एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
 
(12 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[Category:Chemistry for 11th class]]
[[Category:हाइड्रोकार्बन]][[Category:कक्षा-11]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कार्बनिक रसायन]]
एरोमैटिक [[हाइड्रोकार्बन]] गोलाकार रूप से संरचित कार्बनिक [[यौगिक]] होते हैं जिनमें अनुनादी पाई इलेक्ट्रॉनों के साथ सिग्मा बंध होते हैं। इन्हें एरेन्स या एरिल हाइड्रोकार्बन भी कहा जाता है।  " '''''असंतृप्त हाइड्रोकार्बन होते हैं जिनमें एक या अधिक तलीय छह-कार्बन वलय होते हैं जिन्हें बेंजीन वलय कहा जाता है, जिनसे हाइड्रोजन परमाणु जुड़े होते हैं"''।''' एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन को एरीन भी कहा जाता है। क्योकी इनमे एक विशिष्ट प्रकार की गंध होती है। एरोमेटिक शब्द ग्रीक शब्द एरोमा से आया है जिसका अर्थ है 'सुगंध'  इस प्रकार के यौगिकों को एरोमैटिक यौगिक भी कहते हैं। इनमे बेंज़ीन वलय भी पाई  जाती है। इस बेंज़ीन वलय में एकांतर क्रम में द्विबंध पाए जाते हैं। जिन एरोमेटिक यौगिकों में बेंज़ीन वलय पाई जाती है इन्हे बेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। जिनमे बेंज़ीन वलय नहीं पाई जाती उन्हें अबेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। एरोमैटिक यौगिक होने के लिए यौगिक प्लेनर होना चाहिए मतलब इसका [[संकरण]] sp<sup>2</sup> होना चाहिए।
 
किसी अणु के एरोमैटिक होने के लिए आवश्यक शर्तें निम्न- लिखित हैं:
 
* [[अणु]] में तल के ऊपर और नीचे विस्थानीकृत पाई इलेक्ट्रॉनों का एक क्लाउड होना चाहिए।
* अणु समतलीय होना चाहिए।
* पाई इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण विस्थानीकरण के लिए समतल वलय होनी चाहिए जिससे p कक्षकों का चक्रीय अतिव्यापन हो सके।
* इसे हकल के नियम का पालन करना चाहिए अर्थात इसमें (4n+2) [[इलेक्ट्रॉन]] होने चाहिए, जहां है।
 
<blockquote>जैसे कि यदि n = 1 हो तो हकल के नियम के अनुसार,
 
= (4n+2)
 
= (4  1 + 2)
 
= 6  e
 
उदाहरण- बेंज़ीन में कुल 6  इलेक्ट्रॉन हैं।
 
यदि n = 2 हो तो हकल के नियम के अनुसार,
 
= (4n+2)
 
= (4  2 + 2)
 
= 10  e
 
उदाहरण- नेफ़थलीन में कुल 10  इलेक्ट्रॉन हैं।
 
यदि n = 3 हो तो हकल के नियम के अनुसार,
 
= (4n+2)
 
= (4  3 + 2)
 
= 14  e
 
उदाहरण- एन्थ्रासीन में कुल 14  इलेक्ट्रॉन हैं।</blockquote>
 
== ऐरोमैटीकरण ==
ऐरोमैटीकरण या पुर्नसंभवन भी कहते हैं। वे [[एल्केन]] जिनमे छः या छ: से अधिक कार्बन परमाणु उपस्थित होते हैं उनको उच्च ताप और वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर एल्केन विहाइड्रोजनीकृत होकर बेंज़ीन या उसके सजातीय व्युत्पन्न में चक्रीकृत हो जाता है। इस अभिक्रिया को [[ऐरोमैटीकरण]] कहते हैं।  
 
छ: या छ: से अधिक कार्बन परमाणु वाले एल्केन की वैनेडियम, मॉलीबेडनम तथा क्रोमियम के ऑक्साइड की उपस्थित में 773K तथा 10-20 वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर बेंज़ीन प्राप्त होता है।
 
== एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन की अभिक्रियाएं ==
 
=== प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं ===
एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन बहुत आसानी से [[प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं|प्रतिस्थापन अभिक्रिया]]एं देते हैं। इसमें वलय में उपस्थित एक हाइड्रोजन परमाणु किसी दूसरे परमाणु द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है।
 
==== उदाहरण ====
 
=== नाइट्रीकरण अभिक्रिया ===
<chem>C6H6 + HNO3 -> C6H5NO2 + H2O</chem>
 
=== युग्मन अभिक्रियाएं ===
एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन बहुत आसानी से योगात्मक अभिक्रियाएं नहीं देते हैं।
 
=== हाइड्रोजनीकरण अभिक्रियाएं ===
एरीन्स से जुडी हाइड्रोजनीकरण अभिक्रियाओं में सामान्यतः संतृप्त वलय का निर्माण होता है।
 
<chem>C6H6 + 3 H2 -> C6H12</chem>
 
== अभ्यास प्रश्न ==
 
* एल्केन का सामान्य सूत्र क्या है ?
* एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन क्या हैं ?
* हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया क्या है ?
* बेंज़ीन से नाइट्रोबेंज़ीन कैसे प्राप्त करेंगे?

