टॉलेन परीक्षण: Difference between revisions
No edit summary |
No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:एल्डिहाइड, कीटोन और कार्बोक्सिलिक अम्ल]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:कार्बनिक रसायन]] | [[Category:एल्डिहाइड, कीटोन और कार्बोक्सिलिक अम्ल]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:कार्बनिक रसायन]] | ||
अमोनियायुक्त सिल्वर नाइट्रेट के विलयन को टॉलेन [[अभिकर्मक]] कहते हैं। [[कार्बोहाइड्रेट]] के साथ अभिक्रिया करने पर [[विलयन]] में से तात्विक सिल्वर, कभी कभी अभिक्रिया के बर्तन की भीतरी सतह पर अवक्षेपित हो जाती है। इससे अभिक्रिया के बर्तन की भीतरी दीवार पर चांदी के दर्पण का निर्माण होता है। टॉलेन परीक्षण एक ऐसी विधि है जिसका उपयोग अपचायक और अनअपचायक शर्करा के बीच अंतर करने के लिए किया जाता है। टॉलेन विलयन को टॉलेन अभिकर्मक के नाम से भी जाना जाता है। यह एक रासायनिक अभिकर्मक है जिसका उपयोग कार्बोहाइड्रेट में पाए जाने वाले [[अपचायक]] और अनअपचायक शर्करा को अंतर् करने के लिए किया जाता है। टॉलेन विलयन को टॉलेन अभिकर्मक के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग एल्डिहाइड समूह के परीक्षण में किया जाता है। लेकिन यह कीटोन समूह का परीक्षण नहीं देता है। जलीय सिल्वर नाइट्रेट विलयन में तनु NaOH की कुछ बूँदें मिलाने पर सिल्वर संकर हाइड्रॉक्साइड आयनों द्वारा सिल्वर ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। इस विलयन से, (Ag<sub>2</sub>O) सिल्वर ऑक्साइड भूरे ठोस के रूप में अवक्षेपित होता है। अभिक्रिया व्यक्त करने के लिए निम्नलिखित एक समीकरण है। | |||
<chem>2AgNO3 + 2NaOH ->Ag2O + 2NaNO3 + H2O</chem> | |||
भूरे रंग का सिल्वर ऑक्साइड का अवक्षेप प्राप्त हुआ, जो अब जलीय अमोनिया में घुल गया है। जलीय अमोनिया मिलाने से उत्पन्न घोल में Ag(NH<sub>3</sub>)<sub>2</sub> ]<sup>+</sup> कॉम्प्लेक्स बनता है। | |||
<chem>Ag2O + 4NH3 + 2NaNO3 + H2O -> 2[Ag(NH3)2]NO3 + 2NaOH</chem> | |||
==टॉलेन परीक्षण की सीमाएँ== | |||
*टॉलेन परीक्षण द्वारा एरोमेटिक [[एल्डिहाइड]] का पता नहीं लगाया जा सकता है। | |||
*यह अभिक्रिया सिर्फ क्षारीय माध्यम में ही होती है। | |||
*यह विधि [[कीटोन]] के परीक्षण के लिए प्रयोग नहीं की जाती है। | |||
==अभ्यास प्रश्न== | |||
*क्या बेन्ज़ेल्डिहाइड टॉलेन टेस्ट देता है? | |||
*टॉलेन परीक्षण और बेनेडिक्ट परीक्षण में क्या अंतर है? |
Latest revision as of 07:34, 31 May 2024
अमोनियायुक्त सिल्वर नाइट्रेट के विलयन को टॉलेन अभिकर्मक कहते हैं। कार्बोहाइड्रेट के साथ अभिक्रिया करने पर विलयन में से तात्विक सिल्वर, कभी कभी अभिक्रिया के बर्तन की भीतरी सतह पर अवक्षेपित हो जाती है। इससे अभिक्रिया के बर्तन की भीतरी दीवार पर चांदी के दर्पण का निर्माण होता है। टॉलेन परीक्षण एक ऐसी विधि है जिसका उपयोग अपचायक और अनअपचायक शर्करा के बीच अंतर करने के लिए किया जाता है। टॉलेन विलयन को टॉलेन अभिकर्मक के नाम से भी जाना जाता है। यह एक रासायनिक अभिकर्मक है जिसका उपयोग कार्बोहाइड्रेट में पाए जाने वाले अपचायक और अनअपचायक शर्करा को अंतर् करने के लिए किया जाता है। टॉलेन विलयन को टॉलेन अभिकर्मक के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग एल्डिहाइड समूह के परीक्षण में किया जाता है। लेकिन यह कीटोन समूह का परीक्षण नहीं देता है। जलीय सिल्वर नाइट्रेट विलयन में तनु NaOH की कुछ बूँदें मिलाने पर सिल्वर संकर हाइड्रॉक्साइड आयनों द्वारा सिल्वर ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। इस विलयन से, (Ag2O) सिल्वर ऑक्साइड भूरे ठोस के रूप में अवक्षेपित होता है। अभिक्रिया व्यक्त करने के लिए निम्नलिखित एक समीकरण है।
भूरे रंग का सिल्वर ऑक्साइड का अवक्षेप प्राप्त हुआ, जो अब जलीय अमोनिया में घुल गया है। जलीय अमोनिया मिलाने से उत्पन्न घोल में Ag(NH3)2 ]+ कॉम्प्लेक्स बनता है।
टॉलेन परीक्षण की सीमाएँ
- टॉलेन परीक्षण द्वारा एरोमेटिक एल्डिहाइड का पता नहीं लगाया जा सकता है।
- यह अभिक्रिया सिर्फ क्षारीय माध्यम में ही होती है।
- यह विधि कीटोन के परीक्षण के लिए प्रयोग नहीं की जाती है।
अभ्यास प्रश्न
- क्या बेन्ज़ेल्डिहाइड टॉलेन टेस्ट देता है?
- टॉलेन परीक्षण और बेनेडिक्ट परीक्षण में क्या अंतर है?