आयन: Difference between revisions

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जब किसी कण पर कोई आवेश होता है तो उन्हें '''''आयन''''' कहते हैं "परमाणु अथवा परमाणुओं का वह समूह जिस पर कोई आवेश विधमान होता है आयन कहलाते हैं ये धनावेशित अथवा ऋणावेशित दोनों हो सकते हैं"।  
जब किसी कण पर कोई आवेश होता है तो उन्हें '''''आयन''''' कहते हैं "परमाणु अथवा परमाणुओं का वह समूह जिस पर कोई आवेश विधमान होता है आयन कहलाते हैं ये धनावेशित अथवा ऋणावेशित दोनों हो सकते हैं"।  


'''उदाहरण:''' Na<sup>+</sup>, Ca<sup>+2</sup>, K<sup>+</sup>, Al<sup>+3</sup> , Cl <sup>-</sup> ,Br<sup>-</sup>  
'''उदाहरण:''' Na<sup>+</sup>, Ca<sup>+2</sup>, K<sup>+</sup>, Al<sup>+3</sup> , Cl <sup>-</sup> ,Br<sup>-</sup>
 
== आयन किस प्रकार प्राप्त होते हैं ==
परमाणु के केंद्र में एक धनावेशित भाग होता है जिसे नाभिक कहते हैं, नाभिक में प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन होते हैं प्रोटोन धनावेशित होता है और न्यूट्रॉन उदासीन होता है, धनावेशित प्रोटोन की उपस्थित के कारण नाभिक धनावेशित होता है और इलेक्ट्रान नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं ये इलेक्ट्रान ऋणावेशित होते हैं, धनावेशित प्रोटोन और ऋणावेशित इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर होती है। यदि बाहर से कोई इलेक्ट्रान अंदर आ जाता है तो इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है जिससे उस पर ऋणावेश भी बढ़ जाता है और अगर परमाणु से कोई इलेक्ट्रान बहार निकल जाता है तो उस पर धनावेश बढ़ जाता है और इस प्रकार धनायन और ऋणायन प्राप्त होते हैं।


== आयन के प्रकार ==
== आयन के प्रकार ==
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दो आयन मिलकर एक यौगिक का निर्माण करते हैं उदाहरण के लिए AgCl में एक धनावेशित आयन और एक ऋणावेशित आयन उपस्थित होता है धनावेशित आयन Ag<sup>+</sup> है और ऋणावेशित आयन Cl<sup>-</sup> है, बिलकुल ऐसे ही अगर CaCl<sub>2</sub> की बात की जाये तो CaCl<sub>2</sub> भी दो आयनों से मिलकर बना होता है जिसमे धनावेशित आयन Ca<sup>+2</sup> और ऋणावेशित आयन Cl<sup>-</sup> होता है।   
दो आयन मिलकर एक यौगिक का निर्माण करते हैं उदाहरण के लिए AgCl में एक धनावेशित आयन और एक ऋणावेशित आयन उपस्थित होता है धनावेशित आयन Ag<sup>+</sup> है और ऋणावेशित आयन Cl<sup>-</sup> है, बिलकुल ऐसे ही अगर CaCl<sub>2</sub> की बात की जाये तो CaCl<sub>2</sub> भी दो आयनों से मिलकर बना होता है जिसमे धनावेशित आयन Ca<sup>+2</sup> और ऋणावेशित आयन Cl<sup>-</sup> होता है।   


=== बहुपरमाणुक आयन ===
== बहुपरमाणुक आयन ==
परमाणुओं के समूह जिन पर नेट आवेश विद्यमान होता है उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं।  
परमाणुओं के समूह जिन पर नेट आवेश विद्यमान होता है उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं।  


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|कार्बोनेट
|कार्बोनेट
|CO3<sup>-2</sup>
|CO<sub>3</sub><sup>-2</sup>
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|सल्फेट
|सल्फेट
|SO4<sup>-2</sup>
|SO<sub>4</sub><sup>-2</sup>
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|फास्फेट
|फास्फेट
|PO4<sup>-3</sup>
|PO<sub>4</sub><sup>-3</sup>
|}
|}


=== यौगिकों के आयनन ===
== यौगिकों के आयनन ==
किसी भी यौगिकों का आयनन करने के लिए उसका वैधुत अपघटन किया जाता है।  
किसी भी यौगिकों का आयनन करने के लिए उसका वैधुत अपघटन किया जाता है।  


'''उदाहरण:''' AlCl<sub>3</sub> का वैद्युत अपघटन करने पर निम्नलिखित आयन प्राप्त होते हैं:
'''उदाहरण:''' AlCl<sub>3</sub> का वैद्युत अपघटन करने पर निम्नलिखित आयन प्राप्त होते हैं:

