जैव प्रक्रम: Difference between revisions

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जैविक प्रक्रिया (जैव प्रक्रम) में वे सभी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं जो किसी जीव के जीवित रहने और उसके पर्यावरण के साथ  अन्तःक्रिया करने की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होती हैं।इसमें कई रासायनिक प्रतिक्रियाएं या जीन अभिव्यक्ति पर नियंत्रण जैसी अन्य प्रक्रिया शामिल होती हैं, जो किसी जीव में जीवन परिवर्तन में मदद करती हैं।
जैविक प्रक्रिया (जैव प्रक्रम) में वे सभी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं जो किसी जीव के जीवित रहने और उसके पर्यावरण के साथ  अन्तःक्रिया करने की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होती हैं।इसमें कई रासायनिक प्रतिक्रियाएं या जीन अभिव्यक्ति पर नियंत्रण जैसी अन्य प्रक्रिया शामिल होती हैं, जो किसी जीव में जीवन परिवर्तन में मदद करती हैं।


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'''कोशिका कार्यकी अथवा सेल फिजियोलॉजिकल''' (Cell physiological process) -वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से कोशिकाएँ निष्क्रिय और सक्रिय परिवहन द्वारा कोशिका झिल्ली में पदार्थों का परिवहन कर सकती हैं।यह किसी जीव में कोशिका के समुचित कार्य में मदद करता है।
'''कोशिका कार्यकी अथवा सेल फिजियोलॉजिकल''' (Cell physiological process) -वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से कोशिकाएँ निष्क्रिय और सक्रिय परिवहन द्वारा कोशिका झिल्ली में पदार्थों का परिवहन कर सकती हैं।यह किसी जीव में कोशिका के समुचित कार्य में मदद करता है।
 
[[File:Vegetative Propagation in Bryophyllum leaf.jpg|thumb|'''प्रजनन''']]
'''रूपजनन( संरचना विकास )('''मोर्फोजेनेसिस)- कोशिका वृद्धि और उसके आकार को विकसित करने के लिए सेलुलर विभेदन की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।आवश्यक मात्रा में पोषक तत्व मिलाकर किसी जीव का निर्माण, विभेदन, विकास और वृद्धि को मोर्फोजेनेसिस कहा जाता है।
'''रूपजनन( संरचना विकास )('''मोर्फोजेनेसिस)- कोशिका वृद्धि और उसके आकार को विकसित करने के लिए सेलुलर विभेदन की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।आवश्यक मात्रा में पोषक तत्व मिलाकर किसी जीव का निर्माण, विभेदन, विकास और वृद्धि को मोर्फोजेनेसिस कहा जाता है।


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'''वृद्धि-''' वह प्रक्रिया है जिसमें कोशिका आकार या कोशिका संख्या में वृद्धि के कारण किसी जीव के द्रव्यमान में वृद्धि होती है। ​किसी जीव का विकास अपरिवर्तनीय है।
'''वृद्धि-''' वह प्रक्रिया है जिसमें कोशिका आकार या कोशिका संख्या में वृद्धि के कारण किसी जीव के द्रव्यमान में वृद्धि होती है। ​किसी जीव का विकास अपरिवर्तनीय है।
 
[[File:Phototrophismus der Margeriten in Mondnacht nahe Friedelhausen 2015-06-02.jpg|thumb|'''उष्णकटिबंधीय हलचलें('''tropism ''')''']]
'''उष्णकटिबंधीय हलचलें('''tropism ''')-'''पौधों में उष्णकटिबंधीय हलचलें वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से पौधों के विभिन्न भाग बाहरी उत्तेजनाओं के जवाब में गति दिखाते हैं।बाहरी उत्तेजनाओं के संपर्क में आने पर पौधे के विभिन्न भागों में उष्णकटिबंधीय हलचल एक तरफ अधिक वृद्धि और दूसरी तरफ कम वृद्धि के कारण होती है।
'''उष्णकटिबंधीय हलचलें('''tropism ''')-'''पौधों में उष्णकटिबंधीय हलचलें वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से पौधों के विभिन्न भाग बाहरी उत्तेजनाओं के जवाब में गति दिखाते हैं।बाहरी उत्तेजनाओं के संपर्क में आने पर पौधे के विभिन्न भागों में उष्णकटिबंधीय हलचल एक तरफ अधिक वृद्धि और दूसरी तरफ कम वृद्धि के कारण होती है।
 
