ऐरोमैटीकरण: Difference between revisions
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एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन को एरीन भी कहा जाता है। क्योकी इनमे एक विशिष्ट प्रकार की गंध होती है। एरोमेटिक शब्द ग्रीक शब्द एरोमा से आया है जिसका अर्थ है 'सुगंध' इस प्रकार के यौगिकों को एरोमैटिक यौगिक भी कहते हैं। इनमे बेंज़ीन वलय भी पाई जाती है। इस बेंज़ीन वलय में एकांतर क्रम में द्विबंध पाए जाते हैं। जिन एरोमेटिक यौगिकों में बेंज़ीन वलय पाई जाती है इन्हे बेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। जिनमे बेंज़ीन वलय नहीं पाई जाती उन्हें अबेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। एरोमैटिक यौगिक होने के लिए यौगिक प्लेनर होना चाहिए मतलब इसका संकरण sp<sup>2</sup> होना चाहिए। | एरोमेटिक [[हाइड्रोकार्बन]] को एरीन भी कहा जाता है। क्योकी इनमे एक विशिष्ट प्रकार की गंध होती है। एरोमेटिक शब्द ग्रीक शब्द एरोमा से आया है जिसका अर्थ है 'सुगंध' इस प्रकार के यौगिकों को एरोमैटिक यौगिक भी कहते हैं। इनमे बेंज़ीन वलय भी पाई जाती है। इस बेंज़ीन वलय में एकांतर क्रम में द्विबंध पाए जाते हैं। जिन एरोमेटिक यौगिकों में बेंज़ीन वलय पाई जाती है इन्हे बेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। जिनमे बेंज़ीन वलय नहीं पाई जाती उन्हें अबेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। एरोमैटिक यौगिक होने के लिए यौगिक प्लेनर होना चाहिए मतलब इसका [[संकरण]] sp<sup>2</sup> होना चाहिए। | ||
किसी अणु के एरोमैटिक होने के लिए आवश्यक शर्तें निम्न- लिखित हैं: | किसी अणु के एरोमैटिक होने के लिए आवश्यक शर्तें निम्न- लिखित हैं: | ||
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* अणु समतलीय होना चाहिए। | * अणु समतलीय होना चाहिए। | ||
* पाई इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण विस्थानीकरण के लिए समतल वलय होनी चाहिए जिससे p कक्षकों का चक्रीय अतिव्यापन हो सके। | * पाई इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण विस्थानीकरण के लिए समतल वलय होनी चाहिए जिससे p कक्षकों का चक्रीय अतिव्यापन हो सके। | ||
* इसे हकल के नियम का पालन करना चाहिए अर्थात इसमें (4n+2)<math>\pi</math> इलेक्ट्रॉन होने चाहिए, जहां है। | * इसे हकल के नियम का पालन करना चाहिए अर्थात इसमें (4n+2)<math>\pi</math> [[इलेक्ट्रॉन]] होने चाहिए, जहां है। | ||
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== ऐरोमैटीकरण == | == ऐरोमैटीकरण == | ||
ऐरोमैटीकरण या पुर्नसंभवन भी कहते हैं। वे एल्केन जिनमे छः या छ: से अधिक कार्बन परमाणु उपस्थित होते हैं उनको उच्च ताप और वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर एल्केन विहाइड्रोजनीकृत होकर बेंज़ीन या उसके सजातीय व्युत्पन्न में चक्रीकृत हो जाता है। इस अभिक्रिया को ऐरोमैटीकरण कहते हैं। | [[ऐरोमैटीकरण]] या पुर्नसंभवन भी कहते हैं। वे एल्केन जिनमे छः या छ: से अधिक कार्बन परमाणु उपस्थित होते हैं उनको उच्च ताप और वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर [[एल्केन]] विहाइड्रोजनीकृत होकर बेंज़ीन या उसके सजातीय व्युत्पन्न में चक्रीकृत हो जाता है। इस अभिक्रिया को ऐरोमैटीकरण कहते हैं। | ||