Revision as of 13:23, 6 February 2023

जब किसी कण पर कोई आवेश होता है तो उन्हें आयन कहते हैं "परमाणु अथवा परमाणुओं का वह समूह जिस पर कोई आवेश विधमान होता है आयन कहलाते हैं ये धनावेशित अथवा ऋणावेशित दोनों हो सकते हैं"।

उदाहरण: Na+, Ca+2, K+, Al+3 , Cl - ,Br-

आयन किस प्रकार प्राप्त होते हैं

परमाणु के केंद्र में एक धनावेशित भाग होता है जिसे नाभिक कहते हैं, नाभिक में प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन होते हैं प्रोटोन धनावेशित होता है और न्यूट्रॉन उदासीन होता है, धनावेशित प्रोटोन की उपस्थित के कारण नाभिक धनावेशित होता है और इलेक्ट्रान नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं ये इलेक्ट्रान ऋणावेशित होते हैं, धनावेशित प्रोटोन और ऋणावेशित इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर होती है। यदि बाहर से कोई इलेक्ट्रान अंदर आ जाता है तो इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है जिससे उस पर ऋणावेश भी बढ़ जाता है और अगर परमाणु से कोई इलेक्ट्रान बहार निकल जाता है तो उस पर धनावेश बढ़ जाता है और इस प्रकार धनायन और ऋणायन प्राप्त होते हैं।

आयन के प्रकार

धातु एवं अधातु युक्त आवेशित यौगिक आयन कहलाते हैं। आयन दो प्रकार के होते हैं:

  1. धनायन: वे आयन जो धनावेशित होते हैं धनायन कहलाते हैं। एक धनायन में इलेक्ट्रॉनों की तुलना में अधिक प्रोटॉन होते हैं, फलस्वरूप उस पर एक धन आवेश होता है। एक धनायन बनाने के लिए आयन, एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों को बाहर निकाल देता है, उदाहरण सिल्वर (Ag) एक इलेक्ट्रॉन निकालकर Ag+ बन जाता है, जबकि जिंक (Zn) दो इलेक्ट्रॉन निकालकर Zn2+ बन जाता है।
  2. ऋणायन: आयनों में प्रोटॉन की तुलना में अधिक इलेक्ट्रॉन होते हैं, फलस्वरूप इसे ऋणात्मक आवेश देते हैं। एक आयन बनाने के लिए, एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों को प्राप्त किया जाना चाहिए। प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या, और इसलिए आयन का आवेश, रासायनिक प्रतीक के बाद इंगित किया जाता है, उदाहरण क्लोरीन (Cl) एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके Cl- बन जाती है, जबकि सल्फर (S) दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके S2- बन जाती है।

धनावेशित आयन और उनके प्रतीक

आयन का नाम संकेत
कॉपर आयन Cu+2
सिल्वर आयन Ag+1
पोटेशियम आयन K+1
कोबाल्ट आयन Co+2
आयरन आयन Fe+2
ज़िंक आयन Zn+2
हाइड्रोजन आयन H+1

ऋणावेिशत आयन और उनके प्रतीक

आयन का नाम संकेत
हाइड्राइड H-
क्लोराइड Cl-
ब्रोमाइड Br-
आयोडाइड I-
ऑक्साइड O-2
सल्फाइड S-2
नाइट्राइड N-3

दो आयन मिलकर एक यौगिक का निर्माण करते हैं उदाहरण के लिए AgCl में एक धनावेशित आयन और एक ऋणावेशित आयन उपस्थित होता है धनावेशित आयन Ag+ है और ऋणावेशित आयन Cl- है, बिलकुल ऐसे ही अगर CaCl2 की बात की जाये तो CaCl2 भी दो आयनों से मिलकर बना होता है जिसमे धनावेशित आयन Ca+2 और ऋणावेशित आयन Cl- होता है।

बहुपरमाणुक आयन

परमाणुओं के समूह जिन पर नेट आवेश विद्यमान होता है उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं।

उदाहरण: कार्बोनेट आयन CO3-2 सल्फेट आयन SO4-2

आइये कार्बोनेट आयन से बनने वाले यौगिकों के बारे में जानते हैं

उदाहरण: सोडियम सल्फेट Na2SO4

कैल्सियम सल्फेट CaSO4

आयन प्रतीक
अमोनियम आयन NH4+
हाइड्रॉक्साइड आयन OH-
कार्बोनेट CO3-2
सल्फेट SO4-2
फास्फेट PO4-3

यौगिकों के आयनन

किसी भी यौगिकों का आयनन करने के लिए उसका वैधुत अपघटन किया जाता है।  

उदाहरण: AlCl3 का वैद्युत अपघटन करने पर निम्नलिखित आयन प्राप्त होते हैं: