चालक स्थिरवैद्युतिकी: Difference between revisions

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कंडक्टरों का इलेक्ट्रोस्टैटिक्स निम्नलिखित सिद्धांतों द्वारा नियंत्रित होता है:
कंडक्टरों का इलेक्ट्रोस्टैटिक्स निम्नलिखित सिद्धांतों द्वारा नियंत्रित होता है:


किसी चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र शून्य होता है।
* किसी चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र शून्य होता है।
 
* ऐसा इसलिए है क्योंकि कंडक्टर में मुक्त इलेक्ट्रॉन इस तरह से चलते हैं कि विद्युत क्षेत्र रद्द हो जाता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि कंडक्टर में मुक्त इलेक्ट्रॉन इस तरह से चलते हैं कि विद्युत क्षेत्र रद्द हो जाता है।
* किसी चालक की सतह एक समविभव सतह होती है। इसका मतलब यह है कि कंडक्टर की सतह पर सभी बिंदुओं की क्षमता समान है।
 
किसी चालक की सतह एक समविभव सतह होती है। इसका मतलब यह है कि कंडक्टर की सतह पर सभी बिंदुओं की क्षमता समान है।


किसी चालक पर आवेश उसकी सतह पर रहता है। इसका कारण यह है कि चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉन चालक की सतह की ओर आकर्षित होते हैं, जहां वे चालक के विद्युत क्षेत्र द्वारा अपनी जगह पर बने रहते हैं।
किसी चालक पर आवेश उसकी सतह पर रहता है। इसका कारण यह है कि चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉन चालक की सतह की ओर आकर्षित होते हैं, जहां वे चालक के विद्युत क्षेत्र द्वारा अपनी जगह पर बने रहते हैं।
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यहां कंडक्टरों के कुछ अतिरिक्त गुण दिए गए हैं:
यहां कंडक्टरों के कुछ अतिरिक्त गुण दिए गए हैं:


विद्युत क्षेत्र रेखाएं हमेशा किसी चालक की सतह के लंबवत होती हैं।
* विद्युत क्षेत्र रेखाएं हमेशा किसी चालक की सतह के लंबवत होती हैं।
 
* कंडक्टर पर चार्ज हमेशा वितरित किया जाता है ताकि सतह पर सभी बिंदुओं पर क्षमता समान हो।
कंडक्टर पर चार्ज हमेशा वितरित किया जाता है ताकि सतह पर सभी बिंदुओं पर क्षमता समान हो।
* किसी चालक की धारिता संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है।


किसी चालक की धारिता संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
[[Category:स्थिर्वैद्युत विभव तथा धारिता  तथा धारिता]]
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Revision as of 16:28, 27 July 2023

Electrostatics of conductor

इलेक्ट्रोस्टैटिक्स आराम की स्थिति में विद्युत आवेशों का अध्ययन है। कंडक्टर वे सामग्रियां हैं जो इलेक्ट्रॉनों को एक कण से दूसरे कण में स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होने देती हैं। इसका मतलब यह है कि जब किसी कंडक्टर को चार्ज किया जाता है, तो चार्ज पूरे कंडक्टर में घूमने के लिए स्वतंत्र होते हैं जब तक कि वे समान रूप से वितरित न हो जाएं।

कंडक्टरों का इलेक्ट्रोस्टैटिक्स निम्नलिखित सिद्धांतों द्वारा नियंत्रित होता है:

  • किसी चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र शून्य होता है।
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि कंडक्टर में मुक्त इलेक्ट्रॉन इस तरह से चलते हैं कि विद्युत क्षेत्र रद्द हो जाता है।
  • किसी चालक की सतह एक समविभव सतह होती है। इसका मतलब यह है कि कंडक्टर की सतह पर सभी बिंदुओं की क्षमता समान है।

किसी चालक पर आवेश उसकी सतह पर रहता है। इसका कारण यह है कि चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉन चालक की सतह की ओर आकर्षित होते हैं, जहां वे चालक के विद्युत क्षेत्र द्वारा अपनी जगह पर बने रहते हैं।

इन सिद्धांतों के कई महत्वपूर्ण परिणाम हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी आवेशित वस्तु को किसी चालक के पास लाते हैं, तो चालक पर आवेश स्वयं को पुनर्वितरित कर देंगे, जिससे चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र शून्य हो जाएगा। इसका मतलब यह है कि कंडक्टर को छूने पर आपको झटका महसूस नहीं होगा।

इन सिद्धांतों का एक और परिणाम यह है कि किसी चालक की धारिता उसके सतह क्षेत्र के सीधे आनुपातिक होती है।

यहां कंडक्टरों के कुछ अतिरिक्त गुण दिए गए हैं:

  • विद्युत क्षेत्र रेखाएं हमेशा किसी चालक की सतह के लंबवत होती हैं।
  • कंडक्टर पर चार्ज हमेशा वितरित किया जाता है ताकि सतह पर सभी बिंदुओं पर क्षमता समान हो।
  • किसी चालक की धारिता संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है।