उन पदार्थों द्वारा दर्शाया जाता है जिनमे सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं अर्थात अगर एक भी इलेक्ट्रॉन युग्मित होता है तो प्रतिचुंबकत्व का गुण नहीं होगा। इलेक्ट्रॉनों का युग्मित होना उनके चुंबकीय आघूर्ण को पूरी तरह से निरस्त कर देता है और ये चुंबकीय गुण नहीं दर्शाते हैं।

इन पदार्थो के परमाणु, अणुओं या आयनों में सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते है।

उदाहरण

HCl, NaCl और C6H6

अभ्यास प्रश्न

  • प्रतिलोहचुंबकत्व एवं प्रतिचुंबकत्व में क्या अंतर है?
  • प्रतिचुंबकीय पदार्थ से आप क्या समझते हैं?