पुंधानी: Difference between revisions

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पुंधानी एक नर [[प्रजनन]] संरचना है जो [[शैवाल]], [[कवक]], ब्रायोफाइट्स (मॉस और लिवरवॉर्ट्स) और टेरिडोफाइट्स (फर्न) जैसे गैर-फूल वाले पौधों में पाई जाती है। यह नर [[युग्मक]] (शुक्राणु कोशिकाएं) उत्पन्न करता है और यौन प्रजनन में शामिल होता है।
पुंधानी: एक अगुणित (n) नर प्रजनन अंग जो क्रिप्टोगैम (गैर-बीज पौधे जैसे ब्रायोफाइट्स और टेरिडोफाइट्स) में नर युग्मक (शुक्राणु कोशिकाएँ) उत्पन्न करता है।
== पुंधानी की संरचना ==
* स्टेराइल जैकेट: युग्मकों के अंदर सुरक्षात्मक कोशिकाओं की एक परत।
* शुक्राणुजन्य ऊतक: आंतरिक कोशिकाएँ जो शुक्राणु [[कोशिका]]ओं (नर युग्मक) में विकसित होती हैं।
* डंठल: कुछ मामलों में, एथेरिडिया डंठलदार होते हैं, जो शुक्राणु के बेहतर फैलाव के लिए नर प्रजनन अंग को ऊपर उठाने में मदद करते हैं।
== घटना ==
गैर-संवहनी पौधों (ब्रायोफाइट्स) में पाया जाता है, जैसे कि मॉस और लिवरवॉर्ट्स।
संवहनी क्रिप्टोगैम (टेरिडोफाइट्स) में मौजूद है, जैसे कि फर्न।
कुछ शैवाल और कवक में भी मौजूद है।
== कार्य ==
पुंधानी का मुख्य कार्य निषेचन के लिए नर युग्मक (शुक्राणु कोशिकाओं) का उत्पादन और रिलीज करना है।
पुंधानी द्वारा उत्पादित शुक्राणु को आमतौर पर मादा प्रजनन संरचना (आर्कगोनियम) में परिवहन के लिए पानी की आवश्यकता होती है, जहां [[निषेचन]] होता है।
== एथेरिडिया के प्रकार ==
'''एककोशिकीय पुंधानी:''' चरा और स्पाइरोगाइरा जैसे शैवालों में पाया जाता है।
'''बहुकोशिकीय पुंधानी:''' ब्रायोफाइट्स और टेरिडोफाइट्स में पाया जाता है, जहाँ पुंधानी में शुक्राणुजन्य [[ऊतक]] को घेरने वाली कोशिकाओं की कई परतें होती हैं।
== निषेचन ==
काई और फर्न जैसे क्रिप्टोगैम में, शुक्राणु कोशिकाएँ गतिशील होती हैं और पानी की एक पतली परत के माध्यम से मादा प्रजनन संरचना (आर्कगोनियम) में तैरती हैं, जहाँ वे अंडे को निषेचित करके युग्मनज बनाती हैं। युग्मनज एक स्पोरोफाइट में विकसित होता है, जो पौधे के जीवन चक्र को जारी रखता है।
== विभिन्न पादप समूहों में पुंधानी ==
'''ब्रायोफाइट्स:''' एथेरिडिया गैमेटोफाइट (अगुणित) अवस्था पर पाए जाते हैं। वे आर्केगोनिया में अंडों को निषेचित करने के लिए पानी में शुक्राणु छोड़ते हैं।
'''टेरिडोफाइट्स:''' एथेरिडिया गैमेटोफाइट पर मौजूद होते हैं, जो स्वतंत्र और प्रकाश संश्लेषक होते हैं। शुक्राणु आर्केगोनिया तक पहुँचने के लिए पानी से होकर यात्रा करते हैं।
'''शैवाल:''' चारा जैसी प्रजातियों में, एथेरिडिया नोड्स पर पाए जाते हैं और शुक्राणु को आस-पास के पानी में छोड़ते हैं।
'''कवक:''' कुछ कवकों में, एथेरिडिया यौन प्रजनन प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं, जो निषेचन के लिए नाभिक के हस्तांतरण में भाग लेते हैं।
== लघु उत्तरीय प्रश्न ==
'''प्रश्न:''' पुंधानी को परिभाषित करें।
'''(उत्तर:''' पुंधानी गैर-फूल वाले पौधों में नर प्रजनन अंग है, जो नर युग्मक (शुक्राणु कोशिकाएँ) उत्पन्न करता है।)
'''प्रश्न:''' एथेरिडिया किस पादप समूह में पाए जाते हैं?
'''(उत्तर:''' एथेरिडिया शैवाल, ब्रायोफाइट्स, टेरिडोफाइट्स और कुछ कवकों में पाए जाते हैं।)
'''प्रश्न:''' पुंधानी की भूमिका क्या है?
'''(उत्तर''': पुंधानी की भूमिका पौधों में निषेचन के लिए नर युग्मक (शुक्राणु) उत्पन्न करना और छोड़ना है।)
'''प्रश्न:''' एथेरिडिया वाले पौधों में निषेचन के लिए पानी क्यों महत्वपूर्ण है?
'''(उत्तर:''' पानी आवश्यक है क्योंकि एथेरिडिया द्वारा उत्पादित नर युग्मक (शुक्राणु) गतिशील होते हैं और निषेचन के लिए मादा युग्मक (अंडे) तक तैरते हैं।)

