अवपरमाण्विक कणों की खोज: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[Category:परमाणु की संरचना]]
[[Category:परमाणु की संरचना]]
[[File:Earth Parmanu.mp4|thumb|परमाणु क्या है, अवपरमाण्विक अणु परमाणु से कैसे भिन्न है?]]
[[File:Earth Parmanu.mp4|thumb|परमाणु क्या है, अवपरमाण्विक अणु परमाणु से कैसे भिन्न है?]]
गैसों में विधुत विसर्जन आदि प्रयोगो के परिणाम स्वरुप ये जानकारी प्राप्त हुई है कि समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, और विपरीत आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। ये धन आवेशित, ऋण आवेशित और उदासीन होते हैं। भौतिकशास्त्र में अवपरमाणुक कण उन कणों को कहते हैं जिनसे मिलकर न्युक्लियॉन और परमाणु बनते हैं।
गैसों में विधुत विसर्जन आदि प्रयोगो के परिणाम स्वरुप ये जानकारी प्राप्त हुई है कि समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, और विपरीत आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। ये धन आवेशित, ऋण आवेशित और उदासीन होते हैं। भौतिकशास्त्र में अवपरमाणुक कण उन कणों को कहते हैं जिनसे मिलकर न्युक्लियॉन और परमाणु बनते हैं। एक अवपरमाणुक कण वह कण है जो एक परमाणु के आकार से छोटा होता है। एक परमाणु को तीन अवपरमाणुक कणों में विभाजित किया जाता है- इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन और प्रोटॉन।


== अवपरमाण्विक कणों के प्रकार ==
== अवपरमाण्विक कणों के प्रकार ==

Revision as of 12:29, 28 June 2023

File:Earth Parmanu.mp4 गैसों में विधुत विसर्जन आदि प्रयोगो के परिणाम स्वरुप ये जानकारी प्राप्त हुई है कि समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, और विपरीत आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। ये धन आवेशित, ऋण आवेशित और उदासीन होते हैं। भौतिकशास्त्र में अवपरमाणुक कण उन कणों को कहते हैं जिनसे मिलकर न्युक्लियॉन और परमाणु बनते हैं। एक अवपरमाणुक कण वह कण है जो एक परमाणु के आकार से छोटा होता है। एक परमाणु को तीन अवपरमाणुक कणों में विभाजित किया जाता है- इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन और प्रोटॉन।

अवपरमाण्विक कणों के प्रकार

  • इलेक्ट्रॉन
  • प्रोटॉन
  • न्यूट्रॉन

इलेक्ट्रॉन

इलेक्ट्रान ऋणात्मक वैद्युत आवेश युक्त मूलभूत अवपरमाण्विक कण है, इन्हे e से प्रदर्शित करते हैं। इलेक्ट्रान में कण और तरंग दोनों प्रकार के गुण विधमान होते हैं इस लिए कुछ वैज्ञानिक इसे कण मानते हैं और कुछ तरंग। इलेक्ट्रॉन को प्रायः एक मूलभूत कण माना जाता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.110-31 होता है। इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ चक्कर लगाता रहता है। सन 1830 में माइकेल फैराडे ने सर्वप्रथम यह दर्शाया कि यदि किसी विलयन में विधुत धारा प्रवाहित की जाती है, तो इलेक्ट्रोडों पर रसायनिक अभिक्रियाएं होती हैं, जिनके परिणाम स्वरुप इलेक्ट्रोडों पर पदार्थ का विसर्जन और निक्षेपण होता है।

प्रोटॉन

प्रोटॉन धनावेशित कण है ये बहुत ही सूक्ष्म आकार के होते हैं, इसे 1H1 से प्रदर्शित करते हैं। सबसे छोटा और हल्का धन आयन हाइड्रोजन से प्राप्त हुआ था इसे प्रोटॉन कहते हैं, इस धनावेशित कण का पृथक्करण और इसके लक्षण की पुष्टि सन 1919 में हुई थी। प्रोटॉन की खोज रदरफोर्ड ने की थी धनावेशित कण की खोज के लिए पहला प्रयोग गोल्डस्टीन द्वारा 1886 में किया गया था, रदरफोर्ड ने 1991 में कण को ​​प्रोटॉन नाम दिया था। इसका आवेश परिमाण में समान लेकिन इलेक्ट्रॉन के चिन्ह के विपरीत पाया गया। प्रोटॉन एक धनावेशित कण है जो नाभिक में उपस्थित होता है और नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते रहते हैं जिससे कोई तत्व उदासीन हो जाता है। प्रोटॉन बहुत छोटा और हल्का धनायन हाइड्रोजन से प्राप्त हुआ था इसलिए इसे प्रोटॉन कहते हैं।

न्यूट्रॉन

न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं। इसे n से दर्शाया जाता है। न्यूट्रॉन एक उपपरमाण्विक कण है जो की सभी प्रकार के पदार्थों के परमाणु के नाभिक में पाया जाता है। न्यूट्रॉन की खोज चैडविक ने की थी, चैडविक ने हीलियम के नाभिक पर अल्फा कणों की बौछार की जिससे कार्बन प्राप्त हुआ और कार्बन के साथ एक उदासीन कण प्राप्त हुआ जिसे नाभिक कहा गया। न्यूट्रॉन एक उप-परमाणु कण है जिसका द्रव्यमान 1.67510-24 ग्राम, लगभग 1amu, या लगभग प्रोटॉन या हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के बराबर होता है और इसमें कोई विद्युत आवेश नहीं होता है।