[[File:Final stem cell differentiation (1).svg|thumb|'''कोशिका विभेदन''' (Cell differentiation )]]
'''कोशिका विभेदन''' (Cell differentiation ) -उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसके द्वारा कोशिकाएँ शरीर के विशिष्ट कार्य करने के लिए अपनी संरचना और कार्य में विशिष्ट हो जाती हैं। कोशिका विभेदन को जीन अभिव्यक्ति में परिवर्तन द्वारा प्रबंधित किया जाता है।कोशिका विभेदन में, विभाजित कोशिकाएँ अपना कार्यात्मक या फेनोटाइपिकल प्रकार बदलती हैं।
'''कोशिका विभेदन''' (Cell differentiation ) -उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसके द्वारा कोशिकाएँ शरीर के विशिष्ट कार्य करने के लिए अपनी संरचना और कार्य में विशिष्ट हो जाती हैं। कोशिका विभेदन को जीन अभिव्यक्ति में परिवर्तन द्वारा प्रबंधित किया जाता है।कोशिका विभेदन में, विभाजित कोशिकाएँ अपना कार्यात्मक या फेनोटाइपिकल प्रकार बदलती हैं।



Revision as of 13:22, 23 August 2023

जैविक प्रक्रिया - कार्बन चक्र

जैविक प्रक्रिया (जैव प्रक्रम) में वे सभी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं जो किसी जीव के जीवित रहने और उसके पर्यावरण के साथ अन्तःक्रिया करने की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होती हैं।इसमें कई रासायनिक प्रतिक्रियाएं या जीन अभिव्यक्ति पर नियंत्रण जैसी अन्य प्रक्रिया शामिल होती हैं, जो किसी जीव में जीवन परिवर्तन में मदद करती हैं।

जीवन की बुनियादी जैविक प्रक्रियाएँ

जैविक प्रक्रिया में जीवन की निरंतरता के लिए कई प्रक्रियाएँ शामिल हैं।उनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं-

समस्थापन(होमियोस्टैसिस)-होमोस्टैसिस को एक स्व-विनियमन प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया गया है जिसके द्वारा एक जीव जीवित रहने के लिए और शरीर के ठीक से काम करने के लिए आवश्यक सभी भौतिक प्रणालियों के लिए आन्तरिक संतुलन बनाता है।इसमें जीव का शरीर लगातार अंदर और बाहर बदलते वातावरण के साथ खुद को ढालता रहता है।यह एक गतिशील प्रक्रिया है जो किसी जीव की जीवित रहने की क्षमता को बढ़ाने के लिए आंतरिक स्थितियों को बदलती है।फीडबैक नियंत्रण(पुनर्भरण) और तापमान कम करने के लिए पसीना बहाना होमोस्टैसिस का एक उदाहरण है।

उपापचय (metabolism)- में सभी रासायनिक प्रतिक्रियाएं शामिल होती हैं जो किसी जीव में कोशिकाओं की जीवित स्थिति को बनाए रखने के लिए आवश्यक होती हैं।इसे उन रासायनिक प्रतिक्रियाओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो शरीर की कोशिका में भोजन को ऊर्जा में बदलती हैं।चयापचय प्रक्रियाएं वृद्धि और प्रजनन में मदद करती हैं।

कोशिका कार्यकी अथवा सेल फिजियोलॉजिकल (Cell physiological process) -वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से कोशिकाएँ निष्क्रिय और सक्रिय परिवहन द्वारा कोशिका झिल्ली में पदार्थों का परिवहन कर सकती हैं।यह किसी जीव में कोशिका के समुचित कार्य में मदद करता है।

प्रजनन

रूपजनन( संरचना विकास )(मोर्फोजेनेसिस)- कोशिका वृद्धि और उसके आकार को विकसित करने के लिए सेलुलर विभेदन की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।आवश्यक मात्रा में पोषक तत्व मिलाकर किसी जीव का निर्माण, विभेदन, विकास और वृद्धि को मोर्फोजेनेसिस कहा जाता है।

