विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु: Difference between revisions
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विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु एंटीबायोटिक दवाओं का एक वर्ग है जो ग्राम-पॉजिटिव और ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया दोनों की एक विस्तृत श्रृंखला के खिलाफ प्रभावी है। इनका उपयोग सामान्यतः तब किया जाता है जब प्रेरक बैक्टीरिया की पहचान नहीं की गई हो, या जब संक्रमण में कई प्रकार के बैक्टीरिया सम्मिलित हों। | |||
== वर्गीकरण == | |||
विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु को उनकी रासायनिक संरचना और क्रिया के तंत्र के आधार पर कई वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है। कुछ प्रमुख वर्गों में सम्मिलित हैं: | |||
=== पेनिसिलिन === | |||
[[जीवाणु]] कोशिका दीवार संश्लेषण को रोकता है। | |||
उदाहरण: एमोक्सिसिलिन, एम्पीसिलीन। | |||
=== सेफलोस्पोरिन === | |||
जीवाणु [[कोशिका]] दीवार संश्लेषण को रोकता है। | |||
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उदाहरण: टेट्रासाइक्लिन, डॉक्सीसाइक्लिन। | |||
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उदाहरण: एज़िथ्रोमाइसिन, क्लैरिथ्रोमाइसिन। | |||
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डीएनए गाइरेज़ और टोपोइज़ोमेरेज़ IV को रोकता है, बैक्टीरिया [[डीएनए]] प्रतिकृति और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण [[एंजाइम]]। | |||
उदाहरण: सिप्रोफ्लोक्सासिन, लेवोफ़्लॉक्सासिन। | |||
=== कार्बापेनेम्स === | |||
जीवाणु कोशिका दीवार संश्लेषण को रोकता है। | |||
उदाहरण: इमिपेनेम, मेरोपेनेम। | |||
== कार्रवाई की प्रणाली == | |||
विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु कोशिका दीवार संश्लेषण, प्रोटीन संश्लेषण, डीएनए प्रतिकृति और चयापचय पथ जैसी आवश्यक जीवाणु प्रक्रियाओं को लक्षित करते हैं। यहां कुछ सामान्य तंत्र दिए गए हैं: | |||
=== कोशिका भित्ति संश्लेषण का निषेध === | |||
पेनिसिलिन और सेफलोस्पोरिन जैसे एंटीबायोटिक्स [[जीवाणु]] कोशिका दीवार में पेनिसिलिन-बाइंडिंग प्रोटीन (पीबीपी) से जुड़ते हैं, पेप्टिडोग्लाइकन क्रॉस-लिंकिंग को रोकते हैं, जिससे कोशिका लसीका और मृत्यु हो जाती है। | |||
=== प्रोटीन संश्लेषण का निषेध === | |||
टेट्रासाइक्लिन और मैक्रोलाइड्स बैक्टीरिया के राइबोसोम (क्रमशः 30S और 50S सबयूनिट) से जुड़ते हैं, जिससे बैक्टीरिया के विकास और अस्तित्व के लिए आवश्यक प्रोटीन के संश्लेषण को रोका जा सकता है। | |||
=== न्यूक्लिक एसिड संश्लेषण का निषेध === | |||
फ़्लोरोक्विनोलोन डीएनए गाइरेज़ और टोपोइज़ोमेरेज़ IV जैसे एंजाइमों को रोकता है, जो डीएनए प्रतिकृति और प्रतिलेखन में शामिल होते हैं। | |||
=== मेटाबोलिक मार्गों का विघटन === | |||
कुछ एंटीबायोटिक्स, जैसे सल्फोनामाइड्स, फोलिक एसिड के संश्लेषण को रोकते हैं, जो बैक्टीरिया में डीएनए और [[आरएनए]] संश्लेषण के लिए आवश्यक विटामिन है। | |||
== विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु का उपयोग == | |||
ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग विभिन्न प्रकार के संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है, खासकर जब विशिष्ट रोगज़नक़ अज्ञात होता है या जब पॉलीमाइक्रोबियल संक्रमण का संदेह होता है। सामान्य अनुप्रयोगों में शामिल हैं: | |||
'''श्वसन संक्रमण:''' जैसे निमोनिया और ब्रोंकाइटिस। | |||
'''मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई):''' विशेष रूप से जटिल या आवर्ती मामले। | |||
'''त्वचा और कोमल ऊतकों के संक्रमण:''' सेल्युलाइटिस और घाव के संक्रमण सहित। | |||
