गुणित अनुपात का नियम: Difference between revisions
Listen
No edit summary |
(→उदाहरण) |
||
Line 26: | Line 26: | ||
2gm 32gm 34gm | 2gm 32gm 34gm | ||
ऊपर दी गई अभिक्रिया में आक्सीजन के द्रव्यमान क्रमशः 16 gm और 32 gm हैं जो हाइड्रोजन के एक निश्चित द्रव्यमान 2 gm के साथ संयोजन कर रहे हैं और एक सरल अनुपात 16 : 32 या 1:2 बनाते हैं। | |||
</blockquote> | </blockquote> |
Revision as of 16:49, 20 June 2023
यह एक रासायनिक संयोजन का नियम है। तत्वों के संयोजन से यौगिकों का निर्माण होता है। यह निम्न लिखित नियमों के अंतर्गत बताया गया है :
- द्रव्यमान - संरक्षण का नियम
- स्थिर अनुपात का नियम
- गुणित अनुपात का नियम
- गै-लूसैक का गैसीय आयतनों का नियम
- आवोगाड्रो का नियम
गुणित अनुपात का नियम
गुणित अनुपात का नियम डाल्टन द्वारा सन 1803 में दिया गया था। इस नियम के अनुसार
"यदि दो तत्व एक से अधिक यौगिक बनाने के लिए आपस में संयोजित हो सकते हैं, तो एक तत्त्व का द्रव्यमान जो दूसरे तत्त्व के एक निश्चित द्रव्यमान के साथ संयोजित होता है, छोटी पूर्ण संख्याओं के अनुपात में होते हैं।"
अथवा इसे कुछ इस प्रकार भी समझा जा सकता है, यदि दो तत्व संयोजित होकर एक से अधिक यौगिक बनाते हैं, तो एक तत्व के साथ दूसरे तत्व के संयुक्त होने वाले द्रव्यमान छोटे पूर्णांकों के अनुपात में होते हैं।
उदाहरण
हाइड्रोजन ऑक्सीजन जब आपस में संयुक्त होते हैं तो दो यौगिकों का निर्माण करते हैं एक जल और दूसरा हाइड्रोजन परॉक्साइड।
हाइड्रोजन + ऑक्सीजन → जल
2gm 16gm 18gm
हाइड्रोजन + ऑक्सीजन → हाइड्रोजन परॉक्साइड
2gm 32gm 34gm
ऊपर दी गई अभिक्रिया में आक्सीजन के द्रव्यमान क्रमशः 16 gm और 32 gm हैं जो हाइड्रोजन के एक निश्चित द्रव्यमान 2 gm के साथ संयोजन कर रहे हैं और एक सरल अनुपात 16 : 32 या 1:2 बनाते हैं।