कोल्बे वैधुत अपघटन: Difference between revisions
From Vidyalayawiki
No edit summary |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:एल्कोहल, फिनॉल और ईथर]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:कार्बनिक रसायन]] | [[Category:एल्कोहल, फिनॉल और ईथर]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:कार्बनिक रसायन]] | ||
कार्बोक्सिलिक अम्लों के Na या K लवणों के जलीय [[विलयन]] का [[वैधुत अपघटनी सेल|वैधुत अपघटन]] करने पर [[एल्केन]] प्राप्त होते है। वे कार्बोक्सिलिक अम्ल जिनके α कार्बन पर H [[परमाणु]] होता है। वे [[लाल फास्फोरस]] की उपस्थिति में Cl<sub>2</sub> या Br<sub>2</sub> से क्रिया करके α हैलो कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाते है। | |||
=== उदाहरण === | |||
जब कार्बोक्सिलिक अम्लों के Na या K लवणों के जलीय विलयन का वैधुत अपघटन किया जाता है तो एल्केन बनते है। | |||
<chem>2(R-COONa) + 2H2O -> R-R + 2CO2 + 2NaOH + H2</chem> | |||
<chem>2(CH3-COOK) + 2H2O -> CH3-CH3 + 2CO2 + 2KOH + H2</chem> | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* कार्बोक्सिलिक अम्ल से एल्केन बनाने की कौन कौन सी विधियां हैं ? | |||
* कोल्बे वैधुत अपघटन अभिक्रिया लिखिए। | |||
* [[कोल्बे अभिक्रिया]] लिखिए। |
Latest revision as of 07:05, 31 May 2024
कार्बोक्सिलिक अम्लों के Na या K लवणों के जलीय विलयन का वैधुत अपघटन करने पर एल्केन प्राप्त होते है। वे कार्बोक्सिलिक अम्ल जिनके α कार्बन पर H परमाणु होता है। वे लाल फास्फोरस की उपस्थिति में Cl2 या Br2 से क्रिया करके α हैलो कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाते है।
उदाहरण
जब कार्बोक्सिलिक अम्लों के Na या K लवणों के जलीय विलयन का वैधुत अपघटन किया जाता है तो एल्केन बनते है।
अभ्यास प्रश्न
- कार्बोक्सिलिक अम्ल से एल्केन बनाने की कौन कौन सी विधियां हैं ?
- कोल्बे वैधुत अपघटन अभिक्रिया लिखिए।
- कोल्बे अभिक्रिया लिखिए।