'''गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण:''' जैसे डायवर्टीकुलिटिस। | |||
'''सेप्सिस:''' जब बैक्टीरिया का स्रोत अज्ञात हो और त्वरित उपचार महत्वपूर्ण हो। | |||
== लाभ == | |||
बैक्टीरिया की एक श्रृंखला के खिलाफ प्रभावी: अनुभवजन्य चिकित्सा में उपयोगी जब विशिष्ट रोगज़नक़ की अभी तक पहचान नहीं की गई है। | |||
बहुमुखी प्रतिभा: कई जीवाणु प्रजातियों से जुड़े मिश्रित संक्रमण का इलाज कर सकता है। | |||
== नुकसान == | |||
'''प्रतिरोध विकास:''' अति प्रयोग से एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया का विकास हो सकता है। | |||
'''सामान्य वनस्पतियों का विघटन:''' शरीर में लाभकारी बैक्टीरिया को मार सकता है, जिससे क्लॉस्ट्रिडिओइड्स डिफिसाइल (सी. डिफ) कोलाइटिस जैसे द्वितीयक संक्रमण हो सकते हैं। | |||
'''दुष्प्रभाव:''' विस्तृत-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गड़बड़ी, एलर्जी प्रतिक्रियाएं और बहुत कुछ शामिल हैं। | |||
== विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु के उदाहरण == | |||
* एमोक्सिसिलिन/क्लैवुलैनेट (ऑगमेंटिन): इसके स्पेक्ट्रम को बढ़ाने के लिए पेनिसिलिन को बीटा-लैक्टामेज अवरोधक के साथ जोड़ता है। | |||
* सेफ्ट्रिएक्सोन (रोसेफिन): तीसरी पीढ़ी का सेफलोस्पोरिन विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी है। | |||
* डॉक्सीसाइक्लिन: एक टेट्रासाइक्लिन जिसका उपयोग [[श्वसन]], मूत्र और त्वचा संक्रमण के लिए किया जाता है। | |||
* एज़िथ्रोमाइसिन (ज़िथ्रोमैक्स): एक मैक्रोलाइड जिसका उपयोग श्वसन और त्वचा संक्रमण के लिए किया जाता है। | |||
* सिप्रोफ्लोक्सासिन (सिप्रो): यूटीआई, श्वसन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण के लिए उपयोग किया जाने वाला एक फ्लोरोक्विनोलोन। | |||
* मेरोपेनेम: कार्बापेनेम का उपयोग गंभीर या उच्च जोखिम वाले जीवाणु संक्रमण के लिए किया जाता है। | |||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु से आप क्या समझते हैं ? | |||
* विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु का उपयोग क्या है ? |
Latest revision as of 11:19, 31 May 2024
विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु एंटीबायोटिक दवाओं का एक वर्ग है जो ग्राम-पॉजिटिव और ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया दोनों की एक विस्तृत श्रृंखला के खिलाफ प्रभावी है। इनका उपयोग सामान्यतः तब किया जाता है जब प्रेरक बैक्टीरिया की पहचान नहीं की गई हो, या जब संक्रमण में कई प्रकार के बैक्टीरिया सम्मिलित हों।
वर्गीकरण
विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु को उनकी रासायनिक संरचना और क्रिया के तंत्र के आधार पर कई वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है। कुछ प्रमुख वर्गों में सम्मिलित हैं:
पेनिसिलिन
जीवाणु कोशिका दीवार संश्लेषण को रोकता है।
उदाहरण: एमोक्सिसिलिन, एम्पीसिलीन।
सेफलोस्पोरिन
जीवाणु कोशिका दीवार संश्लेषण को रोकता है।
उदाहरण: सेफ्ट्रिएक्सोन, सेफोटैक्सिम।
टेट्रासाइक्लिन
30S राइबोसोमल सबयूनिट से जुड़कर प्रोटीन संश्लेषण को रोकता है।
उदाहरण: टेट्रासाइक्लिन, डॉक्सीसाइक्लिन।
मैक्रोलाइड्स
50S राइबोसोमल सबयूनिट से जुड़कर प्रोटीन संश्लेषण को रोकता है।
उदाहरण: एज़िथ्रोमाइसिन, क्लैरिथ्रोमाइसिन।
फ़्लोरोक्विनोलोन
डीएनए गाइरेज़ और टोपोइज़ोमेरेज़ IV को रोकता है, बैक्टीरिया डीएनए प्रतिकृति और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण एंजाइम।
उदाहरण: सिप्रोफ्लोक्सासिन, लेवोफ़्लॉक्सासिन।
कार्बापेनेम्स
जीवाणु कोशिका दीवार संश्लेषण को रोकता है।
उदाहरण: इमिपेनेम, मेरोपेनेम।
कार्रवाई की प्रणाली
विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु कोशिका दीवार संश्लेषण, प्रोटीन संश्लेषण, डीएनए प्रतिकृति और चयापचय पथ जैसी आवश्यक जीवाणु प्रक्रियाओं को लक्षित करते हैं। यहां कुछ सामान्य तंत्र दिए गए हैं:
कोशिका भित्ति संश्लेषण का निषेध
पेनिसिलिन और सेफलोस्पोरिन जैसे एंटीबायोटिक्स जीवाणु कोशिका दीवार में पेनिसिलिन-बाइंडिंग प्रोटीन (पीबीपी) से जुड़ते हैं, पेप्टिडोग्लाइकन क्रॉस-लिंकिंग को रोकते हैं, जिससे कोशिका लसीका और मृत्यु हो जाती है।
प्रोटीन संश्लेषण का निषेध
टेट्रासाइक्लिन और मैक्रोलाइड्स बैक्टीरिया के राइबोसोम (क्रमशः 30S और 50S सबयूनिट) से जुड़ते हैं, जिससे बैक्टीरिया के विकास और अस्तित्व के लिए आवश्यक प्रोटीन के संश्लेषण को रोका जा सकता है।
न्यूक्लिक एसिड संश्लेषण का निषेध
फ़्लोरोक्विनोलोन डीएनए गाइरेज़ और टोपोइज़ोमेरेज़ IV जैसे एंजाइमों को रोकता है, जो डीएनए प्रतिकृति और प्रतिलेखन में शामिल होते हैं।
मेटाबोलिक मार्गों का विघटन
कुछ एंटीबायोटिक्स, जैसे सल्फोनामाइड्स, फोलिक एसिड के संश्लेषण को रोकते हैं, जो बैक्टीरिया में डीएनए और आरएनए संश्लेषण के लिए आवश्यक विटामिन है।
विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु का उपयोग
ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग विभिन्न प्रकार के संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है, खासकर जब विशिष्ट रोगज़नक़ अज्ञात होता है या जब पॉलीमाइक्रोबियल संक्रमण का संदेह होता है। सामान्य अनुप्रयोगों में शामिल हैं:
श्वसन संक्रमण: जैसे निमोनिया और ब्रोंकाइटिस।
मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई): विशेष रूप से जटिल या आवर्ती मामले।
त्वचा और कोमल ऊतकों के संक्रमण: सेल्युलाइटिस और घाव के संक्रमण सहित।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण: जैसे डायवर्टीकुलिटिस।
सेप्सिस: जब बैक्टीरिया का स्रोत अज्ञात हो और त्वरित उपचार महत्वपूर्ण हो।
लाभ
बैक्टीरिया की एक श्रृंखला के खिलाफ प्रभावी: अनुभवजन्य चिकित्सा में उपयोगी जब विशिष्ट रोगज़नक़ की अभी तक पहचान नहीं की गई है।
बहुमुखी प्रतिभा: कई जीवाणु प्रजातियों से जुड़े मिश्रित संक्रमण का इलाज कर सकता है।
नुकसान
प्रतिरोध विकास: अति प्रयोग से एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया का विकास हो सकता है।
सामान्य वनस्पतियों का विघटन: शरीर में लाभकारी बैक्टीरिया को मार सकता है, जिससे क्लॉस्ट्रिडिओइड्स डिफिसाइल (सी. डिफ) कोलाइटिस जैसे द्वितीयक संक्रमण हो सकते हैं।
दुष्प्रभाव: विस्तृत-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल गड़बड़ी, एलर्जी प्रतिक्रियाएं और बहुत कुछ शामिल हैं।
विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु के उदाहरण
- एमोक्सिसिलिन/क्लैवुलैनेट (ऑगमेंटिन): इसके स्पेक्ट्रम को बढ़ाने के लिए पेनिसिलिन को बीटा-लैक्टामेज अवरोधक के साथ जोड़ता है।
- सेफ्ट्रिएक्सोन (रोसेफिन): तीसरी पीढ़ी का सेफलोस्पोरिन विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी है।
- डॉक्सीसाइक्लिन: एक टेट्रासाइक्लिन जिसका उपयोग श्वसन, मूत्र और त्वचा संक्रमण के लिए किया जाता है।
- एज़िथ्रोमाइसिन (ज़िथ्रोमैक्स): एक मैक्रोलाइड जिसका उपयोग श्वसन और त्वचा संक्रमण के लिए किया जाता है।
- सिप्रोफ्लोक्सासिन (सिप्रो): यूटीआई, श्वसन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण के लिए उपयोग किया जाने वाला एक फ्लोरोक्विनोलोन।
- मेरोपेनेम: कार्बापेनेम का उपयोग गंभीर या उच्च जोखिम वाले जीवाणु संक्रमण के लिए किया जाता है।
अभ्यास प्रश्न
- विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु से आप क्या समझते हैं ?
- विस्तृत स्पेक्ट्रम प्रतिजीवाणु का उपयोग क्या है ?