मोल अंश: Difference between revisions

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  विलायक का मोल प्रभाज X<sub>B</sub> =  <math>\left ( \frac{N}{n+N} \right )</math>
  विलायक का मोल प्रभाज X<sub>B</sub> =  <math>\left ( \frac{N}{n+N} \right )</math>
जैसा की आप सभी जानते हैं की
मोल = भार / अणुभार
अर्थात <math>n= \frac{wt}{Mwt}</math>
जहाँ n = पदार्थ के मोल
wt = विलेय/ विलायक का भार
M<sub>wt</sub> = विलेय/ विलायक का अणुभार

Revision as of 15:47, 19 June 2023

मोल अंश को मोल प्रभाज भी कहते हैं। इस विधि का उपयोग तब किया जाता है जब विलयन दो या दो से अधिक घटकों से मिलकर बनाया गया हो। इसे एक घटक के मोल संख्या और विलयन के मोल् की कुल संख्या (अर्थात्, सभी घटकों) के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है।

यदि एक विलयन में विलेय (A) के n मोल और विलायक (B) के N मोल उपस्थित हों तो :

A का मोल प्रभाज =

B का मोल प्रभाज =

विलेय का मोल प्रभाज XA =  
विलायक का मोल प्रभाज XB =  

जैसा की आप सभी जानते हैं की

मोल = भार / अणुभार

अर्थात

जहाँ n = पदार्थ के मोल

wt = विलेय/ विलायक का भार

Mwt = विलेय/ विलायक का अणुभार