डाल्टन का आंशिक दाब नियम: Difference between revisions
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डाल्टन का आंशिक दबाव का नियम रसायन विज्ञान के क्षेत्र में, विशेष रूप से गैसों के अध्ययन में एक मौलिक अवधारणा है। इसे ब्रिटिश रसायनज्ञ जॉन डाल्टन द्वारा तैयार किया गया था। यह कानून गैर-अभिक्रियाशील गैसों के मिश्रण के व्यवहार का वर्णन करता है और बताता है कि गैसों के मिश्रण द्वारा लगाया गया कुल दबाव मिश्रण में प्रत्येक व्यक्तिगत गैस द्वारा लगाए गए आंशिक दबाव का योग है। गणितीय शब्दों में, डाल्टन के नियम को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है: | |||
कुल दबाव (P_कुल) = P₁ + P₂ + P₃ + ... + P_ | |||
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P_total गैस मिश्रण द्वारा लगाया गया कुल दबाव है। | |||
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डाल्टन का नियम मानता है कि मिश्रण में गैसें एक दूसरे के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं और उनके व्यक्तिगत दबाव एक दूसरे से स्वतंत्र होते हैं। |
Revision as of 11:04, 11 August 2023
डाल्टन का आंशिक दबाव का नियम रसायन विज्ञान के क्षेत्र में, विशेष रूप से गैसों के अध्ययन में एक मौलिक अवधारणा है। इसे ब्रिटिश रसायनज्ञ जॉन डाल्टन द्वारा तैयार किया गया था। यह कानून गैर-अभिक्रियाशील गैसों के मिश्रण के व्यवहार का वर्णन करता है और बताता है कि गैसों के मिश्रण द्वारा लगाया गया कुल दबाव मिश्रण में प्रत्येक व्यक्तिगत गैस द्वारा लगाए गए आंशिक दबाव का योग है। गणितीय शब्दों में, डाल्टन के नियम को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है:
कुल दबाव (P_कुल) = P₁ + P₂ + P₃ + ... + P_
जहाँ:
P_total गैस मिश्रण द्वारा लगाया गया कुल दबाव है।
P₁, P₂, P₃, ..., P_n मिश्रण में प्रत्येक व्यक्तिगत गैस का आंशिक दबाव है।
डाल्टन का नियम मानता है कि मिश्रण में गैसें एक दूसरे के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं और उनके व्यक्तिगत दबाव एक दूसरे से स्वतंत्र होते हैं।