जैव प्रक्रम: Difference between revisions

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जैविक प्रक्रिया (जैव प्रक्रम) में वे सभी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं जो किसी जीव के जीवित रहने और उसके पर्यावरण के साथ  अन्तःक्रिया करने की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होती हैं।इसमें कई रासायनिक प्रतिक्रियाएं या जीन अभिव्यक्ति पर नियंत्रण जैसी अन्य घटनाएं शामिल होती हैं, जो किसी जीव में जीवन परिवर्तन में मदद करती हैं।
जैविक प्रक्रिया (जैव प्रक्रम) में वे सभी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं जो किसी जीव के जीवित रहने और उसके पर्यावरण के साथ  अन्तःक्रिया करने की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होती हैं।इसमें कई रासायनिक प्रतिक्रियाएं या जीन अभिव्यक्ति पर नियंत्रण जैसी अन्य प्रक्रिया शामिल होती हैं, जो किसी जीव में जीवन परिवर्तन में मदद करती हैं।


जैविक प्रक्रिया में जीवन की निरंतरता के लिए कई प्रक्रियाएँ शामिल हैं।उनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं-
जैविक प्रक्रिया में जीवन की निरंतरता के लिए कई प्रक्रियाएँ शामिल हैं।उनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं-
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'''कोशिका कार्यकी अथवा सेल फिजियोलॉजिकल''' (Cell physiological process) -वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से कोशिकाएँ निष्क्रिय और सक्रिय परिवहन द्वारा कोशिका झिल्ली में पदार्थों का परिवहन कर सकती हैं।यह किसी जीव में कोशिका के समुचित कार्य में मदद करता है।
'''कोशिका कार्यकी अथवा सेल फिजियोलॉजिकल''' (Cell physiological process) -वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से कोशिकाएँ निष्क्रिय और सक्रिय परिवहन द्वारा कोशिका झिल्ली में पदार्थों का परिवहन कर सकती हैं।यह किसी जीव में कोशिका के समुचित कार्य में मदद करता है।
'''रूपजनन( संरचना विकास )('''मोर्फोजेनेसिस)- कोशिका वृद्धि और उसके आकार को विकसित करने के लिए सेलुलर विभेदन की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।आवश्यक मात्रा में पोषक तत्व मिलाकर किसी जीव का निर्माण, विभेदन, विकास और वृद्धि को मोर्फोजेनेसिस कहा जाता है।
'''प्रजनन''' -एक जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक जीव ऐसी संतान उत्पन्न करता है जो जैविक रूप से समान होती है और प्रजातियों की निरंतरता सुनिश्चित करती है।
'''वृद्धि-''' वह प्रक्रिया है जिसमें कोशिका आकार या कोशिका संख्या में वृद्धि के कारण किसी जीव के द्रव्यमान में वृद्धि होती है। ​किसी जीव का विकास अपरिवर्तनीय है।

Revision as of 22:52, 22 August 2023

जैविक प्रक्रिया (जैव प्रक्रम) में वे सभी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं जो किसी जीव के जीवित रहने और उसके पर्यावरण के साथ अन्तःक्रिया करने की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होती हैं।इसमें कई रासायनिक प्रतिक्रियाएं या जीन अभिव्यक्ति पर नियंत्रण जैसी अन्य प्रक्रिया शामिल होती हैं, जो किसी जीव में जीवन परिवर्तन में मदद करती हैं।

जैविक प्रक्रिया में जीवन की निरंतरता के लिए कई प्रक्रियाएँ शामिल हैं।उनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं-

समस्थापन(होमियोस्टैसिस)-होमोस्टैसिस को एक स्व-विनियमन प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया गया है जिसके द्वारा एक जीव जीवित रहने के लिए और शरीर के ठीक से काम करने के लिए आवश्यक सभी भौतिक प्रणालियों के लिए आन्तरिक संतुलन बनाता है।इसमें जीव का शरीर लगातार अंदर और बाहर बदलते वातावरण के साथ खुद को ढालता रहता है।यह एक गतिशील प्रक्रिया है जो किसी जीव की जीवित रहने की क्षमता को बढ़ाने के लिए आंतरिक स्थितियों को बदलती है।फीडबैक नियंत्रण(पुनर्भरण) और तापमान कम करने के लिए पसीना बहाना होमोस्टैसिस का एक उदाहरण है।

उपापचय (metabolism)- में सभी रासायनिक प्रतिक्रियाएं शामिल होती हैं जो किसी जीव में कोशिकाओं की जीवित स्थिति को बनाए रखने के लिए आवश्यक होती हैं।इसे उन रासायनिक प्रतिक्रियाओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो शरीर की कोशिका में भोजन को ऊर्जा में बदलती हैं।चयापचय प्रक्रियाएं वृद्धि और प्रजनन में मदद करती हैं।

कोशिका कार्यकी अथवा सेल फिजियोलॉजिकल (Cell physiological process) -वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से कोशिकाएँ निष्क्रिय और सक्रिय परिवहन द्वारा कोशिका झिल्ली में पदार्थों का परिवहन कर सकती हैं।यह किसी जीव में कोशिका के समुचित कार्य में मदद करता है।

रूपजनन( संरचना विकास )(मोर्फोजेनेसिस)- कोशिका वृद्धि और उसके आकार को विकसित करने के लिए सेलुलर विभेदन की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।आवश्यक मात्रा में पोषक तत्व मिलाकर किसी जीव का निर्माण, विभेदन, विकास और वृद्धि को मोर्फोजेनेसिस कहा जाता है।

प्रजनन -एक जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक जीव ऐसी संतान उत्पन्न करता है जो जैविक रूप से समान होती है और प्रजातियों की निरंतरता सुनिश्चित करती है।

वृद्धि- वह प्रक्रिया है जिसमें कोशिका आकार या कोशिका संख्या में वृद्धि के कारण किसी जीव के द्रव्यमान में वृद्धि होती है। ​किसी जीव का विकास अपरिवर्तनीय है।