छ: या छ: से अधिक कार्बन परमाणु वाले एल्केन की वैनेडियम, मॉलीबेडनम तथा क्रोमियम के ऑक्साइड की उपस्थित में 773K तथा 10-20 वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर बेंज़ीन प्राप्त होता है। | छ: या छ: से अधिक कार्बन परमाणु वाले एल्केन की वैनेडियम, मॉलीबेडनम तथा क्रोमियम के ऑक्साइड की उपस्थित में 773K तथा 10-20 वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर बेंज़ीन प्राप्त होता है। | ||
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* n-हेक्सेन के ऐरोमैटीकरण से कौनसा उत्पाद प्राप्त होता है? | * n-हेक्सेन के ऐरोमैटीकरण से कौनसा उत्पाद प्राप्त होता है? | ||
* एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन पर टिप्पणी दीजिये। | * एरोमैटिक [[हाइड्रोकार्बन]] पर टिप्पणी दीजिये। | ||
* एरोमैटिक शब्द का क्या अर्थ है? | * एरोमैटिक शब्द का क्या अर्थ है? |
Latest revision as of 08:18, 25 May 2024
एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन को एरीन भी कहा जाता है। क्योकी इनमे एक विशिष्ट प्रकार की गंध होती है। एरोमेटिक शब्द ग्रीक शब्द एरोमा से आया है जिसका अर्थ है 'सुगंध' इस प्रकार के यौगिकों को एरोमैटिक यौगिक भी कहते हैं। इनमे बेंज़ीन वलय भी पाई जाती है। इस बेंज़ीन वलय में एकांतर क्रम में द्विबंध पाए जाते हैं। जिन एरोमेटिक यौगिकों में बेंज़ीन वलय पाई जाती है इन्हे बेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। जिनमे बेंज़ीन वलय नहीं पाई जाती उन्हें अबेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। एरोमैटिक यौगिक होने के लिए यौगिक प्लेनर होना चाहिए मतलब इसका संकरण sp2 होना चाहिए।
किसी अणु के एरोमैटिक होने के लिए आवश्यक शर्तें निम्न- लिखित हैं:
- अणु में तल के ऊपर और नीचे विस्थानीकृत पाई इलेक्ट्रॉनों का एक क्लाउड होना चाहिए।
- अणु समतलीय होना चाहिए।
- पाई इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण विस्थानीकरण के लिए समतल वलय होनी चाहिए जिससे p कक्षकों का चक्रीय अतिव्यापन हो सके।
- इसे हकल के नियम का पालन करना चाहिए अर्थात इसमें (4n+2) इलेक्ट्रॉन होने चाहिए, जहां है।
जैसे कि यदि n = 1 हो तो हकल के नियम के अनुसार,
= (4n+2)
= (4 1 + 2)
= 6 e
उदाहरण- बेंज़ीन में कुल 6 इलेक्ट्रॉन हैं।
यदि n = 2 हो तो हकल के नियम के अनुसार,
= (4n+2)
= (4 2 + 2)
= 10 e
उदाहरण- नेफ़थलीन में कुल 10 इलेक्ट्रॉन हैं।
यदि n = 3 हो तो हकल के नियम के अनुसार,
= (4n+2)
= (4 3 + 2)
= 14 e
उदाहरण- एन्थ्रासीन में कुल 14 इलेक्ट्रॉन हैं।
ऐरोमैटीकरण
ऐरोमैटीकरण या पुर्नसंभवन भी कहते हैं। वे एल्केन जिनमे छः या छ: से अधिक कार्बन परमाणु उपस्थित होते हैं उनको उच्च ताप और वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर एल्केन विहाइड्रोजनीकृत होकर बेंज़ीन या उसके सजातीय व्युत्पन्न में चक्रीकृत हो जाता है। इस अभिक्रिया को ऐरोमैटीकरण कहते हैं।
छ: या छ: से अधिक कार्बन परमाणु वाले एल्केन की वैनेडियम, मॉलीबेडनम तथा क्रोमियम के ऑक्साइड की उपस्थित में 773K तथा 10-20 वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर बेंज़ीन प्राप्त होता है।
अभ्यास प्रश्न
- n-हेक्सेन के ऐरोमैटीकरण से कौनसा उत्पाद प्राप्त होता है?
- एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन पर टिप्पणी दीजिये।
- एरोमैटिक शब्द का क्या अर्थ है?