क्लोरीन: Difference between revisions
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अधातुएँ, पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं में मौजूद होती हैं (फ्लोरीन और क्लोरीन गैसें हैं, ब्रोमीन एक तरल है, आयोडीन एक ठोस है)। अत्यधिक अभिक्रियाशील हैं और एक स्थिर ऑक्टेट प्राप्त करने के लिए एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करते हैं। शैले ने 1774 में HCl और MnO<sub>2</sub> की अभिक्रिया द्वारा क्लोरीन को खोजा। इसके नाम के आधार पर इसका नाम क्लोरीन रखा गया। | अधातुएँ, पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं में मौजूद होती हैं (फ्लोरीन और क्लोरीन गैसें हैं, ब्रोमीन एक तरल है, आयोडीन एक ठोस है)। अत्यधिक अभिक्रियाशील हैं और एक स्थिर ऑक्टेट प्राप्त करने के लिए एक [[इलेक्ट्रॉन]] प्राप्त करते हैं। शैले ने 1774 में HCl और MnO<sub>2</sub> की अभिक्रिया द्वारा क्लोरीन को खोजा। इसके नाम के आधार पर इसका नाम क्लोरीन रखा गया। | ||
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=== डीकन विधि === | === डीकन विधि === | ||
इसमें 723K ताप पर हाइड्रोजन क्लोराइड गैस का CuCl<sub>2</sub> की उपस्थित में वायुमंडलीय ऑक्सीजन द्वारा ऑक्सीकरण करते हैं। | इसमें 723K ताप पर हाइड्रोजन क्लोराइड गैस का CuCl<sub>2</sub> की उपस्थित में वायुमंडलीय [[ऑक्सीजन का असामान्य व्यवहार|ऑक्सीजन]] द्वारा ऑक्सीकरण करते हैं। | ||
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== गुण == | |||
* यह तीखी गंध वाली गैस है। | * यह तीखी गंध वाली गैस है। | ||
* यह हरी पीली गैस है। | * यह हरी पीली गैस है। | ||
* यह आसानी से द्रवित की जा सकती है। | * यह आसानी से द्रवित की जा सकती है। | ||
* यह जल में विलेय है। | * यह जल में विलेय है। | ||
यह | यह [[धातु]]ओं एवं अधातुओं के साथ क्रिया करके क्लोराइड बनाती है। | ||
<chem>2Al + 3Cl2 -> 2AlCl3</chem> | <chem>2Al + 3Cl2 -> 2AlCl3</chem> | ||
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== हाइड्रोकार्बन के साथ अभिक्रिया == | == हाइड्रोकार्बन के साथ अभिक्रिया == | ||
क्लोरीन संतृप्त हाइड्रोकार्बन के साथ प्रतिस्थापन अभिक्रिया देता है। जबकि असंतृप्त हाइड्रोकार्बन के साथ अभिक्रिया करके योगज उत्पाद देता है। | क्लोरीन संतृप्त हाइड्रोकार्बन के साथ [[प्रतिस्थापन अभिक्रिया]] देता है। जबकि [[असंतृप्त हाइड्रोकार्बन]] के साथ अभिक्रिया करके [[योगज अभिक्रिया|योगज]] उत्पाद देता है। | ||
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क्लोरीन एक प्रबल विरंजक है यह नमी की उपस्थित में कार्बनिक पदार्थों को विरंजित कर देती है। क्लोरीन का विरंजक प्रभाव स्थाई होता है। | क्लोरीन एक प्रबल विरंजक है यह नमी की उपस्थित में कार्बनिक पदार्थों को विरंजित कर देती है। क्लोरीन का [[विरंजक चूर्ण|विरंजक]] प्रभाव स्थाई होता है। | ||
<chem>Cl2 + H2O -> 2HCl + O</chem> | <chem>Cl2 + H2O -> 2HCl + O</chem> |
Latest revision as of 23:14, 30 May 2024
अधातुएँ, पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं में मौजूद होती हैं (फ्लोरीन और क्लोरीन गैसें हैं, ब्रोमीन एक तरल है, आयोडीन एक ठोस है)। अत्यधिक अभिक्रियाशील हैं और एक स्थिर ऑक्टेट प्राप्त करने के लिए एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करते हैं। शैले ने 1774 में HCl और MnO2 की अभिक्रिया द्वारा क्लोरीन को खोजा। इसके नाम के आधार पर इसका नाम क्लोरीन रखा गया।
फ्लोरीन | F |
क्लोरीन | Cl |
ब्रोमीन | Br |
आयोडीन | I |
एस्टैटिन | At |
विरचन
सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को मैग्नीज़ डाइऑक्साइड के साथ गर्म करने पर क्लोरीन प्राप्त होती है।
पोटेशियम परमैग्नेट की से अभिक्रिया कराने पर क्लोरीन प्राप्त होती है।
क्लोरीन का उत्पादन
डीकन विधि
इसमें 723K ताप पर हाइड्रोजन क्लोराइड गैस का CuCl2 की उपस्थित में वायुमंडलीय ऑक्सीजन द्वारा ऑक्सीकरण करते हैं।
गुण
- यह तीखी गंध वाली गैस है।
- यह हरी पीली गैस है।
- यह आसानी से द्रवित की जा सकती है।
- यह जल में विलेय है।
यह धातुओं एवं अधातुओं के साथ क्रिया करके क्लोराइड बनाती है।
यह हाइड्रोजन युक्त यौगिकों के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन क्लोराइड बनाती है।
शुष्क एवं बुझे चूने के साथ यह विरंजक चूर्ण बनाता है।
हाइड्रोकार्बन के साथ अभिक्रिया
क्लोरीन संतृप्त हाइड्रोकार्बन के साथ प्रतिस्थापन अभिक्रिया देता है। जबकि असंतृप्त हाइड्रोकार्बन के साथ अभिक्रिया करके योगज उत्पाद देता है।
क्लोरीन एक प्रबल विरंजक है यह नमी की उपस्थित में कार्बनिक पदार्थों को विरंजित कर देती है। क्लोरीन का विरंजक प्रभाव स्थाई होता है।
उपयोग
- इसका उपयोग कपास तथा वस्त्रों के विरंजन में होता है।
- यह सोने तथा प्लेटिनम के निष्कर्षण में प्रयोग होता है।
- प्रशीतक बनाने में।
- पीने के जल को शुद्ध करने में।
अभ्यास प्रश्न
- क्लोरीन का विरंजक गुण बताइये।
- डीकन विधि द्वारा क्लोरीन का निर्माण कीजिये। सम्बंधित समीकरण भी लिखिए।
- क्या होता है जब क्लोरीन की अभिक्रिया हाइड्रोकार्बन के साथ कराई जाती है?