फेन प्लवन विधि: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
 
Line 1: Line 1:
[[Category:तत्वों के निष्कर्षण के सिद्धांत एवं प्रक्रम]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:अकार्बनिक रसायन]]
[[Category:तत्वों के निष्कर्षण के सिद्धांत एवं प्रक्रम]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:अकार्बनिक रसायन]]
[[Category:Vidyalaya Completed]]
[[Category:Vidyalaya Completed]]
धातुओं को उनके अयस्कों से स्वतंत्र और शुद्ध अवस्था में प्राप्त करने की प्रक्रिया को धातुकर्म या धातु का निष्कर्षण कहते हैं तथा इस प्रक्रिया में होने वाली अभिक्रियाएँ धातुकर्म कहलाती हैं।   
धातुओं को उनके अयस्कों से स्वतंत्र और शुद्ध अवस्था में प्राप्त करने की प्रक्रिया को [[धातुकर्म]] या धातु का निष्कर्षण कहते हैं तथा इस प्रक्रिया में होने वाली अभिक्रियाएँ धातुकर्म कहलाती हैं।   
===धातुओं का निष्कर्षण===
===धातुओं का निष्कर्षण===
भूमिगत गहराई में दबे धातु के अयस्कों को निकालने की प्रक्रिया को खनन कहा जाता है। अयस्कों से धातुओं का निष्कर्षण करने से हमे धातु प्राप्त होती है जिससे हम उसे अयस्क के रूप में प्रयोग करते हैं। अयस्क उन तैयार धातुओं से बहुत भिन्न होते हैं जिन्हें हम इमारतों और पुलों में देखते हैं। अयस्कों में उपस्थित धातु के आलावा जो भी अशुद्धियाँ होती हैं उन्हें गैंग कहा जाता है। धातुओं का निष्कर्षण और उनका पृथक्करण कुछ प्रमुख चरणों में होता है:
भूमिगत गहराई में दबे धातु के अयस्कों को निकालने की प्रक्रिया को खनन कहा जाता है। अयस्कों से धातुओं का निष्कर्षण करने से हमे [[धातु]] प्राप्त होती है जिससे हम उसे [[अयस्क]] के रूप में प्रयोग करते हैं। अयस्क उन तैयार धातुओं से बहुत भिन्न होते हैं जिन्हें हम इमारतों और पुलों में देखते हैं। अयस्कों में उपस्थित धातु के आलावा जो भी अशुद्धियाँ होती हैं उन्हें गैंग कहा जाता है। धातुओं का निष्कर्षण और उनका पृथक्करण कुछ प्रमुख चरणों में होता है:
*अयस्क की सांद्रता
*अयस्क की सांद्रता
*अयस्क से धातु का पृथक्करण
*अयस्क से धातु का पृथक्करण
Line 27: Line 27:


* धातुकर्म से आप क्या समझते हैं?
* धातुकर्म से आप क्या समझते हैं?
* खनिज से आप क्या समझते हैं?
* [[खनिज]] से आप क्या समझते हैं?
* ताँबा के कुछ प्रमुख अयस्क कौन कौन से हैं?
* ताँबा के कुछ प्रमुख अयस्क कौन कौन से हैं?
* फेन प्लवन विधि किन अयस्कों के सांद्रण प्रयुक्त किये जाते हैं।
* फेन प्लवन विधि किन अयस्कों के सांद्रण प्रयुक्त किये जाते हैं।

Latest revision as of 16:33, 30 May 2024

धातुओं को उनके अयस्कों से स्वतंत्र और शुद्ध अवस्था में प्राप्त करने की प्रक्रिया को धातुकर्म या धातु का निष्कर्षण कहते हैं तथा इस प्रक्रिया में होने वाली अभिक्रियाएँ धातुकर्म कहलाती हैं।

धातुओं का निष्कर्षण

भूमिगत गहराई में दबे धातु के अयस्कों को निकालने की प्रक्रिया को खनन कहा जाता है। अयस्कों से धातुओं का निष्कर्षण करने से हमे धातु प्राप्त होती है जिससे हम उसे अयस्क के रूप में प्रयोग करते हैं। अयस्क उन तैयार धातुओं से बहुत भिन्न होते हैं जिन्हें हम इमारतों और पुलों में देखते हैं। अयस्कों में उपस्थित धातु के आलावा जो भी अशुद्धियाँ होती हैं उन्हें गैंग कहा जाता है। धातुओं का निष्कर्षण और उनका पृथक्करण कुछ प्रमुख चरणों में होता है:

  • अयस्क की सांद्रता
  • अयस्क से धातु का पृथक्करण
  • धातु का शुद्धिकरण

अयस्क की सांद्रता

फेन प्लवन विधि का उपयोग सल्फाइड अयस्क के सांद्रण में प्रयुक्त की जाती है। फेन प्लवन विधि में बारीक पिसे हुए सल्फाइड अयस्क को जल तथा चीण के तेल में मिलाकर टैंक में मिलाते हैं, बारीक पिसे हुए अयस्क को जल तथा तेल के मिश्रण में डालकर ऊपर से गर्म वायु प्रवाहित की जाती है। अशुद्ध अयस्क तेल के साथ झाग (फेन) बनाकर ऊपर तैरने लगता है जिससे शुद्ध अयस्क झाग के रूप में ऊपर आ जाता है और अशुद्धियाँ तली में बैठ जाती हैं।

सिल्वर ग्लांस - Ag2S

कॉपर ग्लांस - Cu2S

कॉपर पाइराइट - CuFeS2

गैलना - PbS

उदाहरण

ज़िंक सल्फाइड में NaCN अवनमक के रूप में प्रयोग किया जाता है जिससे एक संकर यौगिक प्राप्त होता है यह फेन बंनने से रोकता है।

अभ्यास प्रश्न

  • धातुकर्म से आप क्या समझते हैं?
  • खनिज से आप क्या समझते हैं?
  • ताँबा के कुछ प्रमुख अयस्क कौन कौन से हैं?
  • फेन प्लवन विधि किन अयस्कों के सांद्रण प्रयुक्त किये जाते हैं।