गुणावृत्तियाँ: Difference between revisions
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भौतिकी में, हार्मोनिक्स विभिन्न आवृत्तियों या स्वरों को संदर्भित करता है जो तब उत्पन्न होते हैं जब एक मौलिक आवृत्ति को पूर्ण संख्याओं से गुणा किया जाता है। वे तरंगों के गुणों और कंपन प्रणालियों के व्यवहार को समझने में एक महत्वपूर्ण अवधारणा हैं। | |||
यहां अवधारणा का विवरण दिया गया है: | |||
मौलिक आवृत्ति: मौलिक आवृत्ति वह न्यूनतम आवृत्ति है जिस पर कोई वस्तु या सिस्टम कंपन कर सकता है और ध्वनि उत्पन्न कर सकता है। यह किसी कंपन प्रणाली के आधार या प्राथमिक स्वर का प्रतिनिधित्व करता है। उदाहरण के लिए, एक गिटार पर, खुले तार को छेड़ने से मौलिक आवृत्ति उत्पन्न होती है। | |||
हार्मोनिक्स: हार्मोनिक्स वे आवृत्तियाँ हैं जो मौलिक आवृत्ति के पूर्णांक गुणज हैं। इन्हें ओवरटोन भी कहा जाता है। जब कोई कंपन प्रणाली या वस्तु ध्वनि उत्पन्न करती है, तो यह मौलिक आवृत्ति के साथ-साथ हार्मोनिक्स की एक श्रृंखला भी उत्पन्न करती है। | |||
हार्मोनिक श्रृंखला: हार्मोनिक्स की श्रृंखला को हार्मोनिक श्रृंखला या ओवरटोन श्रृंखला के रूप में भी जाना जाता है। पहला हार्मोनिक मौलिक आवृत्ति है, और बाद के हार्मोनिक्स मौलिक आवृत्ति के गुणकों पर उत्पन्न होते हैं। दूसरा हार्मोनिक मौलिक आवृत्ति का दोगुना है, तीसरा हार्मोनिक आवृत्ति का तीन गुना है, इत्यादि। | |||
संगीत वाद्ययंत्रों से संबंध: हार्मोनिक्स संगीत वाद्ययंत्रों की विशिष्ट ध्वनि और समय उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विभिन्न हार्मोनिक्स और उनके सापेक्ष आयामों का संयोजन प्रत्येक उपकरण की अनूठी गुणवत्ता और टोन में योगदान देता है। उदाहरण के लिए, गिटार के तार से उत्पन्न हार्मोनिक्स इसकी समृद्ध ध्वनि निर्धारित करते हैं। | |||
तरंगरूप और समय: ध्वनि तरंग में मौजूद हार्मोनिक्स इसके तरंगरूप और समय को प्रभावित करते हैं। हार्मोनिक्स की सापेक्ष शक्तियाँ और आवृत्तियाँ ध्वनि को उसकी विशिष्ट समयबद्धता या तानवाला गुणवत्ता प्रदान करती हैं। यही कारण है कि एक ही स्वर को बजाने वाले विभिन्न वाद्ययंत्र एक-दूसरे से भिन्न लगते हैं। | |||
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Revision as of 12:44, 11 July 2023
Harmonics
भौतिकी में, हार्मोनिक्स विभिन्न आवृत्तियों या स्वरों को संदर्भित करता है जो तब उत्पन्न होते हैं जब एक मौलिक आवृत्ति को पूर्ण संख्याओं से गुणा किया जाता है। वे तरंगों के गुणों और कंपन प्रणालियों के व्यवहार को समझने में एक महत्वपूर्ण अवधारणा हैं।
यहां अवधारणा का विवरण दिया गया है:
मौलिक आवृत्ति: मौलिक आवृत्ति वह न्यूनतम आवृत्ति है जिस पर कोई वस्तु या सिस्टम कंपन कर सकता है और ध्वनि उत्पन्न कर सकता है। यह किसी कंपन प्रणाली के आधार या प्राथमिक स्वर का प्रतिनिधित्व करता है। उदाहरण के लिए, एक गिटार पर, खुले तार को छेड़ने से मौलिक आवृत्ति उत्पन्न होती है।
हार्मोनिक्स: हार्मोनिक्स वे आवृत्तियाँ हैं जो मौलिक आवृत्ति के पूर्णांक गुणज हैं। इन्हें ओवरटोन भी कहा जाता है। जब कोई कंपन प्रणाली या वस्तु ध्वनि उत्पन्न करती है, तो यह मौलिक आवृत्ति के साथ-साथ हार्मोनिक्स की एक श्रृंखला भी उत्पन्न करती है।
हार्मोनिक श्रृंखला: हार्मोनिक्स की श्रृंखला को हार्मोनिक श्रृंखला या ओवरटोन श्रृंखला के रूप में भी जाना जाता है। पहला हार्मोनिक मौलिक आवृत्ति है, और बाद के हार्मोनिक्स मौलिक आवृत्ति के गुणकों पर उत्पन्न होते हैं। दूसरा हार्मोनिक मौलिक आवृत्ति का दोगुना है, तीसरा हार्मोनिक आवृत्ति का तीन गुना है, इत्यादि।
संगीत वाद्ययंत्रों से संबंध: हार्मोनिक्स संगीत वाद्ययंत्रों की विशिष्ट ध्वनि और समय उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विभिन्न हार्मोनिक्स और उनके सापेक्ष आयामों का संयोजन प्रत्येक उपकरण की अनूठी गुणवत्ता और टोन में योगदान देता है। उदाहरण के लिए, गिटार के तार से उत्पन्न हार्मोनिक्स इसकी समृद्ध ध्वनि निर्धारित करते हैं।
तरंगरूप और समय: ध्वनि तरंग में मौजूद हार्मोनिक्स इसके तरंगरूप और समय को प्रभावित करते हैं। हार्मोनिक्स की सापेक्ष शक्तियाँ और आवृत्तियाँ ध्वनि को उसकी विशिष्ट समयबद्धता या तानवाला गुणवत्ता प्रदान करती हैं। यही कारण है कि एक ही स्वर को बजाने वाले विभिन्न वाद्ययंत्र एक-दूसरे से भिन्न लगते हैं।