Latest revision as of 09:15, 25 May 2024

एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन गोलाकार रूप से संरचित कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनमें अनुनादी पाई इलेक्ट्रॉनों के साथ सिग्मा बंध होते हैं। इन्हें एरेन्स या एरिल हाइड्रोकार्बन भी कहा जाता है। " असंतृप्त हाइड्रोकार्बन होते हैं जिनमें एक या अधिक तलीय छह-कार्बन वलय होते हैं जिन्हें बेंजीन वलय कहा जाता है, जिनसे हाइड्रोजन परमाणु जुड़े होते हैं" एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन को एरीन भी कहा जाता है। क्योकी इनमे एक विशिष्ट प्रकार की गंध होती है। एरोमेटिक शब्द ग्रीक शब्द एरोमा से आया है जिसका अर्थ है 'सुगंध'  इस प्रकार के यौगिकों को एरोमैटिक यौगिक भी कहते हैं। इनमे बेंज़ीन वलय भी पाई  जाती है। इस बेंज़ीन वलय में एकांतर क्रम में द्विबंध पाए जाते हैं। जिन एरोमेटिक यौगिकों में बेंज़ीन वलय पाई जाती है इन्हे बेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। जिनमे बेंज़ीन वलय नहीं पाई जाती उन्हें अबेन्ज़ेनॉइड कहते हैं। एरोमैटिक यौगिक होने के लिए यौगिक प्लेनर होना चाहिए मतलब इसका संकरण sp2 होना चाहिए।

किसी अणु के एरोमैटिक होने के लिए आवश्यक शर्तें निम्न- लिखित हैं:

  • अणु में तल के ऊपर और नीचे विस्थानीकृत पाई इलेक्ट्रॉनों का एक क्लाउड होना चाहिए।
  • अणु समतलीय होना चाहिए।
  • पाई इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण विस्थानीकरण के लिए समतल वलय होनी चाहिए जिससे p कक्षकों का चक्रीय अतिव्यापन हो सके।
  • इसे हकल के नियम का पालन करना चाहिए अर्थात इसमें (4n+2) इलेक्ट्रॉन होने चाहिए, जहां है।

जैसे कि यदि n = 1 हो तो हकल के नियम के अनुसार,

= (4n+2)

= (4  1 + 2)

= 6  e

उदाहरण- बेंज़ीन में कुल 6  इलेक्ट्रॉन हैं।

यदि n = 2 हो तो हकल के नियम के अनुसार,

= (4n+2)

= (4  2 + 2)

= 10  e

उदाहरण- नेफ़थलीन में कुल 10  इलेक्ट्रॉन हैं।

यदि n = 3 हो तो हकल के नियम के अनुसार,

= (4n+2)

= (4  3 + 2)

= 14  e

उदाहरण- एन्थ्रासीन में कुल 14  इलेक्ट्रॉन हैं।

ऐरोमैटीकरण

ऐरोमैटीकरण या पुर्नसंभवन भी कहते हैं। वे एल्केन जिनमे छः या छ: से अधिक कार्बन परमाणु उपस्थित होते हैं उनको उच्च ताप और वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर एल्केन विहाइड्रोजनीकृत होकर बेंज़ीन या उसके सजातीय व्युत्पन्न में चक्रीकृत हो जाता है। इस अभिक्रिया को ऐरोमैटीकरण कहते हैं।  

छ: या छ: से अधिक कार्बन परमाणु वाले एल्केन की वैनेडियम, मॉलीबेडनम तथा क्रोमियम के ऑक्साइड की उपस्थित में 773K तथा 10-20 वायुमंडलीय दाब पर गर्म करने पर बेंज़ीन प्राप्त होता है।

एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन की अभिक्रियाएं

प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं

एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन बहुत आसानी से प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं देते हैं। इसमें वलय में उपस्थित एक हाइड्रोजन परमाणु किसी दूसरे परमाणु द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है।

उदाहरण

नाइट्रीकरण अभिक्रिया

युग्मन अभिक्रियाएं

एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन बहुत आसानी से योगात्मक अभिक्रियाएं नहीं देते हैं।

हाइड्रोजनीकरण अभिक्रियाएं

एरीन्स से जुडी हाइड्रोजनीकरण अभिक्रियाओं में सामान्यतः संतृप्त वलय का निर्माण होता है।

अभ्यास प्रश्न

  • एल्केन का सामान्य सूत्र क्या है ?
  • एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन क्या हैं ?
  • हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया क्या है ?
  • बेंज़ीन से नाइट्रोबेंज़ीन कैसे प्राप्त करेंगे?