कृत्रिम मधुरक: Difference between revisions
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कृत्रिम मधुरक शर्करा का एक विकल्प है इसका उपयोग प्राकृतिक शर्करा के विकल्प के रूप में किया जाता है। ये मधुरक रासायनिक रूप से संश्लेषित होते हैं और नियमित शर्करा की उच्च कैलोरी की उपस्थिति के बिना मीठा स्वाद प्रदान करते हैं। ये स्वास्थ्य को हानि नहीं पहुंचाते हैं। ये प्राय: विभिन्न खाद्य और पेय उत्पादों में उपयोग किये जाते हैं, जिनमें डाइट सोडा, सुगर फ्री मिठाई तथा कम कैलोरी वाली वस्तुएं सम्मिलित हैं।कृत्रिम मधुरक वे रासायनिक पदार्थ होते हैं ये स्वाद में मीठे होते हैं लेकिन हमारे शरीर को कैलोरी प्रदान नहीं करते हैं। ये हमारे शरीर अपरिवर्तित अवस्था में उत्सर्जित हो जाते हैं। | कृत्रिम मधुरक शर्करा का एक विकल्प है इसका उपयोग प्राकृतिक शर्करा के विकल्प के रूप में किया जाता है। ये मधुरक रासायनिक रूप से संश्लेषित होते हैं और नियमित शर्करा की उच्च कैलोरी की उपस्थिति के बिना मीठा स्वाद प्रदान करते हैं। ये [[स्वास्थ्य]] को हानि नहीं पहुंचाते हैं। ये प्राय: विभिन्न खाद्य और पेय उत्पादों में उपयोग किये जाते हैं, जिनमें डाइट सोडा, सुगर फ्री मिठाई तथा कम कैलोरी वाली वस्तुएं सम्मिलित हैं।कृत्रिम मधुरक वे रासायनिक [[पदार्थ]] होते हैं ये स्वाद में मीठे होते हैं लेकिन हमारे शरीर को कैलोरी प्रदान नहीं करते हैं। ये हमारे शरीर अपरिवर्तित अवस्था में उत्सर्जित हो जाते हैं। | ||
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'''एलीटेम :''' यह प्रबल मधुरक है यह सुक्रोज से 2000 गुना अधिक मीठा होता है। | '''एलीटेम :''' यह प्रबल मधुरक है यह [[सुक्रोज]] से 2000 गुना अधिक मीठा होता है। | ||
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कृत्रिम मधुरक वज़न बढ़ने से रोकता है तथा मधुमेह नियंत्रण, दाँतों की सड़न आदि की रोकथाम में लाभ प्रदान करता है। यह एक प्रकार के आनुवंशिक विकार- फिनाइलकीटोनयूरिया (Phenylketonuria - PKU) वाले रोगियों के लिये सुरक्षित विकल्प है। फिनाइलकीटोनयूरिया किसी व्यक्ति के शरीर में कम या शून्य-कैलोरी पदार्थ, रक्त शर्करा के स्तर पर न्यूनतम प्रभाव, गैर-किण्वनीय प्रकृति और फिनाइलएलानिन की अनुपस्थिति के कारण होता है। | कृत्रिम मधुरक वज़न बढ़ने से रोकता है तथा मधुमेह नियंत्रण, दाँतों की सड़न आदि की रोकथाम में लाभ प्रदान करता है। यह एक प्रकार के आनुवंशिक विकार- फिनाइलकीटोनयूरिया (Phenylketonuria - PKU) वाले रोगियों के लिये सुरक्षित विकल्प है। फिनाइलकीटोनयूरिया किसी व्यक्ति के शरीर में कम या शून्य-कैलोरी पदार्थ, [[रक्त]] शर्करा के स्तर पर न्यूनतम प्रभाव, गैर-किण्वनीय प्रकृति और फिनाइलएलानिन की अनुपस्थिति के कारण होता है। | ||
== नकारात्मक प्रभाव == | == नकारात्मक प्रभाव == | ||
