विधुत अपघट्य: Difference between revisions
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वे पदार्थ जिनको जल में घोलने पर यह अपने आयनों में विभाजित हो जाते है वैधुत अपघट्य पदार्थ कहलाते हैं। इससे धनायन और ऋणायन प्राप्त होते हैं। जब किसी लवण के जलीय विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो विलयन का धनात्मक व ऋणात्मक आयनों में अपघटन हो जाता है। इस घटना को '''''वैधुत अपघट्यन''''' कहते हैं। | |||
उदाहरण | |||
<chem>NaCl <=> Na+ + Cl-</chem> | |||
=== वैधुत अपघट्य पदार्थ के प्रकार === | |||
* प्रबल वैधुत अपघट्य | |||
* दुर्बल वैधुत अपघट्य |
Revision as of 15:17, 17 December 2023
वे पदार्थ जिनको जल में घोलने पर यह अपने आयनों में विभाजित हो जाते है वैधुत अपघट्य पदार्थ कहलाते हैं। इससे धनायन और ऋणायन प्राप्त होते हैं। जब किसी लवण के जलीय विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो विलयन का धनात्मक व ऋणात्मक आयनों में अपघटन हो जाता है। इस घटना को वैधुत अपघट्यन कहते हैं।
उदाहरण
वैधुत अपघट्य पदार्थ के प्रकार
- प्रबल वैधुत अपघट्य
- दुर्बल वैधुत अपघट्य