मार्कोनीकॉफ नियम: Difference between revisions
From Vidyalayawiki
Listen
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 21: | Line 21: | ||
<chem>CH3-CH=CH2 + HBr->CH3-CH+-CH3 + Br-</chem> | <chem>CH3-CH=CH2 + HBr->CH3-CH+-CH3 + Br-</chem> | ||
<chem>CH3 - CH - CH3 + Br- -> CH3 - CH(Br) - CH3</chem> |
Revision as of 16:53, 5 October 2023
सममित एल्कीनों में HBr की योगज अभिक्रियाएं इलेक्ट्रॉनस्नेही योगज क्रियाविधि से संपन्न होती है।
असममित एल्कीनों पर HBr की योगज (मार्कोनीकॉफ नियम)
प्रोपीन पर का योग कराने पर हेलो एल्केन प्राप्त होती है।
रूसी रसायनविद मार्कोनीकॉफ ने सन 1869 में इन अभिक्रियाओं का व्यापक अध्धयन करने के पश्चात एक नियम प्रतिपादित किया, जिसे मार्कोनीकॉफ का नियम कहते हैं।
क्रियाविधि
हाइड्रोजन ब्रोमाइड इलेक्ट्रॉनस्नेही देता है, जो द्विआबंध पर आक्रमण करके नीचे गए कार्बधनायन बनता है: