नाभिक: Difference between revisions

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'''नाभिक''', परमाणु के मध्य स्थित धनात्मक वैद्युत आवेश युक्त अत्यन्त ठोस क्षेत्र होता है। '''नाभिक''', नाभिकीय कणों प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन से बने होते है। इस कण को नूक्लियान्स कहते है। प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनो का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है। '''नाभिक''' का व्यास (10<sup>−15</sup> मीटर)(हाइड्रोजन-नाभिक) से (10<sup>−14</sup> मीटर)(यूरेनियम) के दायरे में होता है। परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान '''नाभिक''' के कारण ही होता है, इलेक्ट्रॉन का योगदान लगभग नगण्य होता है। गैसों में विधुत विसर्जन आदि प्रयोगो के परिणाम स्वरुप ये जानकारी प्राप्त हुई है कि समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, और विपरीत आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। ये धन आवेशित, ऋण आवेशित और उदासीन होते हैं।
[[File:ProtonFiveQuarkStructure.svg|thumb|प्रोटॉन फाइव क्वार्क संरचना]]
कोई भी [[परमाणु]] नाभिक से मिलकर बना होता है। नाभिक में प्रोट्रॉन और न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं और इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। जिसमे प्रोट्रॉन धनावेशित और न्यूट्रॉन उदासीन होता है। जबकि इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है। इलेक्ट्रॉन परमाणु के ऋणात्मक रूप से आवेशित कण होते हैं । एक साथ, एक परमाणु के सभी इलेक्ट्रॉन एक ऋणात्मक आवेश बनाते हैं जो परमाणु नाभिक में प्रोटॉन के धनात्मक आवेश को संतुलित करता है। परमाणु के अन्य सभी भागों की तुलना में इलेक्ट्रॉन बहुत छोटे होते हैं। एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान एक प्रोटॉन के द्रव्यमान से लगभग 1,000 गुना छोटा होता है। एक परमाणु नाभिक [[प्रोटॉन]] और [[न्यूट्रॉन]] से बना होता है। नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन धनावेशित होते हैं। न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता है और इसलिए, प्रोटॉन के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रतिकर्षण को रोकता है। यह नाभिक के समग्र द्रव्यमान-घाटे की ओर जाता है। द्रव्यमान में कमी इस तथ्य के कारण उत्पन्न होती है कि प्रतिकर्षण से बचने की इस प्रक्रिया में द्रव्यमान का कुछ भाग बाध्यकारी ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है।
== प्रोटॉन ==
प्रोटॉन धनात्मक रूप से आवेशित कण होते हैं जो परमाणु के नाभिक में उपस्थित होते हैं इसे <sub>1</sub>H<sup>1</sup> प्रदर्शित करते हैं। एक परमाणु प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन से बना होता है। एक परमाणु का संपूर्ण द्रव्यमान केंद्र में स्थित नाभिक में केंद्रित होता है। नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं जिन्हें सामूहिक रूप से न्यूक्लियॉन कहा जाता है। इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्तीय कक्षाओं में घूमते हैं। प्रोटॉन धनावेशित कण है ये बहुत ही सूक्ष्म आकार के होते हैं, इसे <sub>1</sub>H<sup>1</sup> से प्रदर्शित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि परमाणु प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन से बने हैं, जो परस्पर आवेशों को संतुलित करते हैं। प्रोटॉन परमाणु के सबसे भीतरी भाग में होते है। इलेक्ट्रॉनो को आसानी से निकाला जा सकता है लेकिन प्रोटॉनों को नहीं।
== न्यूट्रॉन ==
प्रत्येक परमाणु के नाभिक के अंदर पाए जाने वाले उपपरमाण्विक कण न्यूट्रॉन, प्रोटॉन हैं। एकमात्र अपवाद हाइड्रोजन है, जहां नाभिक में केवल एक प्रोटॉन होता है। [[न्यूट्रॉन]] पर कोई विद्युत आवेश नहीं होता है (न तो ऋणात्मक और न ही धनात्मक) और धनात्मक रूप से आवेशित प्रोटॉन की तुलना में थोड़ा अधिक द्रव्यमान होता है। "मुक्त" न्यूट्रॉन वे हैं जो अब एक नाभिक के अंदर सीमित नहीं हैं। ये मुक्त न्यूट्रॉन परमाणु विखंडन और संलयन प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं।
न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं। इसे "n" से दर्शाया जाता है। [[न्यूट्रॉन]] एक उपपरमाण्विक कण है जो की सभी प्रकार के पदार्थों के परमाणु के नाभिक में पाया जाता है।
<chem>4Be9 + 2He4 -> 6C12 + 0n1</chem>
[[File:Beta-minus Decay.svg|thumb|एक परमाणु का नाभिक]]
न्यूट्रॉन विधुत आवेशित कण है जिसकी खोज 1932 में जेम्स चैडविक ने की थी। इन्होने देखा कि बेरेलियम तत्व पर अल्फा कणों की बमबारी करने पर एक प्रकार की किरण निकलती है। जेम्स चैडविक ने इस किरण के अध्धयन के फलस्वरूप बताया कि ये किरणें विधुत उदासीन कणों से मिलकर बनी होती हैं जिन्हे न्यूट्रॉन कहते हैं। न्यूट्रॉन का प्रतीक <sub>0</sub>n<sup>1</sup> होता है। इसका द्रव्यमान 1.0086 amu होता है। जो हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के बराबर होता है।
== इलेक्ट्रॉन ==
ऋणात्मक वैद्युत आवेश युक्त मूलभूत [[अवपरमाण्विक कणों की खोज|अवपरमाण्विक कण]] है, इन्हे e से प्रदर्शित करते हैं। इलेक्ट्रॉन में कण और तरंग दोनों प्रकार के गुण विधमान होते हैं इस लिए कुछ वैज्ञानिक इसे कण मानते हैं और कुछ [[तरंग]]। इलेक्ट्रॉन को प्रायः एक मूलभूत कण माना जाता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 <math>\times</math>10<sup>-31</sup> होता है। जो या तो एक परमाणु से बंधा हो सकता है या मुक्त (बाध्य नहीं) हो सकता है। एक परमाणु में तीन प्रकार के कण होते हैं - एक इलेक्ट्रॉन अन्य दो प्रोटॉन और न्यूट्रॉन हैं। प्रोटॉनऔर इलेक्ट्रॉन मिलकर एक परमाणु के नाभिक का निर्माण करते हैं। एक प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश होता है और इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है। जब किसी परमाणु में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है, तो वह उदासीन अवस्था में होता है।
== अभ्यास प्रश्न ==
* प्रोटॉन पर आवेश की गणना कीजिये।
* इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन से किस प्रकार भिन्न है।
* न्यूट्रॉन का प्रतीक क्या है?
* न्यूट्रॉन का द्रव्यमान क्या है?[[Category:कक्षा-9]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:भौतिक रसायन]]

