गति का तृतीय नियम: Difference between revisions
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Revision as of 19:47, 23 September 2023
Third Law of Motion
गति का तृतीय नियम, जिसे न्यूटन का तृतीय नियम भी कहा जाता है, कहता है कि "प्रत्येक क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।" यह कानून उन बलों के बीच संबंध का वर्णन करता है जो दो वस्तुएं आपस में बातचीत करते समय एक-दूसरे पर लगाती हैं।
मुख्य बिंदु
समान और विपरीत बल
न्यूटन के तृतीय नियम के अनुसार, जब एक वस्तु किसी अन्य वस्तु पर बल (क्रिया) लगाती है, तो दूसरी वस्तु पहली वस्तु पर विपरीत दिशा (प्रतिक्रिया) में समान बल लगाती है।
बल युग्म
न्यूटन का तृतीय नियम बल युग्म से संबंधित है। जब आप किसी वस्तु को धक्का देते हैं या खींचते हैं, तो आप उस पर बल लगा रहे होते हैं। इसके साथ ही, वस्तु आप पर विपरीत दिशा में समान बल लगा रही है। ये बल हमेशा जोड़े में होते हैं और विभिन्न वस्तुओं पर कार्य करते हैं।
उदाहरण
- जब आप चलते हैं, तो आप अपने पैर (क्रिया) के साथ जमीन पर पीछे की ओर धकेलते हैं, और जमीन आपके पैर को समान बल (प्रतिक्रिया) के साथ आगे की ओर धकेलती है। ज़मीन से मिलने वाली यह प्रतिक्रिया आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
- जब आप तैरते हैं, तो आप अपने हाथों और पैरों से पानी को पीछे की ओर धकेलते हैं (क्रिया), और पानी आपको समान बल (प्रतिक्रिया) के साथ आगे क ओर धकेलता है, जिससे आप पानी के माध्यम से आगे बढ़ सकते हैं।
- जब कोई रॉकेट खुद को अंतरिक्ष में आगे बढ़ाता है, तो यह उच्च गति (क्रिया) से गैसों को पीछे की ओर निष्कासित करता है, और गैसें विपरीत दिशा (प्रतिक्रिया) में रॉकेट पर समान बल लगाती हैं, जिससे रॉकेट तेज हो जाता है।
संतुलित बल
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यद्यपि ये बल परिमाण में समान और दिशा में विपरीत हैं, फिर भी वे विभिन्न वस्तुओं पर कार्य करते हैं। परिणामस्वरूप, वे संतुलित शक्तियों की तरह एक-दूसरे को रद्द नहीं करते हैं; वे गति उत्पन्न करते हैं।
गणितीय समीकरण
न्यूटन का तृतीय नियम आमतौर पर गति के अन्य नियमों की तरह गणितीय समीकरण का उपयोग करके व्यक्त नहीं किया जाता है। इसके बजाय, इसे शब्दों में वर्णित किया गया है, जिसमें बलों की समान और विपरीत प्रकृति पर जोर दिया गया है।
संक्षेप में
गति के तृतीय नियम को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमें यह समझाने में मदद मिलती है कि बल शामिल होने पर वस्तुएं कैसे चलती हैं। यह दर्शाता है कि बल हमेशा जोड़े में होते हैं और एक वस्तु द्वारा लगाए गए किसी भी बल के परिणामस्वरूप विपरीत दिशा में परस्पर क्रिया करने वाली वस्तु पर एक समान बल लगेगा। यह नियम गति की यांत्रिकी और वस्तुओं के बीच परस्पर क्रिया को समझने में मौलिक भूमिका निभाता है।