* कृत्रिम मधुरक से प्राप्त उत्पादों का सेवन करने के बाद कुछ लोगों को पाचन संबंधी परेशानी उत्पन्न हो सकती है, जैसे- सूजन, गैस या अतिसार की शिकायत हो सकती है। | * कृत्रिम मधुरक से प्राप्त उत्पादों का सेवन करने के बाद कुछ लोगों को [[पाचन]] संबंधी परेशानी उत्पन्न हो सकती है, जैसे- सूजन, गैस या अतिसार की शिकायत हो सकती है। | ||
* कृत्रिम मधुरक से प्राप्त उत्पादों का सेवन करने से उपापचय सम्बन्धी विकार उत्पन्न होते हैं। | * कृत्रिम मधुरक से प्राप्त उत्पादों का सेवन करने से उपापचय सम्बन्धी विकार उत्पन्न होते हैं। | ||
Latest revision as of 10:50, 31 May 2024
कृत्रिम मधुरक शर्करा का एक विकल्प है इसका उपयोग प्राकृतिक शर्करा के विकल्प के रूप में किया जाता है। ये मधुरक रासायनिक रूप से संश्लेषित होते हैं और नियमित शर्करा की उच्च कैलोरी की उपस्थिति के बिना मीठा स्वाद प्रदान करते हैं। ये स्वास्थ्य को हानि नहीं पहुंचाते हैं। ये प्राय: विभिन्न खाद्य और पेय उत्पादों में उपयोग किये जाते हैं, जिनमें डाइट सोडा, सुगर फ्री मिठाई तथा कम कैलोरी वाली वस्तुएं सम्मिलित हैं।कृत्रिम मधुरक वे रासायनिक पदार्थ होते हैं ये स्वाद में मीठे होते हैं लेकिन हमारे शरीर को कैलोरी प्रदान नहीं करते हैं। ये हमारे शरीर अपरिवर्तित अवस्था में उत्सर्जित हो जाते हैं।
उदाहरण
सैकरिन, एस्पार्टेम, सुक्रालोज़, नियोटेम और एडवांटेम।
ऐस्पाट्रेम: यह अधिक उपयोग में लाया जाने वाला पदार्थ है यह सुक्रोज से 100 गुना अधिक मीठा होता है तथा इसका प्रयोग ठंडे पेय पदार्थों के साथ किया जाता है
एलीटेम : यह प्रबल मधुरक है यह सुक्रोज से 2000 गुना अधिक मीठा होता है।
सुक्रालोज : यह सुक्रोज की तुलना में 600 गुना अधिक मीठा है।
सैकरिन : यह सुक्रोज की तुलना में 200 गुना अधिक मीठा है।
विशेषताएं
कृत्रिम मधुरक वज़न बढ़ने से रोकता है तथा मधुमेह नियंत्रण, दाँतों की सड़न आदि की रोकथाम में लाभ प्रदान करता है। यह एक प्रकार के आनुवंशिक विकार- फिनाइलकीटोनयूरिया (Phenylketonuria - PKU) वाले रोगियों के लिये सुरक्षित विकल्प है। फिनाइलकीटोनयूरिया किसी व्यक्ति के शरीर में कम या शून्य-कैलोरी पदार्थ, रक्त शर्करा के स्तर पर न्यूनतम प्रभाव, गैर-किण्वनीय प्रकृति और फिनाइलएलानिन की अनुपस्थिति के कारण होता है।
नकारात्मक प्रभाव
- कृत्रिम मधुरक से प्राप्त उत्पादों का सेवन करने के बाद कुछ लोगों को पाचन संबंधी परेशानी उत्पन्न हो सकती है, जैसे- सूजन, गैस या अतिसार की शिकायत हो सकती है।
- कृत्रिम मधुरक से प्राप्त उत्पादों का सेवन करने से उपापचय सम्बन्धी विकार उत्पन्न होते हैं।
अभ्यास प्रश्न
- कृत्रिम मधुरक से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण सहित समझाइये।
- कृत्रिम मधुरक के कोई तीन लाभ बताइये।
- कृत्रिम मधुरक से स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
- कृत्रिम मधुरक के उदाहरण बताइये।