Latest revision as of 20:50, 22 September 2024

पुंधानी एक नर प्रजनन संरचना है जो शैवाल, कवक, ब्रायोफाइट्स (मॉस और लिवरवॉर्ट्स) और टेरिडोफाइट्स (फर्न) जैसे गैर-फूल वाले पौधों में पाई जाती है। यह नर युग्मक (शुक्राणु कोशिकाएं) उत्पन्न करता है और यौन प्रजनन में शामिल होता है।

पुंधानी: एक अगुणित (n) नर प्रजनन अंग जो क्रिप्टोगैम (गैर-बीज पौधे जैसे ब्रायोफाइट्स और टेरिडोफाइट्स) में नर युग्मक (शुक्राणु कोशिकाएँ) उत्पन्न करता है।

पुंधानी की संरचना

  • स्टेराइल जैकेट: युग्मकों के अंदर सुरक्षात्मक कोशिकाओं की एक परत।
  • शुक्राणुजन्य ऊतक: आंतरिक कोशिकाएँ जो शुक्राणु कोशिकाओं (नर युग्मक) में विकसित होती हैं।
  • डंठल: कुछ मामलों में, एथेरिडिया डंठलदार होते हैं, जो शुक्राणु के बेहतर फैलाव के लिए नर प्रजनन अंग को ऊपर उठाने में मदद करते हैं।

घटना

गैर-संवहनी पौधों (ब्रायोफाइट्स) में पाया जाता है, जैसे कि मॉस और लिवरवॉर्ट्स।

संवहनी क्रिप्टोगैम (टेरिडोफाइट्स) में मौजूद है, जैसे कि फर्न।

कुछ शैवाल और कवक में भी मौजूद है।

कार्य

पुंधानी का मुख्य कार्य निषेचन के लिए नर युग्मक (शुक्राणु कोशिकाओं) का उत्पादन और रिलीज करना है।

पुंधानी द्वारा उत्पादित शुक्राणु को आमतौर पर मादा प्रजनन संरचना (आर्कगोनियम) में परिवहन के लिए पानी की आवश्यकता होती है, जहां निषेचन होता है।

एथेरिडिया के प्रकार

एककोशिकीय पुंधानी: चरा और स्पाइरोगाइरा जैसे शैवालों में पाया जाता है।

बहुकोशिकीय पुंधानी: ब्रायोफाइट्स और टेरिडोफाइट्स में पाया जाता है, जहाँ पुंधानी में शुक्राणुजन्य ऊतक को घेरने वाली कोशिकाओं की कई परतें होती हैं।

निषेचन

काई और फर्न जैसे क्रिप्टोगैम में, शुक्राणु कोशिकाएँ गतिशील होती हैं और पानी की एक पतली परत के माध्यम से मादा प्रजनन संरचना (आर्कगोनियम) में तैरती हैं, जहाँ वे अंडे को निषेचित करके युग्मनज बनाती हैं। युग्मनज एक स्पोरोफाइट में विकसित होता है, जो पौधे के जीवन चक्र को जारी रखता है।

विभिन्न पादप समूहों में पुंधानी

ब्रायोफाइट्स: एथेरिडिया गैमेटोफाइट (अगुणित) अवस्था पर पाए जाते हैं। वे आर्केगोनिया में अंडों को निषेचित करने के लिए पानी में शुक्राणु छोड़ते हैं।

टेरिडोफाइट्स: एथेरिडिया गैमेटोफाइट पर मौजूद होते हैं, जो स्वतंत्र और प्रकाश संश्लेषक होते हैं। शुक्राणु आर्केगोनिया तक पहुँचने के लिए पानी से होकर यात्रा करते हैं।

शैवाल: चारा जैसी प्रजातियों में, एथेरिडिया नोड्स पर पाए जाते हैं और शुक्राणु को आस-पास के पानी में छोड़ते हैं।

कवक: कुछ कवकों में, एथेरिडिया यौन प्रजनन प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं, जो निषेचन के लिए नाभिक के हस्तांतरण में भाग लेते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न: पुंधानी को परिभाषित करें।

(उत्तर: पुंधानी गैर-फूल वाले पौधों में नर प्रजनन अंग है, जो नर युग्मक (शुक्राणु कोशिकाएँ) उत्पन्न करता है।)

प्रश्न: एथेरिडिया किस पादप समूह में पाए जाते हैं?

(उत्तर: एथेरिडिया शैवाल, ब्रायोफाइट्स, टेरिडोफाइट्स और कुछ कवकों में पाए जाते हैं।)

प्रश्न: पुंधानी की भूमिका क्या है?

(उत्तर: पुंधानी की भूमिका पौधों में निषेचन के लिए नर युग्मक (शुक्राणु) उत्पन्न करना और छोड़ना है।)

प्रश्न: एथेरिडिया वाले पौधों में निषेचन के लिए पानी क्यों महत्वपूर्ण है?

(उत्तर: पानी आवश्यक है क्योंकि एथेरिडिया द्वारा उत्पादित नर युग्मक (शुक्राणु) गतिशील होते हैं और निषेचन के लिए मादा युग्मक (अंडे) तक तैरते हैं।)