Latest revision as of 12:15, 4 May 2024

नाभिक, परमाणु के मध्य स्थित धनात्मक वैद्युत आवेश युक्त अत्यन्त ठोस क्षेत्र होता है। नाभिक, नाभिकीय कणों प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन से बने होते है। इस कण को नूक्लियान्स कहते है। प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनो का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है। नाभिक का व्यास (10−15 मीटर)(हाइड्रोजन-नाभिक) से (10−14 मीटर)(यूरेनियम) के दायरे में होता है। परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान नाभिक के कारण ही होता है, इलेक्ट्रॉन का योगदान लगभग नगण्य होता है। गैसों में विधुत विसर्जन आदि प्रयोगो के परिणाम स्वरुप ये जानकारी प्राप्त हुई है कि समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, और विपरीत आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। ये धन आवेशित, ऋण आवेशित और उदासीन होते हैं।

प्रोटॉन फाइव क्वार्क संरचना

कोई भी परमाणु नाभिक से मिलकर बना होता है। नाभिक में प्रोट्रॉन और न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं और इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। जिसमे प्रोट्रॉन धनावेशित और न्यूट्रॉन उदासीन होता है। जबकि इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है। इलेक्ट्रॉन परमाणु के ऋणात्मक रूप से आवेशित कण होते हैं । एक साथ, एक परमाणु के सभी इलेक्ट्रॉन एक ऋणात्मक आवेश बनाते हैं जो परमाणु नाभिक में प्रोटॉन के धनात्मक आवेश को संतुलित करता है। परमाणु के अन्य सभी भागों की तुलना में इलेक्ट्रॉन बहुत छोटे होते हैं। एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान एक प्रोटॉन के द्रव्यमान से लगभग 1,000 गुना छोटा होता है। एक परमाणु नाभिक प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से बना होता है। नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन धनावेशित होते हैं। न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता है और इसलिए, प्रोटॉन के बीच इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रतिकर्षण को रोकता है। यह नाभिक के समग्र द्रव्यमान-घाटे की ओर जाता है। द्रव्यमान में कमी इस तथ्य के कारण उत्पन्न होती है कि प्रतिकर्षण से बचने की इस प्रक्रिया में द्रव्यमान का कुछ भाग बाध्यकारी ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है।

