एकसमान वृतीय गति: Difference between revisions

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== गणितीय समीकरण ==
== गणितीय समीकरण ==


======    अभिकेन्द्रीय त्वरण (<math>a_c</math>) ======
======    अभिकेन्द्रीय त्वरण ======
अभिकेन्द्रीय त्वरण के परिमाण की गणना निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके की जा सकती है:
अभिकेन्द्रीय त्वरण (<math>a_c</math>) के परिमाण की गणना निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके की जा सकती है:


   <math>a_c=\frac{v^2}{r},</math>​
   <math>a_c=\frac{v^2}{r},</math>​
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       <math>r</math> वृत्ताकार पथ की त्रिज्या है।
       <math>r</math> वृत्ताकार पथ की त्रिज्या है।


======    कोणीय वेग (<math>\omega</math>) ======
======    कोणीय वेग ======
कोणीय वेग मापता है कि कोई वस्तु वृत्त के चारों ओर कितनी तेजी से घूमती है। इसे प्रति इकाई समय में वस्तु द्वारा निकाले गए कोण (θθ) में परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया गया है:
कोणीय वेग (<math>\omega</math>) मापता है कि कोई वस्तु वृत्त के चारों ओर कितनी तेजी से घूमती है। इसे प्रति इकाई समय में वस्तु द्वारा निकाले गए कोण (θθ) में परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया गया है:


   <math>\Omega =\frac{\Delta \theta} {\Delta t},</math>​
   <math>\Omega =\frac{\Delta \theta} {\Delta t},</math>​

Revision as of 17:56, 25 September 2023

एकसमान वृत्तीय गति एक प्रकार की गति है जिसमें कोई वस्तु एक स्थिर गति से वृत्ताकार पथ में चलती है। इस गति में वस्तु लगातार अपनी दिशा बदलते हुए वृत्त के केंद्र से लगातार दूरी बनाए रखती है।

महत्वपूर्ण अवधारणाएं

   स्थिर गति: एकसमान वृत्ताकार गति में वस्तु एक स्थिर गति से चलती है। इसका मतलब यह है कि इसके वेग का परिमाण पूरी गति के दौरान समान रहता है।

   दिशा बदलना

यद्यपि गति स्थिर है, वस्तु के वेग की दिशा लगातार बदलती रहती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वस्तु हमेशा वृत्त की स्पर्शरेखीय गति से चलती है और उसका वेग वेक्टर बदलता रहता है।

   अभिकेन्द्रीय त्वरण

एकसमान वृत्ताकार गति में कोई वस्तु अभिकेन्द्रीय त्वरण का अनुभव करती है, जो वृत्त के केंद्र की ओर निर्देशित होती है। अभिकेंद्रीय त्वरण वेग के परिमाण को स्थिर रखते हुए उसकी दिशा को लगातार बदलने के लिए जिम्मेदार है।

गणितीय समीकरण

   अभिकेन्द्रीय त्वरण

अभिकेन्द्रीय त्वरण () के परिमाण की गणना निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके की जा सकती है:

  

   जहाँ:

       अभिकेन्द्रीय त्वरण है।

       वस्तु की स्थिर गति है।

       वृत्ताकार पथ की त्रिज्या है।

   कोणीय वेग

कोणीय वेग () मापता है कि कोई वस्तु वृत्त के चारों ओर कितनी तेजी से घूमती है। इसे प्रति इकाई समय में वस्तु द्वारा निकाले गए कोण (θθ) में परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया गया है:

  

   जहाँ:

       कोणीय वेग है।

       कोण में परिवर्तन है।

       समय में परिवर्तन है।

रेखांकन

एकसमान वृत्तीय गति से जुड़े दो मुख्य ग्राफ़ हैं

   स्थिति-समय ग्राफ

समय के साथ एक समान गोलाकार गति में किसी वस्तु की स्थिति को प्लॉट करते समय, ग्राफ एक वृत्त होगा। वृत्त की त्रिज्या वृत्ताकार पथ की त्रिज्या को दर्शाती है, और ग्राफ़ की ढलान वस्तु की स्थिर गति को दर्शाती है।

   वेग-समय ग्राफ

एकसमान वृत्ताकार गति में वस्तु की गति स्थिर रहती है, लेकिन वेग की दिशा लगातार बदलती रहती है। इसलिए, वेग-समय ग्राफ़ वेग का निरंतर परिमाण दिखाएगा लेकिन दिशा बदलता रहेगा। ग्राफ़ का ढलान कोणीय वेग (ωω) को दर्शाता है।

संक्षेप में

एकसमान वृत्तीय गति एक स्थिर गति से वृत्ताकार पथ में घूम रही किसी वस्तु की गति है। इसमें अभिकेन्द्रीय त्वरण और कोणीय वेग जैसी अवधारणाएँ शामिल हैं। स्थिति-समय और वेग-समय ग्राफ़ के ग्राफिकल प्रतिनिधित्व को समझने से इस प्रकार की गति की कल्पना और विश्लेषण करने में मदद मिलती है।