पॉलीएक्रिलोनाइट्राइल: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

No edit summary
Line 2: Line 2:
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:कक्षा-12]]
[[Category:कक्षा-12]]
[[Category:Vidyalaya Completed]]
पॉलीएक्रिलोनाइट्राइल एक योगात्मक समबहुलक बहुलक है, एक ही प्रकार की एकलक यौगिकों के बहुलकीकरण से बनने वाले योगज बहुलक को समबहुलक कहा जाता है। जैसे पॉलीस्टायरीन का एकमात्र मोनोमर स्टायरीन ही है। बहुलक या पाॅलीमर (polymer) बहुत अधिक अणुभार वाला कार्बनिक यौगिक है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता है, के बहुत अधिक इकाईयों के बहुलकीकरण  से प्राप्त होता है। बहुलक में एक ही प्रकार की अनेक आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ अर्थात मोनोमर होते हैं जो सह संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से आपस में जुड़े होते हैं। इस क्रिया को बहुलकीकरण कहते हैं।
पॉलीएक्रिलोनाइट्राइल एक योगात्मक समबहुलक बहुलक है, एक ही प्रकार की एकलक यौगिकों के बहुलकीकरण से बनने वाले योगज बहुलक को समबहुलक कहा जाता है। जैसे पॉलीस्टायरीन का एकमात्र मोनोमर स्टायरीन ही है। बहुलक या पाॅलीमर (polymer) बहुत अधिक अणुभार वाला कार्बनिक यौगिक है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता है, के बहुत अधिक इकाईयों के बहुलकीकरण  से प्राप्त होता है। बहुलक में एक ही प्रकार की अनेक आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ अर्थात मोनोमर होते हैं जो सह संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से आपस में जुड़े होते हैं। इस क्रिया को बहुलकीकरण कहते हैं।



Revision as of 12:00, 2 January 2024

पॉलीएक्रिलोनाइट्राइल एक योगात्मक समबहुलक बहुलक है, एक ही प्रकार की एकलक यौगिकों के बहुलकीकरण से बनने वाले योगज बहुलक को समबहुलक कहा जाता है। जैसे पॉलीस्टायरीन का एकमात्र मोनोमर स्टायरीन ही है। बहुलक या पाॅलीमर (polymer) बहुत अधिक अणुभार वाला कार्बनिक यौगिक है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता है, के बहुत अधिक इकाईयों के बहुलकीकरण  से प्राप्त होता है। बहुलक में एक ही प्रकार की अनेक आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ अर्थात मोनोमर होते हैं जो सह संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से आपस में जुड़े होते हैं। इस क्रिया को बहुलकीकरण कहते हैं।

बहुलक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों 'पॉली' अर्थात अनेक और मर अर्थात इकाई अथवा भाग से हुई है बहुलकों का अणुभार बहुत उच्च होता है जिनका द्रव्यमान बहुत अधिक होता है उसे बृहदणु भी कहा जाता है ये कई मोनोमर इकाइयों के आपस में जुड़ने से बनते हैं ये सभी इकाइयां एक दूसरे से सहसहयोजक बंधों द्वारा जुडी होती हैं।

बहुलकन के प्रकार

यह दो प्रकार की बहुलकन अभिक्रिया होती हैं:

  • योगज बहुलकन
  • संघनन बहुलकन

योगात्मक बहुलकन

इस प्रकार के बहुलक में एक अथवा भिन्न प्रकार के एकलक अणु परस्पर योग करते हैं इसमें प्रयुक्त होने वाले बहुलक असंतृप्त योगिक होते हैं। जैसे - एल्कीन इस विधि में श्रंख्ला की लम्बाई में वृद्धि होती है यह मुक्त मूलक द्वारा होती है।

पॉलीऐक्रिलोनाइट्राइल

ऐक्रिलोनाइट्राइल का परॉक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थित में योगात्मक बहुलकीकरण द्वारा पॉलीऐक्रिलोनाइट्राइल बनता है। इसका उपयोग ऊन के रूप में अरलॉन अथवा ऐक्रिलन बनाने में किया जाता है। पॉलीएक्रिलोनिट्राइल, जिसे प्रायः एक्रिलोनिट्राइल मोनोमर्स से प्राप्त एक सिंथेटिक बहुलक है।

भौतिक गुण

  • पॉलीएक्रिलोनिट्राइल एक सिंथेटिक फाइबर है जो गर्मी और रसायनों के प्रति अपनी ताकत और प्रतिरोध के लिए जाना जाता है।
  • इसका उपयोग प्रायः वस्त्रों और कपड़ों में किया जाता है, जो आराम और स्थायित्व का संतुलन प्रदान करता है।

उपयोग

  • पॉलीएक्रिलोनिट्राइल जल और कई रसायनों के प्रति अच्छा प्रतिरोध प्रदर्शित करता है।
  • पॉलीएक्रिलोनिट्राइल के महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों में से एक कार्बन फाइबर के उत्पादन के लिए अग्रदूत के रूप में इसका उपयोग है। कार्बन फाइबर उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान, एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव और अन्य उन्नत अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने वाले उच्च शक्ति वाले कार्बन फाइबर प्राप्त करने के लिए, पैन को स्थिरीकरण और कार्बोनाइजेशन सहित कई अभिक्रियों से गुजरना पड़ता है।
  • पैन का उपयोग सामान्यतः कपड़ा उद्योग में ऐक्रेलिक फाइबर के उत्पादन के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग कपड़े, असबाब और अन्य कपड़ा उत्पादों में किया जाता है।

अभ्यास प्रश्न

  • योगात्मक बहुलक से आप क्या समझते है ?
  • पॉलीऐक्रिलोनाइट्राइल बनाने का समीकरण लिखिए।
  • योगात्मक बहुलकन से क्या तात्पर्य है ?