प्रोटॉन

प्रोटॉन धनात्मक रूप से आवेशित कण होते हैं जो परमाणु के नाभिक में उपस्थित होते हैं इसे 1H1 प्रदर्शित करते हैं। एक परमाणु प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन से बना होता है। एक परमाणु का संपूर्ण द्रव्यमान केंद्र में स्थित नाभिक में केंद्रित होता है। नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं जिन्हें सामूहिक रूप से न्यूक्लियॉन कहा जाता है। इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्तीय कक्षाओं में घूमते हैं। प्रोटॉन धनावेशित कण है ये बहुत ही सूक्ष्म आकार के होते हैं, इसे 1H1 से प्रदर्शित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि परमाणु प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन से बने हैं, जो परस्पर आवेशों को संतुलित करते हैं। प्रोटॉन परमाणु के सबसे भीतरी भाग में होते है। इलेक्ट्रॉनो को आसानी से निकाला जा सकता है लेकिन प्रोटॉनों को नहीं।

न्यूट्रॉन

प्रत्येक परमाणु के नाभिक के अंदर पाए जाने वाले उपपरमाण्विक कण न्यूट्रॉन, प्रोटॉन हैं। एकमात्र अपवाद हाइड्रोजन है, जहां नाभिक में केवल एक प्रोटॉन होता है। न्यूट्रॉन पर कोई विद्युत आवेश नहीं होता है (न तो ऋणात्मक और न ही धनात्मक) और धनात्मक रूप से आवेशित प्रोटॉन की तुलना में थोड़ा अधिक द्रव्यमान होता है। "मुक्त" न्यूट्रॉन वे हैं जो अब एक नाभिक के अंदर सीमित नहीं हैं। ये मुक्त न्यूट्रॉन परमाणु विखंडन और संलयन प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं।

न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं। इसे "n" से दर्शाया जाता है। न्यूट्रॉन एक उपपरमाण्विक कण है जो की सभी प्रकार के पदार्थों के परमाणु के नाभिक में पाया जाता है।

एक परमाणु का नाभिक

न्यूट्रॉन विधुत आवेशित कण है जिसकी खोज 1932 में जेम्स चैडविक ने की थी। इन्होने देखा कि बेरेलियम तत्व पर अल्फा कणों की बमबारी करने पर एक प्रकार की किरण निकलती है। जेम्स चैडविक ने इस किरण के अध्धयन के फलस्वरूप बताया कि ये किरणें विधुत उदासीन कणों से मिलकर बनी होती हैं जिन्हे न्यूट्रॉन कहते हैं। न्यूट्रॉन का प्रतीक 0n1 होता है। इसका द्रव्यमान 1.0086 amu होता है। जो हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के बराबर होता है।

इलेक्ट्रॉन

ऋणात्मक वैद्युत आवेश युक्त मूलभूत अवपरमाण्विक कण है, इन्हे e से प्रदर्शित करते हैं। इलेक्ट्रॉन में कण और तरंग दोनों प्रकार के गुण विधमान होते हैं इस लिए कुछ वैज्ञानिक इसे कण मानते हैं और कुछ तरंग। इलेक्ट्रॉन को प्रायः एक मूलभूत कण माना जाता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 10-31 होता है। जो या तो एक परमाणु से बंधा हो सकता है या मुक्त (बाध्य नहीं) हो सकता है। एक परमाणु में तीन प्रकार के कण होते हैं - एक इलेक्ट्रॉन अन्य दो प्रोटॉन और न्यूट्रॉन हैं। प्रोटॉनऔर इलेक्ट्रॉन मिलकर एक परमाणु के नाभिक का निर्माण करते हैं। एक प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश होता है और इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है। जब किसी परमाणु में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है, तो वह उदासीन अवस्था में होता है।

अभ्यास प्रश्न

  • प्रोटॉन पर आवेश की गणना कीजिये।
  • इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन से किस प्रकार भिन्न है।
  • न्यूट्रॉन का प्रतीक क्या है?
  • न्यूट्रॉन का द्रव्यमान क्या है?