अवशोषण: Difference between revisions
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(iii) अधिशोषण प्रारम्भ में तीव्र गति से होता है पर जब उसमे रिक्त सतह नहीं रहता। है तो वह धीमी गति से होता है। | (iii) अधिशोषण प्रारम्भ में तीव्र गति से होता है पर जब उसमे रिक्त सतह नहीं रहता। है तो वह धीमी गति से होता है। | ||
== अवशोषण के उदाहरण == | |||
* स्टार्च द्वारा आयोडीन का अवशोषण | |||
* CaCl<sub>2</sub> द्वारा जल का अवशोषण | |||
* किशमिश द्वारा जल का अवशोषण |
Revision as of 15:57, 22 November 2023
अवशोषण वह प्रक्रम है, जिसमें एक पदार्थ के अणु, परमाणु एवं आयनिक योगिक किसी दूसरे पदार्थ के अन्दर प्रवेश कर जाते हैं और समान रूप से वितरित हो जाते हैं, अवशोषण कहलाते है।
अधिशोषण, अवशोषण में अंतर
अधिशोषण, अवशोषण में अंतर निम्न - लिखित है -
अवशोषण
(i) इस प्रक्रिया में एक पदार्थ दूसरे पदार्थ में समान रूप से वितरित रहते हैं।
(ii) इसमें सम्पूर्ण पदार्थ में सान्द्रण समान रहता है।
(iii) अवशोषण समान गति से होता है।
अधिशोषण
(i) इस प्रक्रिया में एक पदार्थ दूसरे के सतह पर स्थित होते हैं।
(ii) इसमें सतह पर अंदर की अपेक्षा सान्द्रण अधिक होता है।
(iii) अधिशोषण प्रारम्भ में तीव्र गति से होता है पर जब उसमे रिक्त सतह नहीं रहता। है तो वह धीमी गति से होता है।
अवशोषण के उदाहरण
- स्टार्च द्वारा आयोडीन का अवशोषण
- CaCl2 द्वारा जल का अवशोषण
- किशमिश द्वारा जल का अवशोषण