उत्कृष्ट गैस: Difference between revisions
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अक्रिय गैसें, जिन्हें अक्रिय गैसें और एरोजेन के रूप में भी जाना जाता है, इनकी बाहरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं अर्थात इनका अष्टक पूर्ण होता है। ये वे तत्व हैं जो आधुनिक आवर्त सारणी के समूह 18 से संबंधित हैं। इस समूह से संबंधित तत्व निम्नलिखित है: | |||
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!तत्व | |||
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|हीलियम | |||
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ताप और दाब की मानक स्थितियों पे, सभी उत्कृष्ट गैसें गैसीय अवस्था में उपस्थित होती हैं। ये बहुत कम अभिक्रियाशील होती हैं, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी उत्कृष्ट गैसों का स्थिर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है। यही कारण है कि उत्कृष्ट गैसें आसानी से द्विपरमाणु नहीं बनती हैं और अधिकतर मोनो-परमाणु गैसों के रूप में पाई जाती हैं। | |||
=== इलेक्ट्रॉनिक विन्यास === | |||
अक्रिय गैसों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 'ns<sup>2</sup>np<sup>6</sup> होता है। इनकी बाहरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं अर्थात इनका अष्टक पूर्ण होता है, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है।<blockquote><sub>2</sub>He = 1s<sup>2</sup> | |||
<sub>10</sub>Ne = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> | |||
<sub>18</sub>Ar = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> | |||
<sub>36</sub>Kr = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> ..........4s<sup>2</sup> 4p<sup>6</sup> | |||
<sub>54</sub>Xe = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> ..........5s<sup>2</sup> 5p<sup>6</sup> | |||
<sub>86</sub>Rn = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> ..........6s<sup>2</sup> 6p<sup>6</sup> | |||
<sub>118</sub>Og = 1s<sup>2</sup> 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup> 3s<sup>2</sup> 3p<sup>6</sup> ..........7s<sup>2</sup> 7p<sup>6</sup></blockquote> |
Revision as of 11:11, 7 July 2023
अक्रिय गैसें, जिन्हें अक्रिय गैसें और एरोजेन के रूप में भी जाना जाता है, इनकी बाहरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं अर्थात इनका अष्टक पूर्ण होता है। ये वे तत्व हैं जो आधुनिक आवर्त सारणी के समूह 18 से संबंधित हैं। इस समूह से संबंधित तत्व निम्नलिखित है:
तत्व | प्रतीक | परमाणु संख्या |
---|---|---|
हीलियम | He | 2 |
नियॉन | Ne | 10 |
आर्गन | Ar | 18 |
क्रिप्टन | Kr | 36 |
जिनॉन | Xe | 54 |
रेडॉन | Rn | 86 |
ओगेनेसन | Og | 118 |
ताप और दाब की मानक स्थितियों पे, सभी उत्कृष्ट गैसें गैसीय अवस्था में उपस्थित होती हैं। ये बहुत कम अभिक्रियाशील होती हैं, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी उत्कृष्ट गैसों का स्थिर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है। यही कारण है कि उत्कृष्ट गैसें आसानी से द्विपरमाणु नहीं बनती हैं और अधिकतर मोनो-परमाणु गैसों के रूप में पाई जाती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
अक्रिय गैसों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 'ns2np6 होता है। इनकी बाहरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं अर्थात इनका अष्टक पूर्ण होता है, इसलिए इन्हे अक्रिय गैस भी कहा जाता है।
2He = 1s2
10Ne = 1s2 2s2 2p6 18Ar = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6
36Kr = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 ..........4s2 4p6 54Xe = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 ..........5s2 5p6
86Rn = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 ..........6s2 6p6
118Og = 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 ..........7s2 7p6