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हम अपने दैनिक जीवन में संख्याओं का उपयोग करते हैं। इन्हें प्रायः अंक कहा जाता है। संख्याओं के बिना हम वस्तुओं, तिथि, समय, धन आदि की गिनती नहीं कर सकते। संख्याओं के गुण उन्हें उन पर अंकगणितीय संक्रियाएँ करने में सक्षम बनाते हैं। इन संख्याओं को संख्यात्मक रूप में तथा शब्दों में भी व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, 2 को शब्दों में दो लिखा जाता है, 27 को शब्दों में सत्ताईस लिखा जाता है, आदि।
हम अपने दैनिक जीवन में संख्याओं का उपयोग करते हैं। इन्हें प्रायः अंक कहा जाता है। संख्याओं के बिना हम वस्तुओं, तिथि, समय, धन आदि की गिनती नहीं कर सकते। संख्याओं के गुण उन्हें उन पर अंकगणितीय संक्रियाएँ करने में सक्षम बनाते हैं। इन संख्याओं को संख्यात्मक रूप में तथा शब्दों में भी व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, 2 को शब्दों में दो लिखा जाता है, 27 को शब्दों में सत्ताईस लिखा जाता है, आदि।



Latest revision as of 20:34, 26 September 2024

हम अपने दैनिक जीवन में संख्याओं का उपयोग करते हैं। इन्हें प्रायः अंक कहा जाता है। संख्याओं के बिना हम वस्तुओं, तिथि, समय, धन आदि की गिनती नहीं कर सकते। संख्याओं के गुण उन्हें उन पर अंकगणितीय संक्रियाएँ करने में सक्षम बनाते हैं। इन संख्याओं को संख्यात्मक रूप में तथा शब्दों में भी व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, 2 को शब्दों में दो लिखा जाता है, 27 को शब्दों में सत्ताईस लिखा जाता है, आदि।

गणित में विभिन्न प्रकार की संख्याएँ होती हैं जैसे प्राकृतिक और पूर्ण संख्याएँ, विषम और सम संख्याएँ, परिमेय और अपरिमेय संख्याएँ आदि।

परिभाषा

संख्या को एक अंकगणितीय मान के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसे एक शब्द, एक प्रतीक या एक आकृति का उपयोग करके व्यक्त किया जाता है जो एक मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। संख्याओं का उपयोग गिनती और गणना में किया जाता है।

संख्याओं के प्रकार

गणित में संख्याएँ विभिन्न प्रकार की होती हैं