स्वतः प्रवर्तिता: Difference between revisions
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ΔS = एन्ट्रापी में परिवर्तन | ΔS = एन्ट्रापी में परिवर्तन | ||
यदि ΔG ऋणात्मक है (ΔG < 0), तो उस तापमान पर प्रक्रिया स्वतः प्रवर्तित होती है। यदि ΔG धनात्मक है (ΔG > 0), तो उस तापमान पर प्रक्रिया '''स्वतः अप्रवर्तित''' है। यदि ΔG शून्य है (ΔG = 0), तो प्रक्रिया संतुलन पर है। | यदि ΔG ऋणात्मक है (ΔG < 0), तो उस तापमान पर प्रक्रिया स्वतः प्रवर्तित होती है। | ||
यदि ΔG धनात्मक है (ΔG > 0), तो उस तापमान पर प्रक्रिया '''स्वतः अप्रवर्तित''' है। यदि ΔG शून्य है (ΔG = 0), तो प्रक्रिया संतुलन पर है। | |||
== अभ्यास प्रश्न == |
Revision as of 13:02, 22 August 2023
स्वतः प्रवर्तित परिवर्तन
जिन परिवर्तनों को अपने आप होने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है, स्वतः प्रवर्तित परिवर्तन कहलाते हैं। और जिन परिवर्तनों को होने की स्वाभाविक प्रवर्त्ती नहीं होती है स्वतः अप्रवर्तित परिवर्तन कहलाते हैं। यह किसी वाह्य प्रक्रिया के द्वारा कराये जाते हैं।
उदाहरण
हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों के मिश्रण में विधुत - स्फुलिंग करने पर ये आपस में मिल कर जल बनाते हैं,
यह एक स्वतः प्रवर्तित अभिक्रिया है जो स्वतः होती है।
ΔG और स्वतः प्रवर्तिता
स्वतः प्रवर्तिता का निर्धारण करने में एक अन्य महत्वपूर्ण कारक एक प्रक्रिया का गिब्स मुक्त ऊर्जा परिवर्तन (ΔG) है। ΔG और स्वतः प्रवर्तिता के बीच संबंध निम्नलिखित समीकरण द्वारा वर्णित है:
ΔG = ΔH - TΔS
जहाँ:
ΔG = गिब्स मुक्त ऊर्जा में परिवर्तन
ΔH = प्रणाली की एन्थैल्पी में परिवर्तन
T = केल्विन में ताप
ΔS = एन्ट्रापी में परिवर्तन
यदि ΔG ऋणात्मक है (ΔG < 0), तो उस तापमान पर प्रक्रिया स्वतः प्रवर्तित होती है।
यदि ΔG धनात्मक है (ΔG > 0), तो उस तापमान पर प्रक्रिया स्वतः अप्रवर्तित है। यदि ΔG शून्य है (ΔG = 0), तो प्रक्रिया संतुलन पर है।