प्रजनन -एक जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक जीव ऐसी संतान उत्पन्न करता है जो जैविक रूप से समान होती है और प्रजातियों की निरंतरता सुनिश्चित करती है।

वृद्धि- वह प्रक्रिया है जिसमें कोशिका आकार या कोशिका संख्या में वृद्धि के कारण किसी जीव के द्रव्यमान में वृद्धि होती है। ​किसी जीव का विकास अपरिवर्तनीय है।

उष्णकटिबंधीय हलचलें(tropism )

उष्णकटिबंधीय हलचलें(tropism )-पौधों में उष्णकटिबंधीय हलचलें वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से पौधों के विभिन्न भाग बाहरी उत्तेजनाओं के जवाब में गति दिखाते हैं।बाहरी उत्तेजनाओं के संपर्क में आने पर पौधे के विभिन्न भागों में उष्णकटिबंधीय हलचल एक तरफ अधिक वृद्धि और दूसरी तरफ कम वृद्धि के कारण होती है।

कोशिका विभेदन (Cell differentiation )

कोशिका विभेदन (Cell differentiation ) -उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसके द्वारा कोशिकाएँ शरीर के विशिष्ट कार्य करने के लिए अपनी संरचना और कार्य में विशिष्ट हो जाती हैं। कोशिका विभेदन को जीन अभिव्यक्ति में परिवर्तन द्वारा प्रबंधित किया जाता है।कोशिका विभेदन में, विभाजित कोशिकाएँ अपना कार्यात्मक या फेनोटाइपिकल प्रकार बदलती हैं।

संगठन(Organization)- जैविक अर्थ में संगठन का तात्पर्य जटिल जैविक संरचनाओं और प्रणाली के संगठन से है।जीवों को कोशिकाओं, ऊतकों, अंगों और अंग प्रणालियों में व्यवस्थित किया जा सकता है।

अनुक्रिया (Responsiveness0 - किसी जीव की अपने आंतरिक और बाहरी वातावरण में होने वाले परिवर्तनों के अनुसार खुद को समायोजित करने की क्षमता है।बाहरी उत्तेजनाओं के प्रति प्रतिक्रिया का एक उदाहरण कथित खतरे से दूर भागने की क्षमता हो सकता है।

मनुष्य जीवन के सबसे जटिल रूप का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए विकास, विभेदन, परिसंचरण, श्वसन, पाचन और उत्सर्जन जैसी अतिरिक्त आवश्यकताएं हैं। ये सभी जैविक प्रक्रिया के अंग हैं।

जैविक प्रक्रियाओं का महत्व

  • किसी भी जीव के जीवित रहने के लिए जैविक प्रक्रियाएँ आवश्यक हैं। बेहतर प्रक्रियाएँ जीव को बदलते परिवेश के साथ बेहतर अनुकूलन करने में सक्षम बनाती हैं।
  • जैविक प्रक्रियाएँ किसी जीव की उसके पर्यावरण के साथ अंतःक्रिया को प्रभावित करती हैं।
  • जीवन की निरंतरता के लिए प्रजनन की अनुमति देना।
  • यह मुख्य रूप से ऊर्जा पैदा करने और शरीर में होमियोस्टेसिस बनाए रखने में मदद करता है।
  • किसी भी जीवन प्रक्रिया में व्यवधान शरीर की कार्यप्रणाली को बाधित करता है।
  • दैनिक जीवन की गतिविधियों को पूरा करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।

पौधों और जीवों में सामान्य जैविक प्रक्रियाएँ

पौधों और जीव दोनों के लिए सामान्य जैविक प्रक्रियाएं श्वसन, वृद्धि, पोषण, परिवहन, प्रजनन और उत्सर्जन हैं।पौधों में जीवन प्रक्रियाएँ जानवरों से थोड़ी भिन्न होती हैं। उनमें से कुछ हैं- पोषण, परिवहन, उत्सर्जन, श्वसन, प्रजनन, संवेदनशीलता और वृद्धि।जबकि मानव में जीवन प्रक्रियाओं में शामिल हैं- पोषण, श्वसन, पाचन, उत्सर्जन, प्रजनन, चयापचय और परिवहन।