त्रिघात बहुपद: Difference between revisions

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त्रिघात बहुपद ऐसे बहुपद होते हैं जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात तीन होती हैं ।  उन्हें हम घन बहुपद  कहते हैं । हम घन बहुपद को <math>ax^3+bx^2+cx+d</math> रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ <math>a,b,c,d</math>  वास्तविक संख्याएं है एवं <math>a\neq0</math> हैं ।
त्रिघात बहुपद ऐसे बहुपद होते हैं जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात तीन होती हैं ।  उन्हें हम घन बहुपद  कहते हैं । हम घन बहुपद को <math>ax^3+bx^2+cx+d</math> रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ <math>a,b,c,d</math>  वास्तविक संख्याएं है एवं <math>a\neq0</math> हैं ।


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अतः , उपर्युक्त त्रिघात बहुपद के तीन शून्यक <math>\frac{3}{2}, +3,-3</math>  है ।
अतः , उपर्युक्त त्रिघात बहुपद के तीन शून्यक <math>\frac{3}{2}, +3,-3</math>  है ।


==त्रिघात बहुपद के शून्यकों और गुणांको में संबंध==
==त्रिघात बहुपद के शून्यकों और गुणांको में संबंध<ref>{{Cite book |title=MATHEMATICS (NCERT) |isbn=81-7450-634-9 |edition='REVISED' |pages=18-23}}</ref>==
यदि <math>\alpha</math> , <math>\beta</math> , <math>\gamma</math>  त्रिघात बहुपद  <math>p(x)=ax^3+bx^2+cx+d</math>  के शून्यक हैं , जहाँ  <math>a,b,c,d</math>  वास्तविक संख्याएं है एवं <math>a\neq0</math> हैं ,
यदि <math>\alpha</math> , <math>\beta</math> , <math>\gamma</math>  त्रिघात बहुपद  <math>p(x)=ax^3+bx^2+cx+d</math>  के शून्यक हैं , जहाँ  <math>a,b,c,d</math>  वास्तविक संख्याएं है एवं <math>a\neq0</math> हैं ,


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अतः , उपर्युक्त बहुपद <math>p(y)=2y^3+23y^2+8y-33</math> के शून्यक <math>1,-11,\frac{-3}{2}</math>  होंगे ।
अतः , उपर्युक्त बहुपद <math>p(y)=2y^3+23y^2+8y-33</math> के शून्यक <math>1,-11,\frac{-3}{2}</math>  होंगे ।


 
== संदर्भ ==
 
 
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Latest revision as of 13:22, 10 October 2023

त्रिघात बहुपद ऐसे बहुपद होते हैं जिसमें चर की उच्चतम घात अर्थात बहुपद की घात तीन होती हैं । उन्हें हम घन बहुपद कहते हैं । हम घन बहुपद को रूप में निरूपित कर सकते हैं , जहाँ वास्तविक संख्याएं है एवं हैं ।

उदाहरण : आदि त्रिघात बहुपद के उदाहरण हैं ।

त्रिघात बहुपद के शून्यक

त्रिघात बहुपद का शून्यक ज्ञात करने के लिए हम उस बहुपद को शून्य के बराबर रखते हैं और उसमें चर का मान ज्ञात करते हैं। चर का मान बहुपद का शून्यक या मूल कहलाता हैं जो बहुपद की घात पर निर्भर करता है । त्रिघात बहुपद के तीन शून्यक होते हैं ।

उदाहरण 1

त्रिघात बहुपद  का शून्यक ज्ञात कीजिए ।

हल

उपर्युक्त बहुपद का शून्यक ज्ञात करने के लिए बहुपद को शून्य के बराबर रखते हैं ,

गुणनखंड करने पर ,

पुनः ; गुणनखंड करने पर ,

अतः , उपर्युक्त त्रिघात बहुपद के तीन शून्यक   है ।

उदाहरण 2

त्रिघात बहुपद  का शून्यक ज्ञात कीजिए ।

हल

उपर्युक्त बहुपद का शून्यक ज्ञात करने के लिए बहुपद को शून्य के बराबर रखते हैं ,

गुणनखंड करने पर ,

पुनः ; गुणनखंड करने पर ,

अतः , उपर्युक्त त्रिघात बहुपद के तीन शून्यक   है ।

त्रिघात बहुपद के शून्यकों और गुणांको में संबंध[1]

यदि , , त्रिघात बहुपद के शून्यक हैं , जहाँ वास्तविक संख्याएं है एवं हैं ,

( का गुणांक/ का गुणांक )

( का गुणांक/ का गुणांक )

( अचर पद/ का गुणांक )

इस प्रकार, एक त्रिघात बहुपद का शून्यक उसके गुणांकों से संबंधित होता है ।

उदाहरण

घन बहुपद के शून्यक ज्ञात कीजिए और शून्यकों और गुणांक के बीच संबंध सत्यापित करें ।

हल

उपर्युक्त बहुपद का शून्यक ज्ञात करने के लिए हम बहुपद को शून्य के बराबर रखते हैं ,

पदों को व्यवस्थित रूप में लिखने गुणनखंड करने पर ,

पुनः ; गुणनखंड करने पर ,

अतः , हम बहुपद को रूप में निरूपित कर सकते हैं ।

इस प्रकार उपर्युक्त बहुपद के शून्यक होंगे । ( )

बहुपद को से तुलना करने पर

शून्यकों का योग ,

= ( का गुणांक/ का गुणांक )

एक समय पर दो शून्यको के गुणनफल का योग लेने पर ,

= ( का गुणांक/ का गुणांक )

शून्यकों का गुणनफल ,

( अचर पद/ का गुणांक )

अतः , उपर्युक्त बहुपद के शून्यक होंगे ।

संदर्भ

  1. MATHEMATICS (NCERT) ('REVISED' ed.). pp. 18–23. ISBN 81-7450-634-9.