अर्धआयु: Difference between revisions
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अर्धायु काल, क्षय होते हुए किसी तत्त्व का वो काल होता है; जिसमें वो तत्त्व अपनी प्रारंभिक मात्रा का आधा हो जाता है । ये नाम पहले अस्थिर परमाणुओं (रेडियोधर्मी क्षय) के लिए प्रयोग किया जाता था, किन्तु अब इसे किसी भी निश्चित क्षय वाले तत्त्व के लिए प्रयोग किया जाता है। | अर्धायु काल, क्षय होते हुए किसी तत्त्व का वो काल होता है; जिसमें वो तत्त्व अपनी प्रारंभिक मात्रा का आधा हो जाता है । ये नाम पहले अस्थिर परमाणुओं (रेडियोधर्मी क्षय) के लिए प्रयोग किया जाता था, किन्तु अब इसे किसी भी निश्चित क्षय वाले तत्त्व के लिए प्रयोग किया जाता है। | ||
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए | [[प्रथम कोटि की अभिक्रिया]] के लिए | ||
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== अभ्यास प्रश्न == | |||
* अभिक्रिया की कोटि को उदाहरण द्वारा समझाइये। | |||
* शून्य कोटि की अभिक्रिया को उदाहरण द्वारा समझाइये। |
Latest revision as of 16:17, 30 May 2024
अर्धायु काल, क्षय होते हुए किसी तत्त्व का वो काल होता है; जिसमें वो तत्त्व अपनी प्रारंभिक मात्रा का आधा हो जाता है । ये नाम पहले अस्थिर परमाणुओं (रेडियोधर्मी क्षय) के लिए प्रयोग किया जाता था, किन्तु अब इसे किसी भी निश्चित क्षय वाले तत्त्व के लिए प्रयोग किया जाता है।
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए
जहाँ अभिक्रिया का वेग स्थिरांक है,
t1/2 अभिक्रिया की अर्ध आयु है
उदाहरण:3 एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया 50 मिनट में 50% पूर्ण होती है तो वेग स्थिरांक की गणना कीजिये।
हल:
प्रारंभिक सांद्रण 100 0
50 मिनट बाद (100-50) 50
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए
100, ,
[log 2 = 0.3010]
मिनट -1
उदाहरण:3 एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया 50 मिनट में 50% पूर्ण होती है तो वेग स्थिरांक की गणना कीजिये।
हल:
प्रारंभिक सांद्रण 100 0
50 मिनट बाद (100-50) 50
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए
100, ,
[log 2 = 0.3010]
मिनट -1
उदाहरण: 4 यौगिक A के 1 मोल प्रारम्भ करके पाया गया की 3/4 अभिक्रिया 2 मिनट में पूर्ण हो जाती है। वेग स्थिरांक की गणना कीजिये यदि अभिक्रिया प्रथम कोटि की है।
हल:
प्रारंभिक सांद्रण 1 0
2 मिनट बाद (1- 3/4) 3/4
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए
1 मोल, ,
[log 4 = 0.6020]
मिनट -1
अभ्यास प्रश्न
- अभिक्रिया की कोटि को उदाहरण द्वारा समझाइये।
- शून्य कोटि की अभिक्रिया को उदाहरण द्वारा समझाइये।