अधिशोषण-वर्णलेखन: Difference between revisions
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अधिशोषण वर्णलेखन सिद्धान्त के अनुसार किसी विशिष्ट अधिशोषक पर विभिन्न यौगिकों के अधिशोषण की मात्रा भिन्न-भिन्न होती है। जिसमे सिलिका जेल और ऐलुमिना सामान्यतः अधिशोषक के रूप में प्रयुक्त किए जाते हैं। स्थिर प्रावस्था (अधिशोषक) पर गतिशील प्रावस्था को प्रवाहित करने से मिश्रण के अवयव स्थिर प्रावस्था पर भिन्न-भिन्न दूरी तय करते हैं। | |||
== वर्णलेखन विधियों के प्रकार == | |||
निम्नलिखित वर्णलेखन विधियाँ विभेदी-अधिशोषण सिद्धान्त पर आधारित हैं: | |||
(i) कॉलम-वर्णलेखन, अर्थात् स्तम्भ-वर्णलेखन | |||
(ii) पतली परत वर्णलेखन। |
Revision as of 11:53, 19 November 2023
अधिशोषण वर्णलेखन सिद्धान्त के अनुसार किसी विशिष्ट अधिशोषक पर विभिन्न यौगिकों के अधिशोषण की मात्रा भिन्न-भिन्न होती है। जिसमे सिलिका जेल और ऐलुमिना सामान्यतः अधिशोषक के रूप में प्रयुक्त किए जाते हैं। स्थिर प्रावस्था (अधिशोषक) पर गतिशील प्रावस्था को प्रवाहित करने से मिश्रण के अवयव स्थिर प्रावस्था पर भिन्न-भिन्न दूरी तय करते हैं।
वर्णलेखन विधियों के प्रकार
निम्नलिखित वर्णलेखन विधियाँ विभेदी-अधिशोषण सिद्धान्त पर आधारित हैं:
(i) कॉलम-वर्णलेखन, अर्थात् स्तम्भ-वर्णलेखन
(ii) पतली परत वर्णलेखन।