जल की अपचयोपचय अभिक्रिया: Difference between revisions

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'''रेडॉक्स''' वह अभिक्रियाएँ जिसमें ऑक्सीकरण एवं अपचयन दोनों साथ साथ होती हैं रिडॉक्स (रेडॉक्स) अभिक्रिया कहलाती हैं, रिडॉक्स अभिक्रिया के अन्तर्गत वे सब रासायनिक अभिक्रियाएँ सम्मिलित हैं जिनमें परमाणुओं के आक्सीकरण अवस्थाएँ बदल जातीं हैं। सामान्यतः रेडॉक्स अभिक्रियाओं के अभिकारकों के परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रानों का आदान-प्रदान होता है।
'''[[रेडॉक्स अभिक्रिया|रेडॉक्स]]''' वह अभिक्रियाएँ जिसमें [[ऑक्सीकरण-संख्या|ऑक्सीकरण]] एवं [[अपचयन]] दोनों साथ साथ होती हैं रिडॉक्स (रेडॉक्स) अभिक्रिया कहलाती हैं, रिडॉक्स अभिक्रिया के अन्तर्गत वे सब रासायनिक अभिक्रियाएँ सम्मिलित हैं जिनमें परमाणुओं के आक्सीकरण अवस्थाएँ बदल जातीं हैं। सामान्यतः रेडॉक्स अभिक्रियाओं के अभिकारकों के परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रानों का आदान-प्रदान होता है।


वह अभिक्रिया जिसमें एक क्रियाकारक का ऑक्सीकरण होता है, एवं दूसरे क्रियाकारक का अपचयन होता है । रेडाॅक्स अभिक्रिया कहलाती है।
वह अभिक्रिया जिसमें एक क्रियाकारक का ऑक्सीकरण होता है, एवं दूसरे क्रियाकारक का अपचयन होता है । रेडाॅक्स अभिक्रिया कहलाती है।
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अतः यह अभिक्रिया हाइड्रोजन के मुख्य स्रोत के रूप में उपयोगी है।  
अतः यह अभिक्रिया हाइड्रोजन के मुख्य स्रोत के रूप में उपयोगी है।  


प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में जल ऑक्सीजन गैस में ऑक्सीकृत हो जाता है।  
[[प्रकाश संश्लेषण]] की प्रक्रिया में जल ऑक्सीजन गैस में ऑक्सीकृत हो जाता है।  


<chem>6CO2(g) + 12H2O(l) -> C6H12O6 (aq) + 6H2O(l) + 6O2(g)</chem>
<chem>6CO2(g) + 12H2O(l) -> C6H12O6 (aq) + 6H2O(l) + 6O2(g)</chem>

Latest revision as of 16:59, 29 May 2024

रेडॉक्स वह अभिक्रियाएँ जिसमें ऑक्सीकरण एवं अपचयन दोनों साथ साथ होती हैं रिडॉक्स (रेडॉक्स) अभिक्रिया कहलाती हैं, रिडॉक्स अभिक्रिया के अन्तर्गत वे सब रासायनिक अभिक्रियाएँ सम्मिलित हैं जिनमें परमाणुओं के आक्सीकरण अवस्थाएँ बदल जातीं हैं। सामान्यतः रेडॉक्स अभिक्रियाओं के अभिकारकों के परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रानों का आदान-प्रदान होता है।

वह अभिक्रिया जिसमें एक क्रियाकारक का ऑक्सीकरण होता है, एवं दूसरे क्रियाकारक का अपचयन होता है । रेडाॅक्स अभिक्रिया कहलाती है।

उदाहरण

यहाँ Zn तथा ZnSO4 का ऑक्सीकरण तथा CuSO4 तथा Cu का अपचयन हो रहा है।

उदाहरण

Fe2O3 + 3CO → 2Fe + 3CO2

(यहाँ Fe2O3 तथा 2Fe का अपचयन एवं 3CO तथा 3CO2 का आक्सीकरण हो रहा है।)

जल की अपचयोपचय अभिक्रिया

उच्च विधुत धनीय धातुओं द्वारा जल आसानी से डाइहाइड्रोजन में अपचयित हो जाता है:

अतः यह अभिक्रिया हाइड्रोजन के मुख्य स्रोत के रूप में उपयोगी है।

प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में जल ऑक्सीजन गैस में ऑक्सीकृत हो जाता है।

फ्लुओरीन द्वारा भी H2O का ऑक्सीजन में ऑक्सीकरण हो जाता है।

अभ्यास प्रश्न

  • उच्च विधुत धनीय धातुओं द्वारा जल डाइहाइड्रोजन में अपचयित हो जाता है सम्बंधित अभिक्रिया दीजिये।  
  • फ्लुओरीन द्वारा भी H2O का ऑक्सीजन में ऑक्सीकरण हो जाता है सम्बंधित रासायनिक अभिक्रिया दीजिये।