जलयोजन एन्थैल्पी: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

No edit summary
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
[[Category:S-ब्लॉक तत्व]][[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:S-ब्लॉक तत्व]][[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]]
एन्थैल्पी एक अत्यंत महत्वपूर्ण थर्मोडायनामिक (Thermodynamic) मात्रा है जो किसी पदार्थ की ऊष्मा (Energy) को संकेत करती है। यह ऊष्मा और यौगिक स्थितियों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करती है, जिससे हम ऊर्जा की विभिन्न प्रकारों के बीच ताप विनिमय को समझ सकते हैं।यह सिस्टम की कुल ऊर्जा को इंगित करता है। एन्थैल्पी की मात्रा ऋणात्मक या घनात्मक, यह इस पर निर्भर करता है कि सिस्टम में ऊष्मा अवशोषित होती है या विकसित होती है।  
[[एन्थैल्पी]] एक अत्यंत महत्वपूर्ण थर्मोडायनामिक (Thermodynamic) मात्रा है जो किसी [[पदार्थ]] की ऊष्मा (Energy) को संकेत करती है। यह ऊष्मा और [[यौगिक]] स्थितियों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करती है, जिससे हम ऊर्जा की विभिन्न प्रकारों के बीच ताप विनिमय को समझ सकते हैं।यह सिस्टम की कुल ऊर्जा को इंगित करता है। एन्थैल्पी की मात्रा ऋणात्मक या घनात्मक, यह इस पर निर्भर करता है कि सिस्टम में ऊष्मा अवशोषित होती है या विकसित होती है।  
===एन्थैल्पी की माप===
===एन्थैल्पी की माप===
एन्थैल्पी की माप तापमान (Temperature) और दबाव (Pressure) के अनुसार की जाती है। इसे वाट (constant pressure) में मापा जाता है जो कि विज्ञानिक प्रयोगशाला में आम तौर पर होता है।
एन्थैल्पी की माप तापमान (Temperature) और दबाव (Pressure) के अनुसार की जाती है। इसे वाट (constant pressure) में मापा जाता है जो कि विज्ञानिक प्रयोगशाला में आम तौर पर होता है।


== जलयोजन एन्थैल्पी ==
== जलयोजन एन्थैल्पी ==
क्षार धातुओं की जलयोजन एन्थैल्पी आयनिक आकार बढ़ने के साथ साथ घटती जाती है।  
क्षार धातुओं की [[जलयोजन एन्थैल्पी]] आयनिक आकार बढ़ने के साथ साथ घटती जाती है।  


<chem>Li+ > Na+ > K+ > Rb+ > Cs+</chem>
<chem>Li+ > Na+ > K+ > Rb+ > Cs+</chem>
Line 14: Line 14:
तत्त्वों द्वारा इलेक्ट्रॉन त्यागने की मात्रात्मक प्रकृति आयनन एन्थैल्पी कहलाती है। तलस्थ अवस्था में विलगित गैसीय परमाणु से वाह्यतम इलेक्ट्रॉन को बाहर निकलने में जो ऊर्जा लगती है, उसे तत्व की आयनन एन्थैल्पी कहते हैं।
तत्त्वों द्वारा इलेक्ट्रॉन त्यागने की मात्रात्मक प्रकृति आयनन एन्थैल्पी कहलाती है। तलस्थ अवस्था में विलगित गैसीय परमाणु से वाह्यतम इलेक्ट्रॉन को बाहर निकलने में जो ऊर्जा लगती है, उसे तत्व की आयनन एन्थैल्पी कहते हैं।
<chem>A(g) -> A+(g) +e-</chem>
<chem>A(g) -> A+(g) +e-</chem>
आयनीकरण एन्थैल्पी की इकाई इलेक्ट्रॉन वोल्ट प्रति परमाणु या KJ/मोल है।
 
आयनीकरण एन्थैल्पी की इकाई इलेक्ट्रॉन वोल्ट प्रति [[परमाणु]] या KJ/मोल है।


=== द्वितीयक आयनन एंथैल्पी ===
=== द्वितीयक आयनन एंथैल्पी ===

Latest revision as of 21:25, 27 May 2024

एन्थैल्पी एक अत्यंत महत्वपूर्ण थर्मोडायनामिक (Thermodynamic) मात्रा है जो किसी पदार्थ की ऊष्मा (Energy) को संकेत करती है। यह ऊष्मा और यौगिक स्थितियों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करती है, जिससे हम ऊर्जा की विभिन्न प्रकारों के बीच ताप विनिमय को समझ सकते हैं।यह सिस्टम की कुल ऊर्जा को इंगित करता है। एन्थैल्पी की मात्रा ऋणात्मक या घनात्मक, यह इस पर निर्भर करता है कि सिस्टम में ऊष्मा अवशोषित होती है या विकसित होती है।

एन्थैल्पी की माप

एन्थैल्पी की माप तापमान (Temperature) और दबाव (Pressure) के अनुसार की जाती है। इसे वाट (constant pressure) में मापा जाता है जो कि विज्ञानिक प्रयोगशाला में आम तौर पर होता है।

जलयोजन एन्थैल्पी

क्षार धातुओं की जलयोजन एन्थैल्पी आयनिक आकार बढ़ने के साथ साथ घटती जाती है।

की जलयोजन क्षमता अत्यधिक होती है, इसलिए लिथियम के अधिकांश लवण जलयोजित होते हैं।

आयनन एंथैल्पी

तत्त्वों द्वारा इलेक्ट्रॉन त्यागने की मात्रात्मक प्रकृति आयनन एन्थैल्पी कहलाती है। तलस्थ अवस्था में विलगित गैसीय परमाणु से वाह्यतम इलेक्ट्रॉन को बाहर निकलने में जो ऊर्जा लगती है, उसे तत्व की आयनन एन्थैल्पी कहते हैं।

आयनीकरण एन्थैल्पी की इकाई इलेक्ट्रॉन वोल्ट प्रति परमाणु या KJ/मोल है।

द्वितीयक आयनन एंथैल्पी

ठीक उसी प्रकार दूसरे इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिए जितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे द्वितीयक आयनन एंथैल्पी कहते हैं।

तृतीयक आयनन एंथैल्पी

परमाणु से इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने में जितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है उसे आयनन एंथैल्पी कहते हैं। अतः आयनन एंथैल्पी हमेशा धनात्मक होती है। तत्व के द्वितीय आयनन एंथैल्पी का मान उसके प्रथम आयनन से अधिक होता है, क्योकी उदासीन परमाणु की तुलना में धनावेशित आयन से इलेक्ट्रान को पृथक करना अधिक कठिन होता है। ठीक वैसे ही तृतीयक आयनन एंथैल्पी का मान प्राथमिक, द्वितीयक आयनन एंथैल्पी से अधिक होता है।

तृतीयक आयनन एंथैल्पी > द्वितीयक आयनन एंथैल्पी > प्राथमिक आयनन एंथैल्पी

आवर्त में बाएं से दाएं तरफ जाने पर तत्वों के आयनन एंथैल्पी के मानो में सामान्यतः वृद्धि होती है। और वर्ग में ऊपर से नीचे की तरफ जाने पर प्रथम आयनन एंथैल्पी का मान बढ़ता जाता है।

अभ्यास प्रश्न

  • आयनन एंथैल्पी से आप क्या समझते हैं ?
  • प्रथम आयनन एंथैल्पी, द्वितीय आयनन से किस प्रकार भिन्न है?
  • आवर्त में बाएं से दाएं तरफ जाने पर तत्वों के आयनन एंथैल्पी के मानो में क्या परिवर्तन होता है?