छद्म प्रथम कोटि की अभिक्रिया: Difference between revisions
No edit summary |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:रासायनिक बलगतिकी]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:भौतिक रसायन]] | [[Category:रासायनिक बलगतिकी]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:भौतिक रसायन]] | ||
छद्म कोटि की अभिक्रिया से तात्पर्य उस अभिक्रिया से है, जो दिखने में तो द्वितीयक कोटि की अभिक्रिया प्रतीत होती है लेकिन वास्तव में वह प्रथम कोटि की अभिक्रिया होती है। अर्थात ऐसी अभिक्रिया जो प्रथम कोटि की अभिक्रिया है, लेकिन वह द्वितीयक कोटि की अभिक्रिया प्रतीत होती है, उसे छद्म कोटि की अभिक्रिया कहते हैं। | छद्म कोटि की अभिक्रिया से तात्पर्य उस अभिक्रिया से है, जो दिखने में तो द्वितीयक कोटि की अभिक्रिया प्रतीत होती है लेकिन वास्तव में वह [[प्रथम कोटि की अभिक्रिया]] होती है। अर्थात ऐसी अभिक्रिया जो प्रथम कोटि की अभिक्रिया है, लेकिन वह द्वितीयक कोटि की अभिक्रिया प्रतीत होती है, उसे छद्म कोटि की अभिक्रिया कहते हैं। | ||
<chem>A + B ->C + D</chem> | <chem>A + B ->C + D</chem> | ||
Line 39: | Line 39: | ||
दर = <math>\frac{dx}{dt}</math> = - <math>K [C12H22O11]^1 [H2O]^0</math> | दर = <math>\frac{dx}{dt}</math> = - <math>K [C12H22O11]^1 [H2O]^0</math> | ||
'''''"वेग नियम में निहित सभी अभिकारको की सान्द्र्ताओ की घातो के योग को उस अभिक्रिया की कोटि कहा जाता है”I''''' | '''''"वेग नियम में निहित सभी अभिकारको की सान्द्र्ताओ की घातो के योग को उस [[अभिक्रिया की कोटि]] कहा जाता है”I''''' | ||
अभिक्रिया की कोटि n = 1 + 0 | अभिक्रिया की कोटि n = 1 + 0 | ||
= 1 | = 1 | ||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* छद्म प्रथम कोटि की अभिक्रिया को एक उदाहरण द्वारा समझाइये। | |||
* सुक्रोस के जल अपघटन को एक उदाहरण द्वारा समझाइये। |
Latest revision as of 16:10, 30 May 2024
छद्म कोटि की अभिक्रिया से तात्पर्य उस अभिक्रिया से है, जो दिखने में तो द्वितीयक कोटि की अभिक्रिया प्रतीत होती है लेकिन वास्तव में वह प्रथम कोटि की अभिक्रिया होती है। अर्थात ऐसी अभिक्रिया जो प्रथम कोटि की अभिक्रिया है, लेकिन वह द्वितीयक कोटि की अभिक्रिया प्रतीत होती है, उसे छद्म कोटि की अभिक्रिया कहते हैं।
यह अभिक्रिया A और B दोनों की सांद्रता पर निर्भर है लेकिन इसमें एक घटक की मात्रा अधिक होती है और इस प्रकार अभिक्रिया आगे बढ़ने पर इसकी सांद्रता में शायद ही कोई बदलाव होता है।
छद्म प्रथम कोटि की अभिक्रिया इकाई
उदाहरण: वेग स्थिरांक की इकाइयाँ;
छद्म प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए n= 1
मोल(1-1) लीटर(1-1) सेकंड-1
मोल(0) लीटर(0) सेकंड-1
सेकंड-1
छद्म प्रथम कोटि अभिक्रिया के उदाहरण
उदाहरण: 1. एस्टर (एथिल एसीटेट) का अम्लीय हाइड्रोलिसिस।
मानलो सामान्य अभिक्रिया के लिए दर-नियम समीकरण इस प्रकार है:
दर = = -
"वेग नियम में निहित सभी अभिकारको की सान्द्र्ताओ की घातो के योग को उस अभिक्रिया की कोटि कहा जाता है”I
अभिक्रिया की कोटि n = 1 + 0
= 1
उदाहरण:2. सुक्रोस का जल अपघटन
मानलो सामान्य अभिक्रिया के लिए दर-नियम समीकरण इस प्रकार है:
दर = = -
"वेग नियम में निहित सभी अभिकारको की सान्द्र्ताओ की घातो के योग को उस अभिक्रिया की कोटि कहा जाता है”I
अभिक्रिया की कोटि n = 1 + 0
= 1
अभ्यास प्रश्न
- छद्म प्रथम कोटि की अभिक्रिया को एक उदाहरण द्वारा समझाइये।
- सुक्रोस के जल अपघटन को एक उदाहरण द्वारा समझाइये।